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सामाजिक न्याय

महिला उद्यमियों हेतु UNDP और DAY-NULM

  • 23 Jun 2023
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम, DAY-NULM, बिज़-सखिस, केयर इकॉनमी

मेन्स के लिये:

भारत में महिला उद्यमी, भारत में महिला उद्यमियों के सामने आने वाली चुनौतियाँ, भारत में महिला उद्यमिता को सुविधाजनक बनाना

चर्चा में क्यों?

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (United Nations Development Programme- UNDP) और दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (Deendayal Antyodaya Yojana-National Urban Livelihoods Mission- DAY-NULM) ने भारत में महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने हेतु समझौता किया है।

प्रमुख बिंदु 

  • उद्देश्य: 
    • इस साझेदारी का उद्देश्य केयर इकॉनमी, डिजिटल अर्थव्यवस्था, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, अपशिष्ट प्रबंधन, खाद्य पैकेजिंग और अन्य विभिन्न क्षेत्रों में अपने स्वयं के उद्यम शुरू करने या विस्तार करने की इच्छुक महिलाओं को सहायता प्रदान करना है।
    • DAY-NULM को क्षमता निर्माण सहायता प्रदान करके शहरी गरीबी उन्मूलन और आजीविका संवर्द्धन हेतु राष्ट्रीय स्तर की योजनाओं के कार्यान्वयन को बढ़ाना।
    • महिला उद्यमियों के सामने आने वाली चुनौतियों और अवसरों का समाधान करने के लिये विशेष रूप से अर्थव्यवस्था क्षेत्र में देखभाल, नवीन समाधानों का संचालन करना।
  • कवरेज और समय अवधि:
    • यह परियोजना शुरुआती चरण में आठ शहरों को कवर करेगी और वर्ष 2025 से आगे विस्तार की संभावना के साथ तीन वर्षों तक चलेगी।
  • UNDP की भूमिका: 
    • UNDP ज्ञान सृजन और प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करते हुए DAY-NULM को राष्ट्रीय स्तर की क्षमता निर्माण सहायता प्रदान करेगा, जैसे शहरी गरीबी से संबंधित सर्वोत्तम प्रथाओं का संग्रह संकलित करना।
    • UNDP और DAY-NULM संयुक्त रूप से ऑन-ग्राउंड मोबिलाइज़ेशन गतिविधियों में संलग्न होंगे जिसमें शहरी गरीबी और संभावित उद्यमियों की पहचान करने के साथ-साथ व्यवसाय विकास सेवाओं तक पहुँच की सुविधा भी शामिल है।
    • UNDP चयनित परियोजना स्थानों में बिज़-सखिस (Biz-Sakhis) नामक सामुदायिक व्यवसाय सलाहकारों को विकसित करके पहल में योगदान देगा।
      • ये सलाहकार नए और मौजूदा उद्यमों का समर्थन कर सकते हैं और बाद के चरण में DAY-NULM के लिये एक संसाधन के रूप में काम कर सकते हैं।
  • महत्त्व: 
    • महिला उद्यमिता गरीबी उन्मूलन, वित्तीय स्वतंत्रता और लिंग मानदंडों को नया आकार देने के लिये एक सिद्ध रणनीति है।
      • वर्तमान में भारत में कुल उद्यमियों में केवल 15% महिलाएँ हैं। यदि संख्या को बढ़ाया जाए, तो साझेदारी से न केवल महिलाओं को सशक्त बनाया जा सकता है, बल्कि आर्थिक विकास को भी गति प्रदान करने के साथ ही एक खुशहाल और स्वस्थ समाज सुनिश्चित किया जा सकता है। 
    • इस साझेदारी से UNDP के अनुभव का उपयोग करते हुए 200,000 से अधिक महिलाओं को बेहतर रोज़गार के अवसरों से जोड़ने में मदद मिल सकती है और DAY-NULM के जनादेश के तहत स्थायी आजीविका अवसरों के माध्यम से शहरी समुदायों के उत्थान की संभावनाएँ पैदा होती हैं।

दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन: 

  • यह मिशन वर्ष 2014 में लॉन्च किया गया था और इसे आवास तथा शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
  • इसका उद्देश्य कौशल विकास के माध्यम से स्थायी आजीविका के अवसरों में वृद्धि करके शहरी गरीबों का उत्थान करना है।
  • यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है, केंद्र और राज्यों के बीच वित्तीयन का अनुपात 75:25 होगा। पूर्वोत्तर राज्यों तथा विशेष श्रेणी के लिये यह अनुपात 90:10 का होगा।
  • DAY-NULM द्वारा भारत भर में 8.4 मिलियन से अधिक शहरी गरीब महिलाओं को संगठित करने के साथ ही वर्ष 2023 तक 4,000 से अधिक शहरों में 8,31,000 से अधिक स्वयं सहायता समूहों का निर्माण करना है। 

महिला उद्यमियों की चुनौतियाँ:

  • महिला संरक्षक और अनुकरणीय व्यक्तियों का अभाव।
  • पारंपरिक रूप से पुरुषों के प्रभुत्व वाले व्यावसायिक नेटवर्क की तुलना में महिला नेटवर्क बढ़ाने में कठिनाई।
  • तार्किक और सहानुभूतिपूर्ण क्षमताओं के संबंध में लैंगिक रूढ़ियाँ एवं पूर्वाग्रह वाली विचारधारा।
  • पितृसत्तात्मक संरचनाओं और पारिवारिक बाधाओं जैसी सामाजिक बाधाएँ। 
  • पूंजी जुटाने में चुनौतियाँ और समर्थन की कमी।
  • वित्तीय प्रबंधन के सीमित विकल्प तथा दूसरों पर निर्भरता

भारत में महिला उद्यमिता से संबंधित पहल: 

  • भारत सरकार और अनेक राज्य सरकारें महिलाओं के लिये वित्तीय समावेशन में सुधार हेतु विभिन्न योजनाएँ चला रही हैं। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना महिलाओं के लिये एक उच्च क्षमता वाली योजना है क्योंकि यह संपार्श्विक मुक्त ऋण प्रदान करती है।
  • देना शक्ति योजना कृषि, विनिर्माण, माइक्रो-क्रेडिट, खुदरा स्टोर या छोटे उद्यमों में महिला उद्यमियों को 20 लाख रुपए तक का ऋण प्रदान करती है।
    • यह योजना ब्याज दर पर 0.25% की रियायत भी प्रदान करती है।
  • भारत सरकार ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिला उद्यमियों जैसे वंचित क्षेत्र के लोगों तक पहुँचने के लिये संस्थागत ऋण संरचना का लाभ उठाने हेतु स्टैंड-अप इंडिया योजना शुरू की है।
  • स्त्री शक्ति योजना और ओरिएंट महिला विकास योजना उन महिलाओं का समर्थन करती है जिनके पास अधिकांश व्यवसयों में स्वामित्व है।
  • वे महिलाएँ जो स्वयं को कैटरिंग व्यवसाय में नामांकित करना चाहती हैं, अन्नपूर्णा योजना के माध्यम से ऋण प्राप्त कर सकती हैं।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

मेन्स: 

प्रश्न. "जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के लिये महिलाओं को सशक्त बनाना महत्त्वपूर्ण है।" चर्चा कीजिये। (2019)

प्रश्न. भारत में महिलाओं पर वैश्वीकरण के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावों पर चर्चा कीजिये? (2015)

प्रश्न. महिला संगठन को लैंगिक पूर्वाग्रह से मुक्त बनाने के लिये पुरुष सदस्यता को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। टिप्पणी कीजिये। (2013)

स्रोत: पी.आई.बी.

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