सामाजिक न्याय
कल्याणकारी योजनाएँ एवं मस्तिष्क क्षमता विकास
- 15 Jul 2023
- 8 min read
प्रिलिम्स के लिये:हिप्पोकैम्पस, गरीबी-विरोधी नीतियाँ मेन्स के लिये:गरीबी और मस्तिष्क क्षमता विकास के बीच संबंध, सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों में निवेश का महत्त्व |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में नेचर जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन ने विशेष रूप से कम आय वाले परिवारों के बच्चों के मस्तिष्क क्षमता विकास पर कल्याणकारी योजनाओं के प्रभाव पर प्रकाश डाला है।
- अमेरिका के 17 राज्यों के 9-11 वर्ष की आयु के 10,000 से अधिक बच्चों के मस्तिष्क स्कैन पर आधारित इस अध्ययन का उद्देश्य गरीबी और मस्तिष्क क्षमता के विकास के बीच संबंध तथा इसके प्रभावों को कम करने में गरीबी-विरोधी नीतियों की भूमिका का पता लगाना है।
प्रमुख बिंदु:
- मस्तिष्क क्षमता के विकास पर गरीबी का प्रभाव:
- इसी प्रकार के पिछले अध्ययनों से पता चलता है कि कम आय वाले परिवारों में पलने से मस्तिष्क क्षमता के विकास और संज्ञानात्मक क्षमताओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
- वर्ष 2015 में किये गए तीन अध्ययनों से पता चला कि कम आय वाले परिवारों में पले-बढ़े बच्चों और युवा वयस्कों में कॉर्टिकल वॉल्यूम कम था तथा शैक्षणिक प्रदर्शन के लिये किये जाने वाले परीक्षणों में उनका प्रदर्शन अपेक्षाकृत खराब पाया गया था। कॉर्टेक्स मस्तिष्क की बाहरी परत होती है।
- कम आय वाले परिवारों के बच्चों में सीखने और स्मरण क्षमता के लिये महत्त्वपूर्ण लोवर हिप्पोकैम्पस होने का अधिक जोखिम देखा गया।
- गरीबी निवारण नीतियों का प्रभाव:
- यह पाया गया कि उदार गरीबी निवारण नीतियों से कम आय वाले परिवारों के बच्चों में छोटे हिप्पोकैम्पस का जोखिम काफी हद तक कम हो गया है।
- हिप्पोकैम्पस का आकार पारिवारिक सामाजिक आर्थिक स्थिति के साथ सकारात्मक रूप से संबंधित है।
- शोधकर्त्ताओं ने हिप्पोकैम्पस के आकार की भविष्यवाणी करने में पारिवारिक आय, जीवन यापन की लागत एवं नकद सहायता कार्यक्रमों के बीच एक महत्त्वपूर्ण तीन-तरफा वार्ता की।
- उच्च जीवन-यापन की लागत वाले राज्यों के कम आय वाले परिवारों और उदार नकद लाभ प्राप्त करने वालों के हिप्पोकैम्पस वॉल्यूम औसतन पाए गए, जबकि जीवन-यापन की अपेक्षाकृत अधिक लागत तथा कम नकद लाभ वाले राज्यों में कम आय वाले घरों में रहने वाले लोगों की तुलना में यह 34% अधिक था।
- कल्याणकारी योजनाएँ तथा जैविक प्रभावों को कम करना:
- कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से अधिक वित्तीय संसाधनों तक पहुँच परिवारों को कम आय से जुड़े दीर्घकालिक तनाव से बचा सकती है, जो संभावित रूप से हिप्पोकैम्पस विकास को प्रभावित कर सकता है।
- गरीबी-निवारण नीतियाँ तनाव के स्तर को कम कर सकती हैं और परिवारों को ऐसे निर्णय लेने की अनुमति दे सकती हैं जिससे तनाव कम हो, जैसे- कम करने के कम घंटे।
- भविष्य के प्रभाव और सीमाएँ:
- अनुदैर्ध्य अध्ययन:
- शोधकर्त्ता यह जाँच करने की योजना बना रहे हैं कि डेटा संग्रह अवधि के बाद से नीति में बदलाव ने प्रतिभागियों के मानसिक स्वास्थ्य के साथ मस्तिष्क विकास पथ को कैसे प्रभावित किया है।
- नीतिगत परिवर्तनों के दीर्घकालिक प्रभाव की निगरानी से निर्धनता-विरोधी उपायों की प्रभावशीलता में मूल्यवान अंतर्दृष्टि मिल सकती है।
- सामाजिक-आर्थिक असमानताओं को संबोधित करना:
- यह अध्ययन तंत्रिका विकास संबंधों में सामाजिक आर्थिक असमानताओं को दूर करने के लिये सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों में निवेश के महत्त्व पर प्रकाश डालता है।
- ऐसे कार्यक्रम संभावित रूप से मानसिक स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक-आर्थिक असमानताओं से उत्पन्न आर्थिक चुनौतियों से संबंधित लागत को कम कर सकते हैं।
- अनुदैर्ध्य अध्ययन:
भारत में प्रमुख गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम:
- एकीकृत ग्रामीण विकास कार्यक्रम (IRDP)
- प्रधानमंत्री आवास योजना
- राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना
- महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) 2005
- दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM)
- राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन
- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना
- प्रधानमंत्री जनधन योजना
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. किसी दिये गए वर्ष में भारत में कुछ राज्यों में आधिकारिक गरीबी रेखाएँ अन्य राज्यों की तुलना में उच्चतर हैं, क्योंकि- (a) गरीबी की दर अलग-अलग राज्य में अलग-अलग होती है उत्तर : (b) व्याख्या :
अतः विकल्प (B) सही उत्तर है। मेन्स:प्रश्न ."केवल आय आधारित गरीबी के निर्धारण में गरीबी का आपतन और तीव्रता अधिक महत्त्वपूर्ण है"। इस संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र बहुआयामी गरीबी सूचकांक की नवीनतम रिपोर्ट का विश्लेषण कीजिये। (2020) |