वायु प्रदूषण पर विश्व बैंक की रिपोर्ट | 17 Dec 2022

प्रिलिम्स के लिये:

राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम, विश्व बैंक

मेन्स के लिये:

पर्यावरण प्रदूषण और गिरावट

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में विश्व बैंक ने 'स्वच्छ वायु के लिये प्रयास: दक्षिण एशिया में वायु प्रदूषण और सार्वजनिक स्वास्थ्य' नामक एक रिपोर्ट जारी की।

  • रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्तमान में लागू की जा रही नीतियों (अधिकतर वर्ष 2018 से) के साथ बने रहने से परिणाम तो मिलेंगे लेकिन वाँछित स्तर तक नहीं।

रिपोर्ट के मुख्य बिंदु:

  • एयरशेड (Airsheds): 
    • दक्षिण एशिया में छह बड़े एयरशेड मौज़ूद हैं, जहाँ एक की वायु गुणवत्ता दूसरे में वायु की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती है। वे हैं:
      • पश्चिम/मध्य भारत-गंगा का मैदान (IGP) जिसमें पंजाब (पाकिस्तान), पंजाब (भारत), हरियाणा, राजस्थान का हिस्सा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश शामिल हैं।
      • मध्य/पूर्वी IGP: बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड, बांग्लादेश
      • मध्य भारत: ओडिशा/छत्तीसगढ़
      • मध्य भारत: पूर्वी गुजरात/पश्चिमी महाराष्ट्र
      • उत्तरी/मध्य सिंधु नदी का मैदान: पाकिस्तान, अफगानिस्तान का हिस्सा
      • दक्षिणी सिंधु का मैदान और आगे पश्चिम: दक्षिण पाकिस्तान, पश्चिमी अफगानिस्तान पूर्वी ईरान में फैला हुआ है।
    • जब वायु की दिशा मुख्य रूप से उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व की ओर थी तो भारतीय पंजाब में वायु प्रदूषण का 30% पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की ओर से आया तथा बांग्लादेश के सबसे बड़े शहरों (ढाका, चटगाँव और खुलना) में वायु प्रदूषण का औसतन 30% भारत में उत्पन्न हुआ था। कुछ वर्षों में सीमाओं के पार दूसरी दिशा में पर्याप्त प्रदूषण प्रवाहित हुआ। 
  • PM 2.5 के संपर्क में: 
    • वर्तमान में 60% से अधिक दक्षिण एशियाई प्रतिवर्ष PM2.5 के औसत 35 µg/m3 के संपर्क में हैं।
    • IGP के कुछ हिस्सों में यह 100 µg/m3 तक बढ़ गया है जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा अनुशंसित 5 µg/m3 की ऊपरी सीमा से लगभग 20 गुना है।
  • वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोत:
    • बड़े उद्योग, बिजली संयंत्र और वाहन वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोत हैं, लेकिन दक्षिण एशिया में इनके अतिरिक्त ऐसे और कई स्रोत प्रदूषण में पर्याप्त योगदान देते हैं।
    • इनमें खाना पकाने और गर्म करने के लिये ठोस ईंधन का दहन, ईंट भट्टों जैसे छोटे उद्योगों से उत्सर्जन, नगरपालिका और कृषि अपशिष्ट को जलाना तथा दाह संस्कार शामिल हैं।

सुझाव:

  • एयरशेड को कम करना:
    • विभिन्न सरकारी उपाय कण पदार्थ में कमी ला सकते हैं, लेकिन एयरशेड में महत्त्वपूर्ण कमी के लिये एयरशेड में समन्वित नीतियों की आवश्यकता है।
      • दक्षिण एशिया के अन्य हिस्सों में वर्ष 2030 तक सभी वायु प्रदूषण प्रबंधन उपायों को पूरी तरह से लागू किये जाने के बावजूद दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र 35 ग्राम/एम3 से नीचे प्रदूषक जोखिम को नियंत्रित नहीं कर पाएगा।
      • हालाँकि यदि दक्षिण एशिया के अन्य हिस्सों ने भी सभी संभव उपायों को अपनाया तो यह प्रदूषण संबंधी आँकड़े में कमी लाने में मदद कर सकता है। 
  • नज़रिये में बदलाव: 
    • भारत सहित दक्षिण एशियाई देशों को वायु गुणवत्ता में सुधार लाने और प्रदूषकों को WHO द्वारा स्वीकार्य स्तरों तक कम करने के लिये अपने दृष्टिकोण को बदलने की आवश्यकता है।
  • समन्वय की आवश्यकता:
    • वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिये न केवल इसके विशिष्ट स्रोतों से निपटने की आवश्यकता है, बल्कि स्थानीय और राष्ट्रीय अधिकार क्षेत्र की सीमाओं के बीच घनिष्ठ समन्वय की भी आवश्यकता है।
    • क्षेत्रीय सहयोग लागत प्रभावी संयुक्त रणनीतियों को लागू करने में मदद कर सकता है जो वायु गुणवत्ता की अन्योन्याश्रित प्रकृति से संबंधित है।
    • एयरशेड के बीच पूर्ण समन्वय की आवश्यकता वाले इस सबसे किफायती कदम से दक्षिण एशिया में PM 2.5 का औसत जोखिम 27.8 करोड़ डॉलर प्रति μg/m3 तक कम हो जाएगा और सालाना 7,50,000 से अधिक लोगों की जान बचाई जा सकेगी।

एयरशेड:

  • विश्व बैंक एयरशेड को सामान्य भौगोलिक क्षेत्र के रूप में परिभाषित करता है जहाँ प्रदूषक फँस जाते हैं, जिससे सभी के लिये समान वायु गुणवत्ता का निर्माण होता है।

वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने हेतु भारत की पहलें:

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

प्रश्न: हमारे देश के शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक के मूल्य की गणना में सामान्यतः निम्नलिखित में से किस वायुमंडलीय गैस को ध्यान में रखा जाता है? (2016)

  1. कार्बन डाइऑक्साइड 
  2. कार्बन मोनोऑक्साइड 
  3. नाइट्रोजन डाइऑक्साइड 
  4. सल्फर डाइऑक्साइड 
  5. मीथेन

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1, 2 और 3
(b) केवल 2, 3 और 4
(c) केवल 1, 4 और 5
(d) 1,2,3,4 और 5

उत्तर: (b)


प्रश्न. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा हाल ही में जारी किये गए संशोधित वैश्विक वायु गुणवत्ता दिशा-निर्देशों (AQGs) के प्रमुख बिंदुओं का वर्णन कीजिये। विगत 2005 के अद्यतन से यह किस प्रकार भिन्न हैं? इन संशोधित मानकों को प्राप्त करने के लिये भारत के राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम में किन परिवर्तनों की आवश्यकता है?  (मुख्य परीक्षा, 2021)

स्रोत: द हिंदू