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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

‘हृदय’ योजना के तहत गुजरात में ‘बेट द्वारिका दर्शन सर्किट’ का विकास

  • 24 Feb 2017
  • 3 min read

समाचारों में क्यों?

  • शहरी विकास मंत्रालय ने हाल ही में केन्‍द्रीय योजना ‘धरोहर शहर विकास और संवर्द्धन योजना  (हृदय)’ के तहत 16.27 करोड़ रुपये की लागत से गुजरात में 6 किलोमीटर लंबे बेट द्वारि‍का दर्शन सर्किट के विकास को मंजूरी दी है।
  • राजीव गाबा की अध्‍यक्षता वाली हृदय राष्‍ट्रीय उच्‍चाधिकार प्राप्‍त समिति ने गुजरात के द्वारिका जिले में प्रसिद्ध द्वारिकाधीश हवेली और हनुमान दांडी को आपस में जोड़ने वाले सर्किट को मंजूरी दे दी है, जो हनुमानजी एवं उनके पुत्र मकरध्‍वज की मूर्तियों वाला एकमात्र मंदिर है। विदित हो कि इस सर्किट के आसपास दो महत्त्वपूर्ण झीलें भी है, जिन्‍हें रणछोड़ तालाब और शंखुधर झील के नाम से जाना जाता है।
  • 21 जनवरी, 2015 को शुरू की गई हृदय योजना के तहत अब तक 500 करोड़ रुपये की कुल लागत से 12 चिन्हित शहरों में धरोहरों से संबंधित बुनियादी ढाँचे के विकास का कार्य शुरू किया जा रहा है, जिनमें बेट द्वारिका भी शामिल है। सभी 12 मिशन शहरों के लिये 420 करोड़ रुपये के निवेश वाली परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।

क्या है हृदय योजना?

  • केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय ने नेशनल हेरीटेज सिटी डेवलपमेंट एंड ऑगमेंटेशन योजना (HRIDYA) की शुरुआत 21 जनवरी 2015 को की थी। इस योजना का लक्ष्य देशभर में मौजूद ऐतिहासिक इमारतों का संरक्षण तथा उनका पुनरुद्धार आदि कराना है।
  • 27 माह (मार्च 2017 में पूरा करना है) के लक्ष्य के साथ शुरू की गई इस योजना के तहत 500 करोड़ रुपए खर्च किये जाएंगे। इसके तहत 12 शहरों का चयन किया गया है। इनमें अजमेर, अमरावती, अमृतसर, बादामी, द्वारका, गया, कांचीपुरम, मथुरा, पुरी, वाराणसी, वेलकंन्नी और वारंगल की ऐतिहासिक इमारतों का पुनरुद्धार किया जाएगा।
  • इस योजना को अत्यंत ही तेज़ रफ़्तार से अमल में लाया जा रहा है, ताकि निर्धारित समय में विरासत स्थलों का कायाकल्प हो सके।
  • विदित हो कि जिन इमारतों एवं स्थलों का जीर्णोद्धार तथा पुनरोद्धार किया जा रहा है उन इमारतों का चयन केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय, केंद्र सरकार और राज्य सरकारों ने मिलकर किया है।
  • योजना के तहत ऐतिहासिक इमारतों में जल प्रबंधन, साफ-सफाई, ड्रेनेज, कचरा प्रबंधन, सड़क मार्ग, फुटपाथ, स्ट्रीट लाइट्स, पर्यटन सुविधा केंद्र, बिजली सप्लाई जैसी सेवाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी।
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