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IMO का 132वाँ सत्र

  • 17 Jul 2024
  • 2 min read

स्रोत: पी.आई.बी. 

भारतीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय ने लंदन में अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (International Maritime Organization -IMO) की परिषद के 132वें सत्र में भाग लिया।

  • अंतर्राष्ट्रीय समुद्री व्यापार में बड़ी रुचि रखने वाले देशों के लिये IMO परिषद के निर्वाचित सदस्य के रूप में भारत ने नाविकों के परित्याग के ज्वलंत मुद्दे पर प्रकाश डाला।
    • नाविक वे लोग होते हैं जो जहाज़ों पर काम करते हैं या जो समुद्र में नियमित रूप से यात्रा करते हैं।
  • भारत ने संयुक्त त्रिपक्षीय कार्य समूह में IMO का प्रतिनिधित्व करने वाली आठ सरकारों में से एक के रूप में अपना स्थान सुरक्षित कर लिया है, जो नाविकों के मुद्दों और समुद्री परिचालनों में मानवीय तत्त्व के समाधान के लिये समर्पित है।
    • अन्य प्रस्तावित सदस्य हैं फिलीपींस, थाईलैंड, लाइबेरिया, पनामा, ग्रीस, अमेरिका और फ्राँस।
  • लाल सागर, अदन की खाड़ी तथा आस-पास के क्षेत्रों में व्यवधानों से संबंधित चिंताओं पर भी विचार किया गया, जिससे शिपिंग तथा व्यापार लॉज़िस्टिक्स पर प्रभाव पड़ रहा है।
  • भारत ने सतत् समुद्री परिवहन के लिये दक्षिण एशियाई उत्कृष्टता केंद्र (SACE-SMarT) के लिये अपना प्रस्ताव दोहराया।
    • इस क्षेत्रीय केंद्र का उद्देश्य भारत और दक्षिण एशिया में समुद्री क्षेत्र को तकनीकी रूप से उन्नत, पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ तथा डिजिटल रूप से कुशल उद्योग में बदलना है।
    • यह केंद्र ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने, तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देने, क्षमता निर्माण और डिजिटल संक्रमण पर ध्यान केंद्रित करेगा।

और पढ़ें: अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन

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