शासन व्यवस्था
ट्राइफेड: डिजिटाइज़ेशन ड्राइव
- 08 Aug 2020
- 7 min read
प्रीलिम्स के लिये:भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास परिसंघ,न्यूनतम समर्थन मूल्य, विश्व स्वास्थ्य संगठन मेन्स के लिये:भारत में जनजातीय समुदायों के कल्याण के लिये TRIFED द्वारा किये जा रहे प्रयास |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में 6 अगस्त, 2020 को भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास परिसंघ (Tribal Cooperative Marketing Development Federation of India-TRIFED) द्वारा अपना 33 वाँ स्थापना दिवस मनाया गया तथा उसी दिन TRIFED द्वारा अपने स्वयं के आभासी कार्यालय (Virtual Office) का भी उदघाटन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- आभासी कार्यालय:
- इस कार्यालय में 81 ऑनलाइन वर्क स्टेशन एवं 100 अतिरिक्त कन्वर्जिंग स्टेट एजेंसी वर्क स्टेशन शामिल हैं जो आदिवासी लोगों को मुख्यधारा के विकास के करीब लाने की दिशा में देश भर में अपने भागीदारों के साथ मिलकर TRIFED की टीम के सदस्यों की मदद करेंगे।
- कर्मचारियों में आपसी तालमेल के स्तर का पता लगाने तथा उनके प्रयासों को अधिक सुगम्य बनाने के लिये, डैशबोर्ड लिंक के साथ एक ‘एम्प्लॉई इंगेजमेंट एंड वर्क डिस्ट्रिब्यूशन मैट्रिक्स’ (Employee Engagement and Work Distribution Matrix) को भी लॉन्च किया गया है।
- कारण:
- COVID -19 महामारी के कारण , खरीददारी, बैंकिंग, तथा अन्य कार्य ऑनलाइन हो गए हैं तथा यह देखा गया है कि लॉकडाउन के बाद भी ऑनलाइन कार्यों में वृद्धि हुई है।
- ये सभी संगठनात्मक पहल ट्राइफेड के महत्त्वाकांक्षी डिजिटाइज़ेशन ड्राइव (Digitisation Drive) का एक अभिन्न अंग है जो अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर आधारित आर्ट ई-प्लेटफ़ॉर्म (Art e-Platforms) मानकों पर आदिवासियों की वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देने, आदिवासियों के ग्रामीण उत्पादों तथा आदिवासी कारीगरों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों से जोड़ने, के लिये प्रोत्साहित करता है ।
भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास परिसंघ (TRIFED):
- गठन:
- TRIFED का गठन वर्ष 1987 में जनजातीय कार्य मंत्रालय के तत्त्वावधान में राष्ट्रीय नोडल एजेंसी के रूप में किया गया।
- इसे बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम, 1984 (Multi-State Cooperative Societies Act) के तहत पंजीकृत गया था।
- इसने अपने कार्यों की शुरुआत वर्ष 1988 में नई दिल्ली स्थित मुख्य कार्यालय से की।
- उद्देश्य: जनजातीय लोगों का सामाजिक-आर्थिक विकास, आर्थिक कल्याण को बढ़ावा देना, ज्ञान, उपकरण और सूचना के साथ जनजातीय लोगों का सशक्तीकरण एवं क्षमता निर्माण करना।
- कार्य: यह मुख्य रूप से दो कार्य करता है पहला-लघु वन उपज ( Minor Forest Produce (MFP) विकास, दूसरा खुदरा विपणन एवं विकास (Retail Marketing and Development) हैं।
पहल और भागीदारी:
- TRIFED द्वारा वर्ष 1999 में नई दिल्ली में ट्राइब्स इंडिया (Tribes India) नामक अपने पहले रिटेल आउटलेट के माध्यम से आदिवासी कला और शिल्प वस्तुओं की खरीद और विपणन का कार्य शुरू किया गया।
- TRIFED द्वारा वन धन योजना (Van Dhan Yojana) के तहत उत्पादन को बढ़ाने के लिये वन धन इंटर्नशिप कार्यक्रम (Van Dhan Internship Programme) का आयोजन किया गया है।
- TRIFED द्वारा जनजातियों में उद्यमशीलता को विकसित करने के लिये राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों (Institutes of National Importance-INI) के साथ मिलकर एक परिवर्तनकारी टेक फॉर ट्राइबल्स प्रोग्राम (Transformational Tech For Tribals Program) को शुरू किया गया है।
- सूक्ष्म वन उत्पादों के संवर्द्धित मूल्य को बढ़ावा देने के लिये ट्राईफूड योजना (TRIFOOD Scheme) खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, जनजातीय मामलों के मंत्रालय और TRIFED की एक संयुक्त पहल है।
- सूक्ष्म वन उत्पादों (Minor Forest Produce-MFP) के विपणन के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price-MSP) के माध्यम से एक तंत्र विकसित किया गया तथा वर्ष 2013 में MFP के लिये एक मूल्य श्रृंखला को लागू किया गया था ताकि वन निवासी अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribes-STs) और अन्य पारंपरिक वनवासियों के उत्पादों का उचित मूल्य सुनिश्चित किया जा सके।
- TRIFED द्वारा संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (United Nations Children’s Fund- यूनिसेफ) एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation- WHO) के सहयोग से COVID -19 महामारी पर वेबिनार का आयोजन किया है।
- इस वेबिनार में COVID -19 के लिये बेसिक दिशा-निर्देशों के संदर्भ में TRIFED प्रशिक्षक और स्वयंसेवक संघों (Self Help Groups-SHG) के लिये एक आभासी प्रशिक्षण का आयोजन किया गया।