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72% करदाताओं ने नई कर व्यवस्था को चुना

  • 08 Aug 2024
  • 2 min read

स्रोत : द हिंदू

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने बताया कि वर्ष 2023-24 में 72% आयकर (आईटी) करदाताओं ने नई कर व्यवस्था को चुना। 

  • वर्ष 2024-25 के लिये दाखिल किये गए 7.28 करोड़ आईटी रिटर्न में से 5.27 करोड़ नई व्यवस्था  के तहत थे। 
  • आयकर रिटर्न दाखिल करने में वृद्धि: आकलन वर्ष 2024-25 में दाखिल किये गए रिटर्न में 7.5% की वृद्धि देखी गई, जिसमें पहली बार फाइल करने वालों से लगभग 58.6 लाख रिटर्न आए, जो कर आधार के विस्तार का संकेत है।

कर संरचना में परिवर्तन: 

  • नई कर व्यवस्था को डिफाॅल्ट विकल्प बनाया गया, जिसमें कर स्लैब 6 से घटाकर 5 कर दिये गए। 
  • कर-मुक्त आय सीमा 2.5 लाख रुपए से बढ़कर 3 लाख रुपए हो गई। 
  • नई व्यवस्था के तहत कर छूट की सीमा 5 लाख रुपए से बढ़ाकर 7 लाख रुपए कर दी गई।
  • मानक कटौती 50,000 रुपए से बढ़ाकर 75,000 रुपए कर दी गई।
  • भारत का शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह वर्ष 2023-24 में 17.7% बढ़कर 19.58 लाख करोड़ रुपए तक पहुँच गया, जिसका मुख्य कारण व्यक्तिगत आयकर में वृद्धि है, जो अब कुल कर राजस्व का 53.3% है, जो वर्ष 2022-23 में 50.06% था। 
  • प्रत्यक्ष कर वे कर हैं, जो एक व्यक्ति सीधे सरकार को देता है, जैसे आयकर, मतदान कर, भूमि कर, निगम कर और व्यक्तिगत संपत्ति कर।

और पढ़ें: व्यक्तिगत आयकर और अप्रत्यक्ष कर का बढ़ता हिस्सा

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