वर्ल्ड सिटीज़ डे | 02 Nov 2022
प्रिलिम्स के लिये:वर्ल्ड सिटीज़ डे मेन्स के लिये:शहरीकरण और संबंधित मुद्दे |
चर्चा में क्यों?
वैश्विक शहरीकरण को बढ़ावा देने और इसकी चुनौतियों का समाधान करने के लिये अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता को उजागर करने हेतु हर वर्ष 31 अक्तूबर को वर्ल्ड सिटीज़ डे मनाया जाता है।
- संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, 2050 तक विश्व स्तर पर हर 10 में से सात लोग शहरों में रहेंगे।
वर्ल्ड सिटीज़ डे का इतिहास:
- 2022 की थीम:
- एक्ट लोकल टू गो ग्लोबल
- इतिहास:
- 27 दिसंबर, 2013 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने एक प्रस्ताव के माध्यम से वर्ल्ड सिटीज़ डे का प्रस्ताव रखा।
- इसे पहली बार वर्ष 2014 में आयोजित किया गया था।
- वर्ष 1976 में मानव आवास पर दूसरे संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन द्वारा वर्ल्ड सिटीज़ डे की स्थापना से संबंधित UNGA का निर्णय प्रभावित हुआ।
- यूएन-हैबिटेट कार्यक्रम एसडीजी 11 लक्ष्यों के अनुरूप स्थायी शहरों के विकास को बढ़ावा देता है।
- संयुक्त राष्ट्र मानव आवास कार्यक्रम (UN-Habitat) मानव बस्तियों और सतत् शहरी विकास के लिये संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी है।
- यह इस उद्देश्य के लिये वार्षिक शहरी अक्तूबर कार्यक्रम आयोजित करता है जो महीने के पहले सोमवार को शुरू होता है और 31 अक्तूबर को वर्ल्ड सिटीज़ डे के साथ समाप्त होता है।
- महत्त्व:
- विश्व शहर दिवस स्थानीय और वैश्विक शहरी विकास के सभी हितधारकों को एक साथ लाकर शहरीकरण से संबंधित चुनौतियों का समाधान करने में मदद करता है।
- शहरीकरण राष्ट्रीय आर्थिक विकास का सूचक है।
- हालाँकि, इस तरह के विकास को सामाजिक, आर्थिक, जनसांख्यिकीय और पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
- तेज़ी से शहरीकरण के चलते सबसे अधिक देखी जाने वाली चुनौतियों में मूल निवासियों का विस्थापन, पेड़ों की कटाई, जानवरों का अपना आवास खोना, स्वास्थ्य देखभाल के मुद्दे, खाद्य आपूर्ति और प्रदूषण शामिल हैं।
संबंधित पहल:
- शहरीकरण हेतु भारत की पहल:
- शहरी विकास से संबंधित योजनाएंँ/कार्यक्रम:
- मलिन बस्तियों में रहने वालों/शहरी गरीबों के लिये सरकार की पहल:
आगे की राह
- भले ही वाहन-केंद्रित विकास के कारण भारतीय शहर विस्फोटक मोटरीकरण की चपेट में हैं, लेकिन भारत के अधिकांश शहरों में सार्वजनिक परिवहन, पैदल और साइकिल ट्रैक का उच्च उपयोग इसका मज़बूत पक्ष हैं।।
- समय आ गया है कि सक्रिय नीतियाँ के तहत सभी आय स्तरों और अमीरों के लिये टिकाऊ तरीके से काम किया जाए।
- परिवहन क्षेत्र की नीतियाँ भारत में अधिक प्रगतिशील और समावेशी हैं लेकिन इस क्षेत्र में कार्यान्वयन एवं निवेश धीमा है।
- भारत को यात्रा दुरी कम करने और सुविधाजनक बनाने तथा आय विकास के साथ पारगमन उन्मुख विकास को बढ़ावा देने के लिये अपने कॉम्पैक्ट शहरी रूपों को बनाए रखने हेतु सक्रिय नीतियों की भी आवश्यकता है ताकि शहरों को सभी के लिये अधिक सुलभ व रहने योग्य बनाया जा सके।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. बेहतर नगरीय भविष्य की दिशा में कार्यरत संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र पर्यावास (UN-Habitat) की भूमिका के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2017)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) 1, 2 और 3 उत्तर: (b) |