संयुक्त राष्ट्र दिवस 2024 | 26 Oct 2024

प्रिलिम्स के लिये:

संयुक्त राष्ट्र दिवस, द्वितीय विश्व युद्ध, संयुक्त राष्ट्र चार्टर, ECOSOC, संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA), ICJ, सुरक्षा परिषद  

मेन्स के लिये:

संयुक्त राष्ट्र दिवस प्रत्येक वर्ष 24 अक्तूबर को द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद वर्ष 1945 में संयुक्त राष्ट्र चार्टर के प्रभावी होने की वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

चर्चा में क्यों?

संयुक्त राष्ट्र दिवस प्रत्येक वर्ष 24 अक्तूबर को द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद वर्ष 1945 में संयुक्त राष्ट्र चार्टर के प्रभावी होने की वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

  • इस दिवस का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय निकाय के लक्ष्यों और उपलब्धियों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।

संयुक्त राष्ट्र चार्टर क्या है?

  • पृष्ठभूमि: 
    • इस संधि पर 26 जून, 1945 को सैन फ्रांसिस्को में अंतर्राष्ट्रीय संगठन पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के अंत में हस्ताक्षर किये गए तथा यह 24 अक्तूबर, 1945 को लागू हुई।
      • भारत संयुक्त राष्ट्र के संस्थापक सदस्यों में से एक है और उसने 30 अक्तूबर, 1945 को संयुक्त राष्ट्र चार्टर का अनुसमर्थन किया था।
    • संयुक्त राष्ट्र का पूर्ववर्ती राष्ट्र संघ था, जिसकी स्थापना वर्ष 1919 में प्रथम विश्व युद्ध के बाद वर्साय की संधि के तहत "अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने तथा शांति और सुरक्षा प्राप्त करने के लिये" की गई थी।
  • परिचय: 
    • संयुक्त राष्ट्र का चार्टर संयुक्त राष्ट्र के आधारभूत दस्तावेज़ के रूप में कार्य करता है। यह अंतर्राष्ट्रीय कानून का एक साधन है, और संयुक्त राष्ट्र के सदस्य राज्यों के लिये यह बाध्यकारी है।
      • इसमें अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के प्रमुख सिद्धांतों को रेखांकित किया गया है, जिसमें सभी देशों के समान अधिकार तथा राष्ट्रों के बीच बल प्रयोग पर प्रतिबंध शामिल हैं।
      • इसके गठन के बाद से इसमें तीन बार - वर्ष 1963, 1965 और 1973 में संशोधन किया गया है
  • महत्त्व: संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने, मानवीय सहायता प्रदान करने, मानवाधिकारों की रक्षा करने और अंतर्राष्ट्रीय कानून को बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित करता है। 
    • यह 75 वर्षों से अधिक समय से अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, शांति और विकास में प्रमुख भूमिका निभा रहा है।

संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न अंग कौन-कौन से हैं?

  • महासभा: संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) संगठन का मुख्य नीति-निर्माण अंग है। सभी सदस्य देशों से मिलकर बनी यह महासभा संयुक्त राष्ट्र चार्टर द्वारा कवर किये गए अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों के पूरे स्पेक्ट्रम पर बहुपक्षीय चर्चा के लिये एक अनूठा मंच प्रदान करती है। 
    • संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों में से प्रत्येक को समान वोट का अधिकार होता है।
  • संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद: सुरक्षा परिषद में 15 सदस्य होते हैं। 
    • पाँच स्थायी सदस्य (चीन, फ्राँस, रूसी संघ, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका) और दस अस्थायी सदस्य दो वर्ष के कार्यकाल के लिये चुने जाते हैं।
    • भारत आठ बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य रह चुका है।
  • संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद: ECOSOC में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा निर्वाचित 54 सदस्य शामिल होते हैं।
    • यह आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय मुद्दों पर समन्वय, नीति समीक्षा, नीति संवाद और सिफारिशों के लिये प्रमुख निकाय है।
  • ट्रस्टीशिप काउंसिल: संयुक्त राष्ट्र के मुख्य अंगों में से एक, इसकी स्थापना ट्रस्ट क्षेत्रों के प्रशासन की निगरानी के लिये की गई थी, क्योंकि वे उपनिवेशों से संप्रभु राष्ट्रों में परिवर्तित हो रहे थे। 
  • अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय: ICJ एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय है जो 193 संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों के बीच विवादों का निपटारा करता है।
    • न्यायालय दो प्रकार के मामलों पर निर्णय दे सकता है: "विवादास्पद मामले" राज्यों के बीच कानूनी विवाद होते हैं और "सलाहकार कार्यवाही" संयुक्त राष्ट्र के अंगों और कुछ विशेष एजेंसियों द्वारा संदर्भित कानूनी प्रश्नों पर सलाहकार राय के लिये अनुरोध होते हैं।
  • सचिवालय: महासचिव की नियुक्ति संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा सुरक्षा परिषद की सिफारिश के आधार पर की जाती है और वह संगठन के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के रूप में कार्य करता है।

नोट: 

  • संयुक्त राष्ट्र के छह प्रमुख अंगों में से पांच अर्थात् UNGA, UNSC, ECOSOC, ट्रस्टीशिप काउंसिल और संयुक्त राष्ट्र सचिवालय न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में स्थित हैं। 
    • हालाँकि, ICJ नीदरलैंड के हेग में स्थित है।

 संयुक्त राष्ट्र से संबंधित चुनौतियाँ क्या हैं?

  • शक्ति संरेखण: संयुक्त राष्ट्र को धनी और विकासशील देशों के बीच शक्ति असंतुलन से जूझना पड़ रहा है, जिससे उसके लक्ष्यों को क्रियान्वित करना कठिन हो रहा है। ये संरेखण संगठन की निष्पक्ष रूप से कार्य करने और वैश्विक मुद्दों को प्रभावी ढंग से संबोधित करने की क्षमता को चुनौती देते हैं।
  • सुरक्षा और आतंकवाद: संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद और वैचारिक संघर्षों सहित उभरती सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है। पारंपरिक खतरों को संबोधित करते हुए, इसे मानव सुरक्षा, गरीबी और बीमारी जैसे व्यापक मुद्दों से भी निपटना होगा, संघर्ष की रोकथाम और वैश्विक सुरक्षा में अपनी भूमिका का विस्तार करना होगा।
  • शांति स्थापना: आधुनिक शांति स्थापना को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, विशेषकर आंतरिक संघर्षों में जहां लड़ाके अक्सर संयुक्त राष्ट्र की तटस्थता की उपेक्षा करते हैं। चुनौती संघर्ष क्षेत्रों को प्रभावी ढंग से संबोधित करने के लिए तेजी से तैनात करने योग्य टीमों का उपयोग करते हुए, पारंपरिक शांति स्थापना से शांति-पालन में संक्रमण में निहित है।
  • मानवाधिकार चुनौतियाँ: संयुक्त राष्ट्र को विशेष रूप से संघर्ष के बाद के देशों में राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थानों की स्थापना और सुदृढ़ीकरण की चुनौती का सामना करना पड़ता है। यह सुनिश्चित करना कि ये प्रणालियाँ अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों का पालन करें, वैश्विक स्तर पर मानवाधिकारों के दीर्घकालिक संरक्षण और संवर्द्धन के लिये महत्त्वपूर्ण है।
  • वित्तीय बाधाएँ और ऋणशेष: संयुक्त राष्ट्र सदस्य राज्यों के मूल्यांकन योगदान में देरी के कारण वित्तीय अस्थिरता से जूझ रहा है, जिससे इसकी परिचालन प्रभावशीलता और वैश्विक प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की क्षमता में बाधा आ रही है।

संयुक्त राष्ट्र में सुधार के प्रस्ताव क्या हैं?

  • स्थायी सदस्यता एवं समावेशी प्रतिनिधित्व का विस्तार:
    • P5 से परे स्थायी सदस्यों की संख्या में विस्तार करने तथा वीटो शक्ति को संबोधित करने से अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण तथा लोकतांत्रिक सुरक्षा परिषद का निर्माण हो सकता है। 
    • यह संभावित रूप से अधिक से अधिक देशों, विशेष रूप से अफ्रीका जैसे कम प्रतिनिधित्व वाले क्षेत्रों को निर्णय लेने में सहयोग करेगा।
  • प्रशासनिक प्रक्रियाओं में अकुशलता को कम करना:
    • संयुक्त राष्ट्र की प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने तथा नौकरशाही जटिलताओं को कम करने से इसकी कार्यकुशलता में उल्लेखनीय सुधार हो सकता है।
  • संयुक्त राष्ट्र सुधार में भारत की भूमिका: 
    • भारत ने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों, मानवीय सहायता कार्यक्रमों और विभिन्न संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों में योगदान के माध्यम से वैश्विक शांति, सुरक्षा और विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को निरंतर प्रदर्शित किया है।
    • भारत सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट चाहता है तथा इस बात पर बल देता है कि ऐसा कदम परिषद को अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण तथा 21 वीं सदी की आवश्यकताओं के प्रति अधिक उत्तरदायी बनाएगा।

दृष्टि मेन्स प्रश्न

प्रश्न: संयुक्त राष्ट्र को अपने उद्देश्यों को पूरा करने में किन मुख्य चुनौतियों का सामना करना पड़ता है? इसकी प्रभावशीलता बढ़ाने के लिये प्रस्तावित सुधारों का विश्लेषण कीजिये।

  यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

प्रिलिम्स

प्रश्न. संयुक्त राष्ट्र के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2009)

  1. संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (ECOSOC) में 24 सदस्य देश शामिल हैं। 
  2. यह 3 वर्ष की अवधि के लिये महासभा के दो-तिहाई बहुमत द्वारा चुनी जाती है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (b)


प्रश्न. निम्नलिखित पर विचार कीजिये: (2011)

  1. शिक्षा का अधिकार 
  2. सार्वजनिक सेवा तक समान पहुँच का अधिकार 
  3. भोजन का अधिकार

उपर्युक्त में से कौन-सा/से "मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा" के अंतर्गत मानवाधिकार है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (d)


मेन्स

Q. संयुक्त राष्ट्र आर्थिक व सामाजिक परिषद् (ECOSOC) के प्रमुख प्रकार्य क्या हैं? इसके साथ संलग्न विभिन्न प्रकार्यात्मक आयोगों को स्पष्ट कीजिये। (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए) (2017)