सामाजिक न्याय
विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस
- 15 Jun 2022
- 7 min read
प्रिलिम्स के लिये:विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस, एनजीओ, संयुक्त राष्ट्र महासभा, आईपीओपी, राष्ट्रीय वयोश्री योजना (आरवीवाई), पीएमवीवीवाई, वयोश्रेष्ठ सम्मान, सेज पहल। मेन्स के लिये:बुजुर्गों से संबंधित मुद्दे, सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस (WEAAD - 15 जून) की पूर्व संध्या पर, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने भारत में बुजुर्गों की स्थिति पर एक रिपोर्ट जारी की है।
- यह रिपोर्ट 22 शहरों में एक गैर-सरकारी संगठन द्वारा किये गए सर्वेक्षण पर आधारित थी।
प्रमुख बिंदु
बुजुर्ग दुर्व्यवहार:
- बुजुर्ग दुर्व्यवहार को ‘एक एकल’ या ‘बार-बार होने वाली घटना’ या उचित कार्रवाई की कमी के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जो किसी भी उस रिश्ते में हो सकती है जहांँ विश्वास की उम्मीद होती है और किसी बुजुर्ग व्यक्ति के नुकसान या परेशानी का कारण बनती है"।
- यह एक वैश्विक सामाजिक मुद्दा है जो दुनिया भर में लाखों वृद्ध व्यक्तियों के स्वास्थ्य और मानवाधिकारों को प्रभावित करता है तथा एक ऐसा मुद्दा है जो अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित करता है।
- वृद्ध दुर्व्यवहार एक ऐसी समस्या है जो विकासशील और विकसित दोनों देशों में मौजूद है, फिर भी आमतौर पर विश्व स्तर पर कम रिपोर्ट की जाती है।
- प्रसार दर या अनुमान केवल चयनित विकसित देशों में मौजूद हैं- 1% से 10% तक।
- यह एक वैश्विक बहुआयामी प्रतिक्रिया की मांग करता है, जो वृद्ध व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा पर केंद्रित है।
WEAAD से संबंधित प्रमुख बिंदु:
- परिचय:
- WEAAD का आयोजन हर वर्ष 15 जून को किया जाता है।
- इसे वर्ष 2011 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अपने संकल्प 66/127 में आधिकारिक रूप से मान्यता दी गई थी।
- थीम 2022:
- डिजिटल इक्विटी फॉर आल एजेज़ (Digital Equity for All Ages)।
- लक्ष्य:
- दुर्व्यवहार और नुकसान से ग्रसित बुजुर्ग लोगों की दुर्दशा के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
- इसका प्राथमिक लक्ष्य सांस्कृतिक, सामाजिक, आर्थिक और जनसांख्यिकीय कारकों के बारे में जागरूकता बढ़ाकर दुर्व्यवहार और उपेक्षा के संबंध में बेहतर समझ विकसित करना है।
- दुर्व्यवहार और नुकसान से ग्रसित बुजुर्ग लोगों की दुर्दशा के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
रिपोर्ट की प्रमुख विशेषताएंँ:
- आर्थिक स्थिति:
- भारत में 47% बुजुर्ग आर्थिक रूप से अपने परिवारों पर निर्भर हैं और 34% पेंशन और नकद हस्तांतरण पर निर्भर हैं, जबकि सर्वेक्षण में 40% लोगों ने "यथासंभव " काम करने की इच्छा व्यक्त की है।
- काम करने के इच्छुक नागरिक:
- सर्वेक्षण के अनुसार, 71% वरिष्ठ नागरिक काम नहीं कर रहे थे, जबकि 36% काम करने को तैयार थे और 40% “यथासंभव” काम करना चाहते थे।
- 30% से अधिक बुजुर्ग विभिन्न सामाजिक कार्यों के लिये अपना समय स्वेच्छा से देने को तैयार थे।
- सर्वेक्षण के अनुसार, 71% वरिष्ठ नागरिक काम नहीं कर रहे थे, जबकि 36% काम करने को तैयार थे और 40% “यथासंभव” काम करना चाहते थे।
- स्वास्थ्य सुविधाएंँ:
- 87% बुजुर्गों ने बताया कि आस-पास स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता है, हालांँकि 78% बुजुर्गों ने एप-आधारित ऑनलाइन स्वास्थ्य सुविधाओं की अनुपलब्धता का उल्लेख किया और 67% बुजुर्गों ने बताया कि उनके जीवन में इस महत्त्वपूर्ण चरण में कोई स्वास्थ्य बीमा नहीं है तथा केवल 13% ही सरकारी बीमा योजनाओं के अंतर्गत आते हैं।
- बुजुर्ग दुर्व्यवहार:
- 59% बुजुर्गों ने महसूस किया कि समाज में बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार "प्रचलित" था, लेकिन 10% ने खुद के पीड़ित होने की सूचना दी।
संबंधित पहल :
- वृद्ध व्यक्तियों के लिये एकीकृत कार्यक्रम (IPOP)
- राष्ट्रीय वयोश्री योजना (RVY)
- प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (PMVVY)
- वयोश्रेष्ठ सम्मान
- माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण एवं कल्याण (MWPSC) अधिनियम, 2007
- एल्डर लाइन, पहला अखिल भारतीय टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर (14567)
- SAGE (सीनियर केयर एजिंग ग्रोथ इंजन)
आगे की राह
- देश में वरिष्ठ नागरिकों की सामाजिक सुरक्षा पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।
- केंद्र को एक व्यापक निवारक पैकेज के साथ आगे कदम बढ़ाना चाहिये जो पोषण, व्यायाम और मानसिक कल्याण को बढ़ावा देने पर ध्यान आकर्षित करने के साथ सामान्य जराचिकित्सा समस्याओं के बारे में जागरूकता प्रदान करे।