भूगोल
उष्णकटिबंधीय चक्रवातों को नई श्रेणी की आवश्यकता
- 03 Apr 2024
- 8 min read
प्रिलिम्स के लिये:उष्णकटिबंधीय चक्रवातों को नई श्रेणी, उष्णकटिबंधीय चक्रवात, चक्रवाती तूफान, सैफिर-सिम्पसन (SS) स्केल, ग्लोबल वार्मिंग मेन्स के लिये:उष्णकटिबंधीय चक्रवातों को नई श्रेणी की आवश्यकता है, भूकंप जैसी महत्त्वपूर्ण भू-भौतिकीय घटनाएँ। |
स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
हाल ही में जर्नल प्रोसीडिंग्स ऑफ नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज़ में एक अध्ययन प्रकाशित हुआ है, जहाँ शोधकर्त्ताओं ने दावा किया है कि चक्रवाती तूफान के दौरान पवन की गति 309 किमी./घंटा को पार कर सकती है और इसलिये पवन के पैमाने में श्रेणी 6 को जोड़ना होगा।
अध्ययन के मुख्य तथ्य क्या हैं?
- सैफिर-सिम्पसन (SS) स्केल पर पुनर्विचार:
- सैफिर-सिम्पसन (SS) तूफान पवन स्केल की पर्याप्तता के बारे में चिंताएँ हैं, जिसका प्रयोग केवल पवन की गति के आधार पर तूफान के जोखिम को संचारित करने के लिये 50 वर्षों से अधिक समय से किया जा रहा है।
- SS चक्रवाती तूफान पवन पैमाने पर 5 श्रेणियाँ हैं- श्रेणी 1 से श्रेणी 5 - श्रेणी 5 में पवन की गति 252 किमी./घंटा से अधिक है।
- श्रेणी 5 के प्रभाव में पवन, तूफान और वृष्टि का संयुक्त रूप से प्रभाव किसी भी संरचना को पूरी तरह से ध्वस्त कर देगा।
- SS चक्रवाती तूफान पवन पैमाने पर 5 श्रेणियाँ हैं- श्रेणी 1 से श्रेणी 5 - श्रेणी 5 में पवन की गति 252 किमी./घंटा से अधिक है।
- ओपन-एंडेड श्रेणी 5 अब गर्म होती जलवायु में तूफान से होने वाले नुकसान के बढ़ते जोखिम के संचार हेतु पर्याप्त नहीं हो सकती है।
- सैफिर-सिम्पसन (SS) तूफान पवन स्केल की पर्याप्तता के बारे में चिंताएँ हैं, जिसका प्रयोग केवल पवन की गति के आधार पर तूफान के जोखिम को संचारित करने के लिये 50 वर्षों से अधिक समय से किया जा रहा है।
- परिकल्पित श्रेणी 6 का परिचय:
- ग्लोबल वार्मिंग के कारण अब श्रेणी 6 के चक्रवात को परिभाषित करने की आवश्यकता है।
- वार्मिंग न केवल समुद्र की सतह पर, बल्कि समुद्र की गहराई में भी देखी जा सकती है, जिससे समुद्र में ऊष्मा/हीट की मात्रा बढ़ जाती है और इस प्रकार उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की तीव्रता में वृद्धि होती है।
- मौजूदा पैमाने की सीमाओं को संबोधित करने के लिये सैफिर-सिम्पसन विंड स्केल में एक परिकल्पित श्रेणी 6 की शुरुआत 309 किमी./घंटा से ऊपर की हवा की गति के साथ प्रस्तावित है।
- ग्लोबल वार्मिंग के कारण अब श्रेणी 6 के चक्रवात को परिभाषित करने की आवश्यकता है।
- तूफान की तीव्रता पर ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव:
- पूर्व-औद्योगिक काल से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में वृद्धि के कारण पृथ्वी लगभग 1.10 डिग्री सेल्सियस तक गर्म हो गई है और महासागरों में अधिक तीव्र उष्णकटिबंधीय चक्रवात उत्पन्न हुए हैं।
- वार्मिंग की प्रत्येक डिग्री के लिये सबसे शक्तिशाली चक्रवात 12% प्रबल हो रहे हैं जिससे वे 40% अधिक विनाशकारी बन रहे हैं।
- जैसे-जैसे महासागर गर्म होते हैं, चक्रवात भी तेज़ी से प्रबल होते हैं और महासागरों के ऊपर अधिक समय तक रहते हैं।
- वर्ष 2023 में, उष्णकटिबंधीय चक्रवात फ्रेडी ने महासागरों के ऊपर 37 दिन रहा, जिससे यह अब तक का सबसे लंबे समय तक रहने वाला चक्रवात बन गया।
- पूर्व-औद्योगिक काल से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में वृद्धि के कारण पृथ्वी लगभग 1.10 डिग्री सेल्सियस तक गर्म हो गई है और महासागरों में अधिक तीव्र उष्णकटिबंधीय चक्रवात उत्पन्न हुए हैं।
- रिस्क मेसेजिंग के निहितार्थ:
- निष्कर्ष में ग्लोबल वार्मिंग के कारण गंभीर तूफानों के बढ़ते जोखिम के बारे में आमजन को बेहतर तरीके से जागरूक करने के लिये रिस्क मेसेजिंग में बदलाव करने के महत्त्व को रेखांकित किया गया है।
- SS स्केल के माध्यम से अंतर्देशीय बाढ़ और तूफान वृद्धि से संबंधित मुद्दों का समाधान नहीं किया जा सकता है।
- अतएव, तूफान के खतरों के किसी भी संभावना के बारे को उचित तरीके से संप्रेषित करने के लिये मेसेजिंग प्रणाली में बदलाव करना आवश्यक है।
नोट:
- उष्णकटिबंधीय चक्रवात की गति 119 किमी./घंटा अथवा उससे अधिक तक पहुँच जाने के बाद इसे हरिकेन/प्रभंजन, टाइफून के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, यह इसकी उत्पत्ति पर निर्भर करता है।
- उत्तरी अटलांटिक, मध्य उत्तरी प्रशांत और पूर्वी उत्तरी प्रशांत क्षेत्र में हरिकेन शब्द का प्रयोग किया जाता है।
- उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के लिये पश्चिमी प्रशांत बेसिन सबसे सक्रिय क्षेत्र है और यहाँ विश्वभर के लगभग एक तिहाई उष्णकटिबंधीय चक्रवात उत्पन्न होते हैं।
- उत्तर भारतीय बेसिन कुल वैश्विक बेसिन का मात्र 4% है, हालाँकि यह इस प्रकार के चक्रवातों के प्रभाव के लिये विश्व के सबसे संवेदनशील क्षेत्रों में से एक है।
चक्रवात क्या हैं?
प्रश्न. मौजूदा सैफिर-सिम्पसन (SS) स्केल की सीमाओं का परीक्षण कीजिये और स्पष्ट कीजिये कि एक नई श्रेणी- 6 की शुरुआत इन सीमाओं का किस प्रकार समाधान कर सकती है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये (2020)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (c) प्रश्न. उष्णकटिबंधीय (ट्रॉपिकल) अक्षांशों में दक्षिणी अटलांटिक और दक्षिण-पूर्वी प्रशांत क्षेत्रों में चक्रवात उत्पन्न नहीं होता। इसके क्या कारण हैं? (2015) (a) समुद्री पृष्ठों के तापमान निम्न होते हैं। उत्तर: (b) मेन्स:प्रश्न. उष्णकटिबंधीय चक्रवात अधिकांशतः दक्षिणी चीन सागर, बंगाल की खाड़ी और मैक्सिको की खाड़ी तक ही परिसीमित रहते हैं। ऐसा क्यों हैं? (2014) |