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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

उमीफेनोविर औषधि

  • 19 Jun 2020
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

उमीफेनोविर, केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान

मेन्स के लिये:

COVID-19 से बचाव हेतु सरकार द्वारा किये गए प्रयास

संदर्भ?

वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (Council of Scientific and Industrial Research- CSIR) के तहत कार्यरत केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (Central Drug Research Institute- CDRI) को COVID-19 के उपचार हेतु उमीफेनोविर (Umifenovir) औषधि के नैदानिक ​​परीक्षण के लिये औषधि महानियंत्रक, भारत सरकार से अनुमति मिल गई है।

प्रमुख बिंदु:

  • यह परीक्षण यादृच्छिक (Randomised), डबल ब्लाइंड (Double-blind), प्लेसबो नियंत्रित (Placebo-controlled) होगा तथा इसके द्वारा उमिफेनोविर की प्रभावकारिता, सुरक्षा और सहनशीलता का परीक्षण किया जाएगा।
  • उमीफेनोविर मानव कोशिकाओं में वायरस के प्रवेश को रोकने और प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय करने के द्वारा कार्य करती है।
  • इस औषधि की रोगनिरोधक क्षमता अधिक है।
  • उमिफेनोविर मुख्य रूप से इन्फ्लूएंज़ा के इलाज के लिये चीन और रूस में उपलब्ध है, और हाल ही में COVID-19 रोगियों के लिये इसके संभावित उपयोग के कारण प्रमुखता में आई है।
  • उमीफेनोविर अन्य किसी देश में उपलब्ध नहीं है।
  • औषधि के निर्माण और विपणन के लिये मेडिज़ेस्ट फार्मास्यूटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड गोवा (Medizest Pharmaceuticals Private Ltd. Goa) को लाइसेंस दिया गया है।
  • CSIR ने रिकॉर्ड समय में उमीफेनोविर के निर्माण के लिये प्रक्रिया प्रौद्योगिकी (Process Technology) विकसित की है।
  • दवा के लिये सभी कच्चा माल स्वदेशी रूप से उपलब्ध है।

केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (Central Drug Research Institute- CDRI):

  • CDRI जैव चिकित्सा अनुसंधान के क्षेत्र में एक अग्रणी अनुसंधान संस्थान है।
  • इसका उद्घाटन भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू द्वारा 17 फरवरी, 1951 को किया गया था।
  • इसका उद्देश्य देश में औषधि अनुसंधान और विकास के क्षेत्र को मज़बूत करना तथा आगे बढ़ाना है।

यादृच्छिक, डबल ब्लाइंड, प्लेसबो नियंत्रित परीक्षण:

  • यादृच्छिक-
    • यह एक प्रकार का वैज्ञानिक प्रयोग है जिसके अंतर्गत किसी विषय को यादृच्छिक (Randomly) आधार पर दो समूहों में बाँटा जाता है।
    • इसमें से एक समूह में प्रयोग के तौर पर कुछ हस्तक्षेप किये जाते हैं तथा दूसरे समूह का उपचार पारंपरिक तरीके से ही किया जाता है।
    • उसके बाद दोनों प्रयोगों से प्राप्त परिणामों की तुलना की जाती है। इस प्रयोग के परिणाम का उपयोग हस्तक्षेप की प्रभावशीलता का आकलन करने के लिये किया जाता है।
  • डबल ब्लाइंड-
    • इसमें न तो रोगियों को और न ही शोधकर्त्ताओं को पता होता है कि किसे प्लेसबो दिया जा रहा है तथा किस का उपचार किया जा रहा है। यह ये सुनिश्चित करता है कि परीक्षणों के परिणाम शोधकर्त्ताओं और रोगियों के पूर्वाग्रह से प्रभावित नहीं होते हैं।
  • प्लेसबो नियंत्रित-
    • प्लेसबो-नियंत्रित एक प्लेसबो प्राप्त करने वाले नियंत्रण समूह को संदर्भित करता है। यह इसे उन अध्ययनों से अलग करता है जो केवल उपचार देते हैं और परिणाम रिकॉर्ड करते हैं।
    • यहाँ, एक नियंत्रण समूह को प्लेसबो जबकि दूसरे समूह को औषधि (या अन्य उपचार) देकर अध्ययन किया जाता है। इस प्रकार, शोधकर्त्ता प्लेसबो और औषधि के प्रभाव की तुलना कर सकते हैं।

आगे की राह:

  • यदि उमिफेनोविर का नैदानिक ​परीक्षण सफल रहा तो यह COVID-19 के खिलाफ एक सुरक्षित, प्रभावकारी, सस्ती औषधि हो सकती है और राष्ट्रीय कार्यक्रम का हिस्सा हो सकती है।

स्रोत: PIB

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