तीसरी भारत - जापान इस्पात वार्ता | 07 Feb 2025
स्रोत: पी.आई.बी.
नई दिल्ली में आयोजित तीसरी भारत-जापान इस्पात वार्ता में दोनों देशों ने आर्थिक विकास, इस्पात व्यापार और तकनीकी सहयोग पर चर्चा की।
- संस्थागत तंत्र: यह वार्ता इस्पात क्षेत्र पर सहयोग ज्ञापन (MoC) का हिस्सा है, जिस पर वर्ष 2020 में दोनों देशों के बीच हस्ताक्षर किये गए थे, जिसका उद्देश्य सतत् विकास, नवाचार और कार्यस्थल सुरक्षा को बढ़ावा देना है।
- परिणाम: भारत ने जापानी कंपनियों के लिये व्यापार में सुगमता का आश्वासन दिया, जबकि जापान ने नई इस्पात प्रौद्योगिकियों में निवेश के लिये अपने समर्थन की पुष्टि की।
- दोनों पक्षों ने यूरोपीय संघ के कार्बन सीमा समायोजन तंत्र (EU CBAM) और इस्पात व्यापार पर इसके प्रभाव पर अपने दृष्टिकोण साझा किये।
- EU CBAM: यह आयातित वस्तुओं पर कार्बन उत्सर्जन का मूल्य निर्धारण करने और वैश्विक स्तर पर स्वच्छ औद्योगिक उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये EU की प्रणाली है।
- CBAM के संक्रमणकालीन चरण (2023-2025) में रिपोर्टिंग दायित्व शामिल हैं, जिसका पूर्ण वित्तीय कार्यान्वयन वर्ष 2026 से होगा, जिसमें लोहा, इस्पात, सीमेंट, उर्वरक, एल्यूमीनियम, विद्युत् और हाइड्रोजन शामिल होंगे।
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