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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

कृत्रिम बुद्धिमत्ता के अनुप्रयोग

  • 07 Jun 2024
  • 21 min read

यह एडिटोरियल 06/06/2024 को ‘लाइवमिंट’ में प्रकाशित “When AI weds molecular biology, miracle treatments are born” लेख पर आधारित है। इसमें चिकित्सा अनुसंधान और उपचार के क्षेत्र में आणविक जीव विज्ञान के साथ कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के संयोजन की परिवर्तनकारी क्षमता के बारे में चर्चा की गई है।

प्रिलिम्स के लिये:

 कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), विभिन्न क्षेत्रों में AI के अनुप्रयोग, डीपमाइंड का अल्फाफोल्ड, जेनरेटिव एआई, यूरोपीय संसद का कृत्रिम बुद्धिमत्ता अधिनियम

मेन्स के लिये:

 कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उदय के साथ प्रमुख चुनौतियाँ, एआई द्वारा उत्पन्न चुनौतियों को दूर करने के उपाय

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial intelligence- AI) हमारे जीवन के ताने-बाने से जुड़ गई है जहाँ वर्चुअल असिस्टेंट होने से लेकर वैयक्तिक अनुशंसाएँ प्रदान करने तक विभिन्न भूमिकाएँ निभा रही है। चिकित्सा, परिवहन और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में क्रांति ला सकने की इसकी क्षमता असीम प्रतीत होती है। हालाँकि AI की इस शक्ति के साथ ही विभिन्न जटिलताएँ भी उत्पन्न होती हैं जिन्हें संबोधित करने की आवश्यकता है।

AI का बढ़ता प्रभाव मानवता के भविष्य के बारे में गंभीर प्रश्न उठाता है। क्या AI प्रगति के लिये एक शक्तिशाली साधन बन जाएगा या यह अप्रत्याशित परिणामों की ओर ले जाएगा? क्या हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि AI विकास हमारे मूल्यों के अनुरूप हो और मानव स्वायत्तता की रक्षा करे? AI के प्रभाव की सूक्ष्म समझ को बढ़ावा देकर और खुले संवाद को प्रोत्साहित कर हम इसके विकास को एक ऐसे भविष्य के लिये आगे बढ़ा सकते हैं जहाँ सभी को लाभ प्राप्त हो।

विभिन्न क्षेत्रों में AI के अनुप्रयोग :

  • स्वास्थ्य देखभाल:
    • चिकित्सा निदान: AI चिकित्सा छवियों और डेटा का विश्लेषण कर नैदानिक सटीकता में सुधार लाता है। उदाहरण के लिये, यह मैमोग्राम (mammograms) में कैंसरग्रस्त घावों (cancerous lesions) का मानव रेडियोलॉजिस्ट की तुलना में अधिक सटीकता से पता लगा सकता है।
    • दवा की खोज: AI संभावित ड्रग कैंडिडेट की पहचान कर और उनकी प्रभावकारिता का पूर्वानुमान कर दवा खोज को गति प्रदान करता है। उदाहरण के लिये, डीपमाइंड (DeepMind) का अल्फाफोल्ड (AlphaFold) प्रोटीन संरचना के पूर्वानुमान में सहायता प्रदान करता है।
    • वैयक्तिक चिकित्सा (Personalized Medicine): AI जेनेटिक प्रोफाइल और चिकित्सा इतिहास का विश्लेषण कर अनुरूप उपचार योजनाएँ तैयार करता है। उदाहरण के लिये, कैंसर रोगियों के लिये कीमोथेरेपी खुराक को अनुकूलित करना।
  • शिक्षा:
    • इंटेलीजेंट ट्यूटरिंग सिस्टम (ITS): AI-संचालित ट्यूटरिंग सिस्टम प्रत्येक छात्र की सीखने की गति, सीखने की शैली और व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुकूल बनकर वैयक्तिक अधिगम अनुभव प्रदान कर सकते हैं।
    • अधिगम विश्लेषण (Learning Analytics): AI छात्रों के डेटा (जैसे उपस्थिति, सहभागिता और प्रदर्शन संबंधी) का विश्लेषण कर सकता है, ताकि पैटर्न की पहचान की जा सके और संभावित शैक्षणिक चुनौतियों या पढ़ाई छोड़ने के जोखिमों का पूर्वानुमान किया जा सके।
  • वित्त और बैंकिंग
    • धोखाधड़ी का पता लगाना: AI लेनदेन डेटा का विश्लेषण कर धोखाधड़ी गतिविधियों का पता लगाता है। उदाहरण के लिये, असामान्य क्रेडिट कार्ड व्यय पैटर्न को त्वरित रूप से चिह्नित करता है।
    • जोखिम प्रबंधन: AI निवेश, ऋण और पोर्टफोलियो में व्याप्त जोखिमों का मूल्यांकन करता है। उदाहरण के लिये, निवेश के अवसरों की पहचान करने के लिये बाज़ार के आँकड़ों का विश्लेषण करता है।
    • एल्गोरिदमिक ट्रेडिंग: AI डेटा विश्लेषण और पूर्वनिर्धारित एल्गोरिदम के आधार पर ‘ट्रेड’ का निष्पादन करता है। उदाहरण के लिये, हेज फंड में उच्च आवृत्ति ट्रेडिंग।
  • खुदरा और ई-कॉमर्स
    • खुदरा और ई-कॉमर्स: AI ग्राहक डेटा और पसंदों का विश्लेषण कर व्यक्तिगत उत्पाद अनुशंसाएँ प्रदान कर सकता है, जिससे खरीदारी का अनुभव बेहतर बन सकता है।
    • इन्वेंटरी प्रबंधन: AI प्रणालियाँ बिक्री डेटा, ग्राहक मांग पैटर्न और अन्य कारकों का विश्लेषण कर इन्वेंट्री स्तरों को अनुकूलित कर सकती हैं, जिससे ‘ओवरस्टॉकिंग’ एवं ‘स्टॉकआउट’ का जोखिम कम हो सकता है।
    • चैटबॉट और वर्चुअल असिस्टेंट: AI-संचालित चैटबॉट (Chatbots) और वर्चुअल असिस्टेंट (Virtual Assistants) ग्राहक सहायता प्रदान कर सकते हैं, प्रश्नों के उत्तर दे सकते हैं और ऑनलाइन शॉपिंग अनुभव में सहायता प्रदान कर सकते हैं।
  • विनिर्माण और लॉजिस्टिक्स:
    • पूर्वानुमानित रखरखाव: AI एल्गोरिदम मशीनों और उपकरणों से सेंसर डेटा का विश्लेषण कर संभावित विफलताओं का पूर्वानुमान लगा सकते हैं तथा रखरखाव (maintenance) को पूर्व-निर्धारित कर सकते हैं, जिससे ‘डाउनटाइम’ कम हो सकता है और दक्षता बढ़ सकती है।
    • आपूर्ति शृंखला अनुकूलन: AI विभिन्न स्रोतों—जैसे परिवहन मार्ग, मौसम की दशाएँ और मांग पैटर्न, से डेटा का विश्लेषण कर आपूर्ति शृंखला संचालन को अनुकूलित या इष्टतम कर सकता है, ताकि लागत को कम किया जा सके और आपूर्ति समय में सुधार किया जा सके।
    • स्वचालित गुणवत्ता नियंत्रण: AI-संचालित विज़न प्रणालियां उत्पादों के दोषों/खामियों का निरीक्षण कर सकती हैं, जिससे गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित होता है और मानवीय त्रुटि की मात्रा कम हो जाती है।
  • साइबर सुरक्षा:
    • खतरे का पता लगाना और प्रतिक्रिया देना: AI प्रणालियाँ नेटवर्क डेटा की विशाल मात्रा का विश्लेषण कर सकती हैं, संभावित साइबर खतरों की पहचान कर सकती हैं और त्वरित प्रतिक्रिया दे सकती हैं। जिससे साइबर हमलों के विरुद्ध बेहतर सुरक्षा प्राप्त होती है।
    • मैलवेयर विश्लेषण: AI एल्गोरिदम मैलवेयर नमूनों का विश्लेषण एवं वर्गीकरण कर सकते हैं, जिससे सुरक्षा शोधकर्ताओं को नए खतरों को समझने और प्रभावी प्रतिकारी उपाय विकसित करने में मदद मिलती है।
    • उपयोगकर्ता और इकाई व्यवहार विश्लेषण (User and Entity Behavior Analytics- UEBA): AI सामान्य व्यवहार पैटर्न के लिये आधार रेखाएँ स्थापित कर सकता है और विसंगतियों का पता लगा सकता है जो संभावित सुरक्षा उल्लंघनों या अंदरूनी खतरों का संकेत दे सकते हैं।
  • कृषि और खाद्य उत्पादन:
    • फसल निगरानी और उपज पूर्वानुमान: AI-संचालित ड्रोन और सॅटॅलाइट इमेज़री फसल स्वास्थ्य की निगरानी कर सकते हैं, कीटों एवं रोगों का पता लगा सकते हैं और फसल उपज का पूर्वानुमान कर सकते हैं, जिससे किसान सूचित निर्णय लेने तथा संसाधनों को इष्टतम करने में सक्षम होंगे।
    • परिशुद्ध कृषि (Precision Agriculture): AI प्रणालियाँ मृदा की स्थिति, मौसम पैटर्न और अन्य पर्यावरणीय कारकों का विश्लेषण कर जल, उर्वरकों एवं कीटनाशकों के सटीक उपयोग के लिये अनुशंसाएँ प्रदान कर सकती हैं, जिससे दक्षता में सुधार होगा और अपशिष्ट की मात्रा में कमी आएगी।
    • खाद्य सुरक्षा: AI-संचालित विज़न प्रणालियाँ खाद्य उत्पादों में संदूषकों (contaminants) का निरीक्षण कर सकती हैं, जिससे खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित होता है।
  • खेल क्षेत्र:
    • खिलाड़ी प्रदर्शन विश्लेषण: AI खिलाड़ी प्रदर्शन का मूल्यांकन करने, सुधार के क्षेत्रों की पहचान करने और आघातों को रोकने के लिये पहनने योग्य उपकरणों, वीडियो फुटेज और सेंसर से विशाल मात्रा में प्राप्त डेटा का विश्लेषण कर सकता है।
    • खेल के दौरान रणनीति और कार्यनीति: AI एल्गोरिदम त्वरित रूप से खेल डेटा, खिलाड़ी की स्थिति और ऐतिहासिक रणनीतियों का विश्लेषण कर सकते हैं, ताकि खेल के दौरान इष्टतम कार्यनीति और समायोजन की अनुशंसा की जा सके।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के उदय से जुड़ी प्रमुख चुनौतियाँ:

  • ‘ब्लैक बॉक्स’ पहेली: कई AI एल्गोरिदम, विशेष रूप से डीप लर्निंग मॉडल, अपारदर्शी ‘ब्लैक बॉक्स’ के रूप में कार्य करते हैं।
    • यद्यपि वे प्रभावशाली परिणाम दे सकते हैं, फिर भी उनकी निर्णय लेने की प्रक्रिया रहस्य में घिरी रहती है।
    • पारदर्शिता का यह अभाव व्याख्यात्मकता (explainability) और उत्तरदायित्व (accountability) में बाधा उत्पन्न करता है, विशेष रूप से स्वास्थ्य देखभाल और आपराधिक न्याय जैसे महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में।
  • ‘डेटा डाइलेमा’ (Data Dilemma): AI डेटा पर निर्भर करता है, लेकिन उपलब्ध डेटा की गुणवत्ता एवं मात्रा इसके प्रदर्शन और निष्पक्षता को महत्त्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती है।
    • प्रशिक्षण डेटासेट के भीतर मौजूद पूर्वाग्रहों को AI एल्गोरिदम द्वारा बढ़ाया जा सकता है, जिसके परिणामस्वरूप भेदभावपूर्ण परिणाम सामने आ सकते हैं।
    • उदाहरण के लिये, पक्षपातपूर्ण भर्ती डेटा पर प्रशिक्षित एक AI-संचालित भर्ती साधन, कुछ निश्चित की-वर्ड या शैक्षिक पृष्ठभूमि वाले बायोडाटा को प्राथमिकता प्रदान कर सकता है, जिससे योग्य उम्मीदवारों को अनुचित रूप से नुकसान हो सकता है।
  • नौकरी विस्थापन की समस्या: AI स्वचालन या ऑटोमेशन कार्यबल में व्यवधान उत्पन्न कर सकता है, जिसके परिणामस्वरूप संभावित रूप से व्यापक स्तर पर नौकरी विस्थापन की स्थिति बन सकती है।
    • यद्यपि नई नौकरियाँ भी सृजित होंगी, लेकिन इस परिवर्तन की गति और विस्थापित श्रमिकों के लिये पुनः प्रशिक्षण कार्यक्रमों की उपलब्धता चिंता का प्रमुख विषय बनी रहेंगी।
    • मैकिन्ज़ी ग्लोबल इंस्टीट्यूट (McKinsey Global Institute) के एक अध्ययन में अनुमान लगाया गया है कि वर्ष 2030 तक वैश्विक स्तर पर 800 मिलियन नौकरियाँ स्वचालित हो जाएँगी।
  • AI हथियारों की होड़ और अस्तित्वगत जोखिम: AI का तेज़ी से विकास राष्ट्रों के बीच AI हथियारों की होड़ (AI arms race) की चिंताजनक संभावना को जन्म देता है।
    • इससे स्वायत्त हथियार प्रणालियों का निर्माण हो सकता है जो मानव नियंत्रण से बाहर कार्य करेंगी और जिससे अस्तित्व के लिये गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है।
    • संसाधन संपन्न राष्ट्र और प्रौद्योगिकी दिग्गज कंपनियाँ AI अनुसंधान में सबसे आगे हैं, जिससे विकसित और विकासशील देशों के बीच AI को लेकर एक गंभीर विभाजन पैदा हो सकता है।
    • इलॉन मस्क (Elon Musk) जैसे कुछ विशेषज्ञों ने ‘सुपरइंटेलिजेंस’ (यानी AI द्वारा सभी पहलुओं में मानव बुद्धिमत्ता को पार कर जाना) की क्षमता के बारे में चेतावनी दी है।
  • मूल्य संरेखण समस्या (Value Alignment Problem): जैसे-जैसे AI प्रणालियाँ अधिक स्वायत्त एवं जटिल निर्णय लेने में सक्षम होती जाती हैं, वैसे-वैसे यह जोखिम भी उत्पन्न हो रहा है कि उनके मूल्य एवं उद्देश्य उनके मानव निर्माताओं से भिन्न हो सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप अनपेक्षित और संभावित रूप से हानिकारक परिणाम सामने आ सकते हैं।
    • इस चुनौती को AI शोधकर्त्ता स्टुअर्ट रसेल (Stuart Russell) की ‘किंग माइडस प्रॉब्लम’ (King Midas Problem) द्वारा उज़ागर किया गया था।
  • डीपफेक’ और गलत सूचना: AI-संचालित डीपफेक (Deepfakes) प्रौद्योगिकी अत्यधिक यथार्थपरक सिंथेटिक मीडिया (जैसे वीडियो, इमेज और ऑडियो) का सृजन कर सकती है, जो डिजिटल कंटेंट में सूचना एवं भरोसे की अखंडता के लिये एक महत्त्वपूर्ण खतरा उत्पन्न करती है।
    • उदाहरण के लिये, वर्ष 2022 में यूक्रेन के राष्ट्रपति के ऐसे डीपफेक वीडियो सामने आए, जिनमें उन्हें कथित तौर पर आत्मसमर्पण का आह्वान करते हुए दिखाया गया, जो संघर्ष या संकट के समय AI-जनित गलत सूचना की व्यापक क्षमता को उजागर करता है।

AI द्वारा उत्पन्न चुनौतियों पर काबू पाने के लिये क्या उपाय किये जा सकते हैं?

  • AI प्रणालियों के लिये मानकीकरण और प्रमाणन: AI प्रणालियों के लिये मानकीकृत परीक्षण प्रक्रियाओं और प्रमाणन प्रक्रियाओं का विकास किया जाए, जैसा कि अन्य प्रौद्योगिकियों के लिये पहले से मौजूद है।
    • इससे AI अनुप्रयोगों में सुरक्षा, संरक्षा और निष्पक्षता का एक आधारभूत स्तर सुनिश्चित किया जा सकता है।
  • एल्गोरिदमिक प्रभाव आकलन: सभी उच्च जोखिम वाले AI अनुप्रयोगों के लिये एल्गोरिदमिक प्रभाव आकलन (Algorithmic Impact Assessments- AIA) को अनिवार्य बनाया जाए। ये आकलन संभावित सामाजिक प्रभावों, नैतिक विचारों और प्रणाली के भीतर निहित संभावित पूर्वाग्रहों की पहचान कर सकेंगे।
  • एक्सप्लेनेबल AI (Explainable AI- XAI) टूल्स पर ध्यान केंद्रित करना: उपयोगकर्ता-अनुकूल XAI टूल्स के विकास में निवेश किया जाए। ये टूल्स या साधन डेवलपर्स को (और यहाँ तक कि गैर-विशेषज्ञों को भी) AI मॉडल के पीछे के तर्क को समझने में मदद करेंगे, जिससे वृहत विश्वास एवं पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा।
  • AI सुरक्षा के लिये AI (AI for AI Safety): पूरी तरह से मानवीय निगरानी पर निर्भर रहने के बजाय, अन्य AI प्रणालियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये AI का ही लाभ उठाने पर विचार किया जाए।
    • इसमें विशेषीकृत AI ‘वॉचडॉग’ विकसित करना शामिल हो सकता है जो संभावित पूर्वाग्रहों, सुरक्षा कमज़ोरियों या अनपेक्षित परिणामों के लिये अन्य AI प्रणालियों की निगरानी करेगा।
  • कार्यबल की अप-स्किलिंग एवं री-स्किलिंग: AI-संचालित स्वचालन के लिये अग्रसक्रिय कार्यबल विकास रणनीतियों की आवश्यकता है।
    • सरकारों, शैक्षिक संस्थानों, उद्योगों को साथ मिलकर कौशल उन्नयन एवं पुनः कौशल विकास कार्यक्रम उपलब्ध कराने चाहिये ताकि श्रमिकों को AI युग में सफल होने के लिये आवश्यक कौशल प्रदान किये जा सकें।
    • बदलते रोज़गार परिदृश्य में जीवनपर्यंत अधिगम (lifelong learning) को प्रोत्साहित करना महत्त्वपूर्ण होगा।
  • सुदृढ़ AI शासन ढाँचे की स्थापना करना: अस्तित्वगत जोखिमों को कम करने और नैतिक विकास सुनिश्चित करने के लिये सुदृढ़ AI शासन ढाँचे की आवश्यकता है।
    • उत्तरदायी AI विकास, तैनाती एवं उपयोग के लिये अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से दिशा-निर्देश एवं विनियमन स्थापित किये जा सकते हैं।
  • मानव-AI सहयोग को बढ़ावा देना: हमारा भविष्य AI द्वारा मानव को प्रतिस्थापित कर देने में नहीं, बल्कि मानव और AI के बीच प्रभावी सहयोग में निहित है।
    • हमारा ध्यान ऐसी AI प्रणालियों के विकास पर केंद्रित हो जो मानवीय सबलताओं एवं दुर्बलताओं को पूरक सहयोग प्रदान कर सकें।

अभ्यास प्रश्न: कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में तेज़ी से बदलाव ला रही है। उन नैतिक एवं विनियामक विचारों का विश्लेषण कीजिये जिन पर उत्तरदायी AI परिनियोजन सुनिश्चित करने के लिये ध्यान दिया जाना चाहिये।

 UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न 

प्रिलिम्स:

प्रश्न. विकास की वर्तमान स्थिति में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) निम्नलिखित में से किस कार्य को प्रभावी रूप से कर सकती है? (2020)

  1. औद्योगिक इकाइयों में विद्युत की खपत कम करना  
  2. सार्थक लघु कहानियों और गीतों की रचना   
  3. रोगों का निदान   
  4. टेक्स्ट-से-स्पीच (Text-to-Speech) में परिवर्तन   
  5. विद्युत ऊर्जा का बेतार संचरण

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1, 2, 3 और 5
(b) केवल 1, 3 और 4
(c) केवल 2, 4 और 5
(d) 1, 2, 3, 4 और 5

उत्तर: (b)

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