भारतीय राजव्यवस्था
विचाराधीन कैदियों के लिये मतदान का अधिकार
- 03 Nov 2022
- 6 min read
प्रिलिम्स के लिये:कैदियों के वोट का अधिकार, एनसीआरबी, अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) से संबंधित प्रावधान। मेन्स के लिये:विचाराधीन कैदियों के लिये मतदान का अधिकार। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने जनप्रतिनिधित्व कानून के एक प्रावधान को चुनौती देने वाली एक याचिका पर विचार करने का फैसला किया है जो विचाराधीन कैदियों, सिविल जेलों में कैद व्यक्तियों और जेलों में सज़ा काट रहे कैदियों पर वोट डालने से पूर्ण प्रतिबंध लगाता है।
संबंधित निहितार्थ:
- जनसंख्या के एक बड़े हिस्से को वंचित करता है:
- राष्ट्रीय अपराध रिपोर्ट ब्यूरो (एनसीआरबी) की वर्ष 2021 की नवीनतम रिपोर्ट से पता चलता है कि 31 दिसंबर, 2021 तक देश भर की विभिन्न जेलों में कुल 5,54,034 कैदी थे।
- वर्ष 2021 के अंत तक दोषियों, विचाराधीन कैदियों और बंदियों की संख्या क्रमशः 1,22,852, 4,27,165 और 3,470 थी, जो कुल कैदियों के क्रमशः 22.2%, 77.1% और 0.6% थी।
- वर्ष 2020 से 2021 तक विचाराधीन कैदियों की संख्या में 14.9% की वृद्धि हुई थी।
- कानून और लोकतंत्र के सम्मान में कमी: जेल के कैदियों को मताधिकार से वंचित करने से ऐसा संदेश पहुँचने की अधिक संभावना है जो उन मूल्यों को बढ़ाने वाले संदेशों की तुलना में कानून और लोकतंत्र के प्रति सम्मान को कमज़ोर करते हैं।
- अधिकार से वंचित रखना:
- वोट देने के अधिकार से वंचित रखना दंड के वैद्य मापदंडों का अनुपालन नहीं करता है।
- यदि एक दोषी व्यक्ति जमानत पर बाहर होने पर मतदान कर सकता है, तो एक विचाराधीन व्यक्ति को उसी अधिकार से वंचित क्यों किया जाता है, जिसे अभी तक कानून की अदालत द्वारा अपराध का दोषी नहीं पाया गया है।
- यहाँ तक कि एक देनदार (एक व्यक्ति जिसने अदालत के फैसले के बावजूद अपने कर्ज का भुगतान नहीं किया है) जिसे एक नागरिक के रूप में गिरफ्तार किया गया है, उसे वोट देने के अधिकार से वंचित किया जाता है। सिविल जेलों में नज़रबंदी अपराधों के लिये कारावास के विपरीत है।
- उचित वर्गीकरण का अभाव:
- दक्षिण अफ्रीका, यूनाइटेड किंगडम, फ्राँस, जर्मनी, ग्रीस, कनाडा, आदि देशों के विपरीत इस प्रतिबंध में अपराध की प्रकृति या सज़ा की अवधि के आधार पर उचित वर्गीकरण का अभाव है।
- वर्गीकरण का यह अभाव अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) के तहत समानता के मौलिक अधिकार के लिये अभिशाप है।
मतदान से संबंधित कैदियों के अधिकार:
- संविधान के अनुच्छेद 326 के तहत मतदान का अधिकार एक संवैधानिक अधिकार है।
- लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 62(5) के तहत पुलिस की कानूनी हिरासत में और दोषी ठहराए जाने के बाद कारावास की सज़ा काटने वाले व्यक्ति मतदान नहीं कर सकते। विचाराधीन कैदियों को भी चुनाव में भाग लेने से बाहर रखा जाता है, भले ही उनके नाम मतदाता सूची में हों।
- केवल निवारक निरोध के तहत शामिल व्यक्ति डाक मतपत्रों के माध्यम से अपना वोट डाल सकते हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न- भारत के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (b) व्याख्या :
अतः विकल्प (b) सही है। |