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12वाँ रीजनल 3R और सर्कुलर इकोनॉमी फोरम

  • 05 Mar 2025
  • 6 min read

स्रोत: पी.आई.बी.

चर्चा में क्यों?

भारत (जयपुर, राजस्थान) ने एशिया और प्रशांत क्षेत्र में 12वें रीजनल 3R और सर्कुलर इकोनॉमी फोरम की मेजबानी की, जिसमें धारणीय अपशिष्ट प्रबंधन तथा सर्कुलर अर्थव्यवस्था पर प्रकाश डाला गया।

  • सर्कुलर इकोनॉमी में धारणीय, पुन: प्रयोज्य तथा पुनर्चक्रणीय उत्पादों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है तथा इससे यह सुनिश्चित होता है कि सामग्रियों के निरंतर उपयोग के साथ इनके पुन:प्रयोजन तथा पुन:निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया जाए।

12वीं रीजनल फोरम बैठक की मुख्य बातें क्या हैं?

  • परिचय: यह एक क्षेत्रीय मंच है जो एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 3R (रिड्यूस, रीयूज़, रीसाइकिल) सिद्धांतों एवं सर्कुलर अर्थव्यवस्था प्रथाओं को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
    • यह संसाधन दक्षता रणनीतियों को लोकप्रिय करने के क्रम में नीति निर्माताओं, उद्योग जगत के नेताओं, शोधकर्त्ताओं एवं साझेदारों को एक साथ लाने में भूमिका निभाता है।
  • ऐतिहासिक संदर्भ: इसे 3R सिद्धांतों और संसाधन दक्षता को  बढ़ावा देने के क्रम में वर्ष 2009 में शुरू किया गया था।
    • हनोई 3R घोषणा (2013-2023) के तहत संसाधन-कुशल तथा सर्कुलर अर्थव्यवस्था हेतु 33 स्वैच्छिक लक्ष्य निर्धारित किये गए।

Meeting_Timeline

  • विषय: एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सतत विकास लक्ष्य और कार्बन तटस्थता प्राप्त करने की दिशा में सर्कुलर सोसायटी का निर्माण।
  • उद्देश्य: संसाधन-कुशल, कम कार्बन एवं अनुकूल एशिया-प्रशांत हेतु एक स्वैच्छिक, गैर-बाध्यकारी "3R और सर्कुलर इकोनॉमी घोषणा (2025-2034)" पर चर्चा और सहमति व्यक्त करना।
    • शून्य अपशिष्ट शहरों तथा समाजों के निर्माण की दिशा में एक सर्कुलर इकोनॉमी अलायंस नेटवर्क (CEAN) के विकास हेतु चर्चा करना।
    • शुद्ध-शून्य लक्ष्यों एवं सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के क्रम में सर्कुलर अर्थव्यवस्था रणनीतियों पर चर्चा करना। 
  • प्रमुख घोषणाएँ: 
    • P-3 (प्रो प्लैनेट पीपुल) दृष्टिकोण: भारत के प्रधानमंत्री ने धारणीय जीवन शैली एवं पर्यावरण अनुकूल व्यवहार के क्रम में P-3 दृष्टिकोण का समर्थन किया।
    • सिटीज़ कोएलिशन फॉर सर्कुलरिटी (C-3): C-3 शहरी सहयोग, ज्ञान-साझाकरण एवं निजी क्षेत्र की साझेदारी हेतु एक वैश्विक गठबंधन है।
    • सिटीज़ 2.0: सिटीज़ 2.0 (नवाचार, एकीकरण एवं स्थिरता हेतु शहरी क्षेत्र में निवेश) के लिये एक महत्त्वपूर्ण समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए, जो एकीकृत अपशिष्ट प्रबंधन और जलवायु कार्रवाई पर केंद्रित है।

और पढ़ें: सर्कुलर अर्थव्यवस्था क्या है?

सर्कुलर इकोनॉमी और 3R नीतियों में भारत का नेतृत्व

  • स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (SBM-U): घरेलू शौचालय निर्माण लक्ष्य का 108.62% हासिल किया गया तथा 80.29% ठोस अपशिष्ट का सफलतापूर्वक प्रसंस्करण किया गया।
  • गोबर-धन योजना: 1,008 बायोगैस संयंत्र संचालन में हैं, जिनके तहत भारत के 67.8% ज़िले कवर हैं।
  • ई-अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2022: वित्त वर्ष 2024-25 में एकत्रित 5,82,769 मीट्रिक टन ई-कचरा में से 5,18,240 मीट्रिक टन का सफलतापूर्वक पुनर्चक्रण किया गया।
  • प्लास्टिक के लिये विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व (EPR) : भारत में 1 जुलाई 2022 को एकल उपयोग प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया गया।

  यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न  

प्रिलिम्स

प्रश्न. पुराने और प्रयुक्त कंप्यूटरों या उनके पुर्जों के असंगत/अव्यवस्थित निपटान के कारण निम्नलिखित में से कौन-से ई-अपशिष्ट के रूप में पर्यावरण में निर्मुक्त होते हैं? (2013)

1- बेरिलियम
2- कैडमियम
3- क्रोमियम
4- हेप्टाक्लोर
5- पारद
6- सीसा
7- प्लूटोनियम

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1, 3, 4, 6 और 7
(b) केवल 1, 2, 3, 5 और 6
(c) केवल 2, 4, 5 और 7
(d) 1, 2, 3, 4, 5, 6 और 7

उत्तर: (b) 


प्रश्न. भारत में निम्नलिखित में से किसमें एक महत्त्वपूर्ण विशेषता के रूप में 'विस्तारित उत्पादक दायित्त्व' आरंभ किया गया था? (2019) 

(a) जैव चिकित्सा अपशिष्ट (प्रबंधन और हस्तन) नियम, 1998
(b) पुनर्चक्रित प्लास्टिक (विनिर्माण और उपयोग) नियम, 1999
(c) ई-वेस्ट (प्रबंधन और हस्तन) नियम, 2011
(d) खाद्य सुरक्षा और मानक विनियम, 2011

उत्तर: (c)

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