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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

कोविड-19 संकट: अमेरिका एवं भारत

  • 28 Apr 2021
  • 7 min read

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में कोविड -19 महामारी के लिये टीकों की आपूर्ति शृंखला के सुचारू क्रियान्वयन तथा महामारी से संबंधित अन्य मुद्दों को लेकर भारतीय प्रधानमंत्री और अमेरिकी राष्ट्रपति के मध्य  टेलीफोन पर बातचीत की गई।

  • टेलीफोन पर हुई वार्ता न केवल अमेरिका से टीकों की आपूर्ति शृंखला को सुनिश्चित करने से संबंधित थी , बल्कि इस दौरान उन संसाधनों की कमी पर भी चर्चा की गई जिनके आभाव के कारण भारत में वायरस संक्रमण और मौतों की संख्या तेज़ी से बढ़ोतरी हो रही है।
  • इससे पहले वर्ष 2020 में भारत और अमेरिका ने कोविड-19 हेतु वैक्सीन अनुसंधान और परीक्षण पर एक साथ कार्य करने की योजना बनाई थी।

प्रमुख बिंदु: 

द्विपक्षीय चर्चा:

  • भारत द्वारा विकासशील देशों के लिये टीकों और दवाओं की त्वरित और सस्ती पहुंँच सुनिश्चित करने के लिये ‘ट्रिप्स’ यानी ‘ट्रेड रिलेटेड आस्पेक्ट्स ऑफ इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स’ समझौते के मानदंडों में छूट हेतु विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organisation- WTO) में की गई अपनी पहल पर चर्चा की।
    • वर्ष 1995 में लागू यह समझौता सदस्य देशों को अपने अधिकार क्षेत्र में बौद्धिक संपदा (IP) अधिकारों का कुशल संरक्षण और प्रवर्तन सुनिश्चित करने के लिये सदस्य देशों पर बाध्यकारी दायित्त्व को लागू करके बौद्धिक संपदा (IP) संरक्षण संबंधी प्रयासों में समन्वय स्थापित करता है।
    • बौद्धिक संपदा अधिकार सस्ती दरों पर टीकों और दवाओं की आपूर्ति में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं।
  • भारत द्वारा विश्व स्तर पर कोविड-19 महामारी हेतु अपनी वैक्सीन मैत्री पहल तथा  COVAX और क्वाड वैक्सीन पहल (Quad Vaccine Initiatives) के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का उल्लेख किया गया।
  • दोनों देशों द्वारा अपने-अपने देशों में उत्पन्न कोविड-19 की स्थिति पर चर्चा की गई, जिसमें भारत में चल रहे टीकाकरण प्रयासों के माध्यम से कोविड-19 की दूसरी लहर को नियंत्रित करने हेतु किये जा रहे प्रयास, महत्त्वपूर्ण दवाओं, चिकित्सीय और स्वास्थ्य देखभाल उपकरणों की आपूर्ति सुनिश्चित करना आदि मुद्दे शामिल थे।
  • दोनों देशों के संबंधों में हुई प्रगति: 
    •  वर्ष 2020 में भारत-अमेरिका ‘व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी’ (Comprehensive Global Strategic Partnership) हेतु एक  साथ आए थे।
    • भारत और अमेरिका के मध्य  भू-स्थानिक सहयोग के लिये ‘बुनियादी विनिमय तथा सहयोग समझौते’ (Basic Exchange and Cooperation Agreement for Geo-Spatial Cooperation- BECA) पर हस्ताक्षर किये गए, जिसके तहत दोनों देशों के मध्य रक्षा संबंधों को मज़बूत करने हेतु चार आधारभूत समझौते शामिल है।
    • अन्य कई प्रमुख मुद्दों में दोनों देशों की सरकारों के मध्य निरंतर संवाद, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में साझा हित, क्षेत्रीय सहयोग, रक्षा संबंध तथा दोनों देशों द्वारा अप्रत्याशित चुनौतियों का मिलकर मुकाबला करना आदि शामिल हैं।

भारत का अनुरोध:

  • भारत द्वारा अमेरिका से कोविड-19 से संबंधित टीकों, दवाओं, और चिकित्सीय उपकरणों के निर्माण हेतु आवश्यक कच्चे माल की आपूर्ति शृंखला को सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
  • भारत द्वारा अमेरिका से सात आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति हेतु अनुरोध किया गया है, जिसकी तत्काल आवश्यकता है। इनमें ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स (Oxygen Concentrators), ऑक्सीजन सिलेंडर (Oxygen Cylinders), ऑक्सीजन जनरेटर (Oxygen Generators), ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट (Oxygen Generation Plants), रेमेडिसविर (Remdesivir), फेविविरविर (Favipiravir) और टोसीलिज़ुमाब (Tocilizumab) शामिल हैं।

अमेरिका की पहल: 

  • अमेरिका ने अपने वैक्सीन फिल्टर के लंबित आदेश को भारतीय वैक्सीन निर्माताओं को दे दिया है, जिससे भारत को और अधिक वैक्सीन बनाने में मदद मिलेगी।
  • अमेरिका ने भारत में कोविशील्ड वैक्सीन (Covishield Vaccine) के निर्माण हेतु आवश्यक कच्चे माल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये प्रतिबद्धता ज़ाहिर की है।

अन्य देशों द्वारा भारत की मदद: 

  • सिंगापुर द्वारा भारत को चार ‘क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टैंक’ (Cryogenic Oxygen Tanks) उपलब्ध कराए गए हैं।
  • ब्रिटेन ने कोरोना महामारी से मुकाबले के लिये भारत को 600 से अधिक महत्त्वपूर्ण चिकित्सा उपकरण प्रदान करने की घोषणा की है।
  • ऑस्ट्रेलिया ने घोषणा की है कि वह तत्काल समर्थन पैकेज के हिस्से के रूप में भारत को ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) उपलब्ध कराएगा।
  • सऊदी अरब द्वारा भारत को 80 मीट्रिक टन तरल ऑक्सीजन प्रदान किया गया है।
  • जर्मनी द्वारा भारत के लिये  ‘मिशन ऑफ सपोर्ट’ तैयार किया जा रहा है।
  • रूस ने घोषणा की है कि वह भारत को 3,00,000-4,00,000 यूनिट रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) उपलब्ध कराएगा,  इसके अलावा रूस ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स (Oxygen Concentrators), जनरेटर (Generators) और दवा आदि उपलब्ध कराने की भी योजना बना रहा है।
  • चीन ने भी घोषणा की है कि वह भारत की अवश्यकाओं के आधार पर सहायता और आवश्यक सहयोग प्रदान करेगा।

स्रोत: द हिंदू

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