भूगोल
जुड़वाँ चक्रवात
- 18 May 2022
- 10 min read
प्रिलिम्स के लिये:मैडेन-जूलियन ऑसिलेशन, रॉज़वी तरंग, चक्रवात। मेन्स के लिये:उष्णकटिबंधीय और समशीतोष्ण चक्रवात, जुड़वाँ चक्रवात तथा उनका गठन। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उपग्रह से प्राप्त छवियों ने हिंद महासागर क्षेत्र में जुड़वाँ चक्रवातों की पुष्टि की है, इनमें से एक उत्तरी गोलार्द्ध में और दूसरा दक्षिणी गोलार्द्ध में है, जिन्हें क्रमशः चक्रवात असानी और चक्रवात करीम नाम दिया गया है।
चक्रवात करीम और असानी:
- चक्रवात करीम को श्रेणी II के तूफान के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जिसकी गति 112 किलोमीटर प्रति घंटा होती है।
- असानी चक्रवात बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में बना हुआ है, जिसकी अनुमानित गति 100-110 किमी. प्रति घंटे से लेकर 120 किमी. प्रति घंटे तक है।
- इन दोनों चक्रवातों का निर्माण हिंद महासागर क्षेत्र में हुआ है।
- दोनों चक्रवात एक ही देशांतर में उत्पन्न हुए और अब अलग हो रहे हैं।
- चक्रवात करीम ऑस्ट्रेलिया के पश्चिम में खुले समुद्र क्षेत्र की ओर आगे बढ़ रहा है।
- चक्रवात करीम का नामकरण दक्षिण अफ्रीकी देश सेशेल्स द्वारा, जबकि चक्रवात असानी का नामकरण श्रीलंका द्वारा किया गया था।
जुड़वाँ चक्रवात:
- हवा और मानसून प्रणाली की परस्पर क्रिया पृथ्वी की प्रणाली के साथ मिलकर इन समकालिक चक्रवातों का निर्माण करती है।
- जुड़वाँ उष्णकटिबंधीय चक्रवात भूमध्यरेखीय रॉज़वी तरंगों के कारण उत्पन्न होते हैं।
- रॉज़वी तरंगें समुद्र में लगभग 4,000-5,000 किलोमीटर की तरंग दैर्ध्य के साथ विशाल समुद्री लहरें हैं।
- रॉज़वी तरंगों का नाम प्रसिद्ध मौसम विज्ञानी कार्ल-गुस्ताफ रॉज़वी (Carl-Gustaf Rossby) के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने सबसे पहले यह बताया था कि ये तरंगें पृथ्वी के घूमने के कारण उत्पन्न होती हैं।
- इस प्रणाली के अनुसार, यह एक भँवर (Vortex) है जो उत्तरी और दक्षिणी दोनों गोलार्द्धों में स्थित है जो लगभग एक ही देशांतर पर घूमते हैं, लेकिन विपरीत दिशाओं में, जैसा कि उपग्रह छवियों में भी देखा गया है।
- उत्तर में चक्रवात की गति वामावर्त होती है और एक सकारात्मक चक्रण होता है, जबकि दक्षिणी गोलार्द्ध में यह दक्षिणावर्त दिशा में घूमता है, इसलिये एक नकारात्मक चक्रण होता है।
- दोनों में आवर्त का सकारात्मक मान होता है।
- प्रायः इन से जुड़वाँ चक्रवात का निर्माण होता है।
चक्रवात निर्माण की प्रक्रिया:
- जब उत्तरी और दक्षिणी दोनों गोलार्द्धों में ‘भ्रमिलता’ (Vorticity) ‘सकारात्मक’ होती है, जैसा कि रॉज़वी तरंगों के मामले में होता है, तो भँवर की बाह्य परत में मौजूद आर्द्र या नम हवा थोड़ी ऊपर उठती है।
- यह आगे की प्रक्रिया की शुरुआत करने के लिये पर्याप्त होती है।
- जब वायु थोड़ा ऊपर उठती है, तो जलवाष्प संघनित होकर बादल का निर्माण करती है और संघनित होते ही वाष्पीकरण की गुप्त ऊष्मा को बाहर निकालती है।
- वातावरण गर्म होता है, हवा का यह भाग ऊपर की ओर उठता है और इस प्रक्रिया से ‘सकारात्मक प्रतिक्रिया’ उत्पन्न होती है। आसपास की वायु से हल्का होने की वजह से वायु का यह गर्म भाग और ऊपर उठता है तथा घने बादलों का निर्माण करता है। इस बीच दोनों तरफ से वायु ‘आर्द्र’ हो जाती है, जिसके परिणामस्वरूप कुछ अन्य स्थितियों की उपस्थिति में ‘चक्रवात’ का निर्माण हो जाता है।
- इसके लिये समुद्र की सतह का तापमान कम-से-कम 27 डिग्री गर्म होना चाहिये; वातावरण में वायु अपरूपण बहुत अधिक नहीं होना चाहिये।
- उदाहरण के लिये यदि निचले स्तर पर पछुआ पवनों का प्रभाव है और ऊपरी स्तर पर पूर्वी पवनों का प्रभाव है या पवनों के बीच तापमान का अंतर बहुत अधिक है, तो चक्रवात का निर्माण नहीं होगा।
- लेकिन यदि अंतर कम है तब भी चक्रवात बने रहेंगे।
- सभी प्रकार के बादलों के साथ वृहद् भंँवर होगा। जब वे मज़बूत हो जाएंगे तो तीव्रता से घूमेंगे और वृहद् तूफानों का रूप धारण कर लेते हैं।
क्या जुड़वाँ अलग-अलग गोलार्द्ध में जा सकते हैं?
- यह सही है की जुड़वाँ चक्रवात बनने के बाद पश्चिम की ओर बढ़ते हैं। उत्तरी गोलार्द्ध में उनकी गति का उत्तरावर्त जबकि दक्षिणी गोलार्द्ध में दक्षिणावर्त होती है।
- जिसका मतलब है कि उत्तरी गोलार्द्ध में चक्रवात उत्तर और पश्चिम की ओर बढ़ रहा है, जबकि दक्षिणी गोलार्द्ध में दक्षिण और पश्चिम की ओर बढ़ रहा है।
क्या मैडेन-जूलियन ऑसिलेशन (MJO) जुड़वाँ चक्रवात उतपन्न होता है?
- MJO बादलों और संवहन का बड़ा समूह है जिसका आकार लगभग 5,000-10,000 किलोमीटर है।
- यह रॉज़वी तरंग एवं केल्विन तरंग से बना है जो एक प्रकार की तरंग संरचना है जिसे हम समुद्र में देख सकते हैं। MJO के पूर्वी हिस्से में केल्विन लहर है, जबकि MJOके पश्चिमी अनुगामी किनारे पर रॉस्बी लहर है, इसी तरह भूमध्य रेखा के दोनों ओर दो भंँवर हैं।
- हालांँकि सभी उष्णकटिबंधीय चक्रवात MJO से उत्पन्न नहीं होते हैं। कभी-कभी यह सिर्फ रॉज़वी तरंग होती है जिसके दोनों ओर दो भंँवर होते हैं।
विगत वर्ष के प्रश्न:निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2020)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (c)
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