पेरू में 4,000 वर्ष पुराना मंदिर | 09 Jul 2024

स्रोत: टाइम्स ऑफ इंडिया

पुरातत्त्वविदों के एक दल ने प्रशांत महासागर के पास उत्तरी पेरू के लाम्बायेक क्षेत्र के जाना नामक स्थान पर रेत के टीले में दबे 4,000 वर्ष पुराने एक अनुष्ठानिक मंदिर का पता लगाया है, जिसमें कंकाल के अवशेष मिले हैं, जिनसे पता चलता है कि यह प्राचीन धार्मिक अनुष्ठानों के लिये चढ़ावा चढ़ाया जाता था।

  • बहुमंज़िला इमारत के भीतर तीन वयस्कों के कंकाल मिले। अवशेषों में से एक के साथ प्रसाद भी रखा हुआ था और संभवतः उसे लिनन या कपड़े में लपेटा गया था।
  • एक मंदिर की दीवार पर एक उच्च-उभरा चित्र एक पौराणिक आकृति को दर्शाता है, जिसमें मानव शरीर और पक्षी का सिर है, जो कि पूर्व-हिस्पैनिक चाविन संस्कृति से पहले का है।
    • चाविन सभ्यता 900-250 ईसा पूर्व के बीच पेरू के उत्तरी एंडियन हाइलैंड्स में विकसित हुई थी। यह मोस्ना घाटी में स्थित थी, जहाँ मोस्ना और हुआचेसा नदियाँ मिलती हैं। यह अब यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल (चाविन डी हुआंतार) है।
  • निकटवर्ती उत्खनन से मोचे संस्कृति से संबंधित एक अन्य मंदिर का पता चला, जो लगभग 1,400 वर्ष पुराना है।
    • मोचे संस्कृति, जिसे मोचिका संस्कृति के नाम से भी जाना जाता है, पेरू के उत्तरी तट पर लगभग 100 ई. से 800 ई. के बीच फली-फूली। पेरू के शुष्क उत्तरी तट के साथ नदी घाटियों में फली-फूली।
  • उत्तरी पेरू पवित्र शहर कैरल (5,000 वर्ष पुराना) जैसे प्राचीन समारोह परिसरों के लिये जाना जाता है।
    • पेरू का सबसे प्रमुख पुरातात्त्विक स्थल इंका सिटाडेल माचू पिच्चू (Incan citadel Machu Picchu) है, जिसका निर्माण 15वीं शताब्दी के मध्य में हुआ था।

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