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चिनार के पेड़ों के लिये आधार

  • 29 Jan 2025
  • 2 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

जम्मू और कश्मीर  (J&K) सरकार ने क्षेत्र के प्रतिष्ठित चिनार के पेड़ों ( प्लैटैनस ओरिएंटलिस वेर. कैशमेरियाना) को संरक्षित करने के लिये "ट्री आधार" मिशन की शुरुआत की है, जिसके तहत पेड़ों की जियो-टैगिंग और मैपिंग की जाएगी, जिससे विस्तृत जनगणना के माध्यम से प्रत्येक पेड़ को एक विशिष्ट पहचान मिलेगी।

चिनार का वृक्ष:

  • प्रकार: प्लैटेनेसी प्रजाति का पर्णपाती वृक्ष।
  • विशेषताएँ: यह पूर्वी हिमालय के ठंडे, जल-समृद्ध क्षेत्रों में मूल रूप से पाया जाता है, जिसकी लंबाई 10-15 मीटर की परिधि के साथ 30 मीटर तक हो सकती है। 
    • इसे परिपक्व होने में 30-50 वर्ष तथा पूर्ण आकार तक पहुँचने में 150 वर्ष तक का समय लगता है।
  • संरक्षण स्थिति:
    • आईयूसीएन: अपर्याप्त आँकड़े
    • महत्त्व: मुगल काल (जहाँगीर) के दौरान नामित यह वृक्ष, जम्मू-कश्मीर का राज्य वृक्ष है, तथा विशेष रूप से शरद ऋतु में एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है।
      • यह स्थानीय कला, साहित्य और शिल्प जैसे पेपर-मैचे और कालीनों या (कारपेट) में सांस्कृतिक महत्त्व रखता है। 

वृक्ष आधार मिशन: 

  • वर्ष 2021 में शुरू किया गया यह मिशन अनाधिकृत कटाई को रोकने के लिये चिनार के पेड़ों पर निगरानी रखता है ।
  • 28,560 से अधिक पेड़ों को अद्वितीय वृक्ष आधार संख्या के साथ जियो-टैग किया गया है। 
  • प्रत्येक पेड़ पर GIS तकनीक का उपयोग करते हुए एक QR कोड लगाया गया है, जो उसके स्थान, ऊँचाई, परिधि, स्वास्थ्य और पारिस्थितिक खतरों के बारे में विवरण प्रदान करता है।

Chinar_Trees

और पढ़ें: IUCN का पहला वैश्विक वृक्ष मूल्यांकन

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