लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

जैव विविधता और पर्यावरण

द एनर्जी प्रोग्रेस रिपोर्ट 2022

  • 03 Jun 2022
  • 11 min read

प्रिलिम्स के लिये:

ऊर्जा प्रगति रिपोर्ट, ऊर्जा दक्षता, स्वच्छ ईंधन, सतत् विकास लक्ष्य 

मेन्स के लिये:

ऊर्जा प्रगति रिपोर्ट और सिफारिशें, अक्षय ऊर्जा, सतत् विकास लक्ष्य के निष्कर्ष। 

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में, ‘ट्रैकिंग एसडीजी 7 - द एनर्जी प्रोग्रेस रिपोर्ट 2022’ जारी की गई, जिसमें यह बताया गया है कि रूस-यूक्रेन युद्ध और कोविड-19 संकट ने एसडीजी 7 के लक्ष्य को प्राप्त करने के प्रयासों को काफी धीमा कर दिया है। 

टिप्पणी: 

  • वार्षिक एसडीजी 7 ट्रैकिंग रिपोर्ट में चार प्रमुख ऊर्जा लक्ष्यों के आधिकारिक डैशबोर्ड में वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय प्रगति का मूल्यांकन किया है: 
    • 7.1: बिजली और स्वच्छ खाना पकाने के समाधान के लिये सार्वभौमिक पहुँच सुनिश्चित करना; 
    • 7.2: अक्षय ऊर्जा की हिस्सेदारी में पर्याप्त वृद्धि; 
    • 7.3: ऊर्जा दक्षता पर प्रगति को दोगुना करना; 
    • 7.A: स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा के समर्थन में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना। 

निष्कर्ष: 

  • बिजली तक पहुँच (7.1): 
    • वैश्विक आबादी का हिस्सा बिजली तक पहुँच के संदर्भ में वर्ष 2010 में 83% से बढ़कर वर्ष 2020 में 91% हो गया है, जिससे वैश्विक स्तर पर बिजली तक पहुँच वाले लोगों की संख्या 1.3 बिलियन तक बढ़ गई है। 
    • बिजली की पहुँच से दूर, लोगों की संख्या वर्ष 2010 में 1.2 बिलियन से घटकर 2020 में 733 मिलियन हो गई 
    • हालाँकि, विद्युतीकरण में प्रगति की गति हाल के वर्षों में धीमी हो गई है, जिसे अधिक दूरस्थ और गरीब आबादी तक पहुँचने की बढ़ती जटिलता और कोविड -19 महामारी के दुष्प्रभाव से समझा जा सकता है। 
      • प्रगति की वर्तमान दर के अनुसार, विश्व वर्ष 2030 तक 92% विद्युतीकरण का ही लक्ष्य प्राप्त कर पायेगा। 
  • स्वच्छ ईंधन (7.1): 
    • स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन और प्रौद्योगिकियों की उपलब्धता के संदर्भ में वैश्विक आबादी का हिस्सा वर्ष 2021 की तुलना में 3% बढ़कर वर्ष 2020 में 69% हो गया है। 
    • हालाँकि, जनसंख्या वृद्धि वाले क्षेत्र विशेष रूप से उप-सहारा अफ्रीका में, स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन की पहुँच से यह क्षेत्र बहुत अधिक लाभान्वित हुआ है। 
      • नतीजतन, स्वच्छ खाना पकाने वाले लोगों की कुल संख्या में कमी दशकों से अपेक्षाकृत स्थिर बनी हुई है। यह वृद्धि मुख्य रूप से एशिया में बड़ी आबादी वाले देशों तक पहुंँच में प्रगति से प्रेरित थी। 
  • नवीकरणीय (7.2): 
    • जबकि वर्ष 2021 में अक्षय क्षमता विस्तार की हिस्सेदारी में रिकॉर्ड मात्रा में वृद्धि हुई, सकारात्मक वैश्विक और क्षेत्रीय प्रक्षेपवक्र इस तथ्य को छिपाते हैं कि जिन देशों में नई क्षमता वृद्धि कम थी, उन्हें बढ़ी हुई पहुंँच की सबसे अधिक आवश्यकता थी। 
    • इसके अलावा बढ़ती वस्तु, ऊर्जा और शिपिंग कीमतों के साथ-साथ प्रतिबंधात्मक व्यापार उपायों ने सौर फोटोवोल्टिक (PV) मॉड्यूल, पवन टरबाइन, जैव ईंधन के उत्पादन और परिवहन की लागत में वृद्धि की है, जिससे भविष्य की अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के लिये अनिश्चितता बढ़ गई है। 
  • ऊर्जा दक्षता (7.3): 
    • एसडीजी 7.3 का लक्ष्य प्राथमिक ऊर्जा तीव्रता में वार्षिक सुधार की वैश्विक दर को दोगुना करना है।  
    • वर्ष 2010 से 2019 तक ऊर्जा तीव्रता में वैश्विक वार्षिक सुधार औसतन लगभग 1.9% था, जो लक्ष्य से काफी कम था। 
  • अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रवाह (7.A): 
    • स्वच्छ ऊर्जा के समर्थन में विकासशील देशों के लिये अंतर्राष्ट्रीय सार्वजनिक वित्तीय प्रवाह अधिकांश देशों में सतत् विकास की अत्यधिक आवश्यकता और जलवायु परिवर्तन की बढ़ती तात्कालिकता के बावजूद लगातार दूसरे वर्ष घटकर वर्ष 2019 में 10.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, । 
    • कुल मिलाकर वित्त पोषण का स्तर एसडीजी 7 तक पहुँचने के लिये आवश्यक स्तर से नीचे बना हुआ है, विशेष रूप से सबसे कमज़ोर और सबसे कम विकसित देशों में। 

SDG

सिफारिशों 

  • बिजली तक पहुँच: वर्ष 2030 के लक्ष्य को पूरा करने के लिये नए कनेक्शनों की संख्या को सालाना 100 मिलियन तक बढ़ाने की आवश्यकता है। 
  • स्वच्छ पाक कला: वर्ष 2030 तक स्वच्छ खाना पकाने के लिये सार्वभौमिक पहुँच के एसडीजी 7 लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये एक बहुक्षेत्रीय, समन्वित प्रयास की आवश्यकता है। 
    • यह महत्त्वपूर्ण है कि वैश्विक समुदाय उन देशों की सफलताओं और चुनौतियों से सीखे जिन्होंने स्वच्छ घरेलू ऊर्जा नीतियों को डिज़ाइन और कार्यान्वित करने का प्रयास किया है। 
  • नवीकरणीय: सस्ती, विश्वसनीय, टिकाऊ और आधुनिक ऊर्जा तक सार्वभौमिक पहुँच सुनिश्चित करने का तात्पर्य बिजली, गर्मी और परिवहन के लिये अक्षय ऊर्जा स्रोतों की त्वरित तैनाती है। 
    • अक्षय शेयरों को 2030 तक 'कुल अंतिम ऊर्जा खपत' के 30% से अधिक तक पहुँचाने की आवश्यकता है, जो 2019 में 18% से अधिक है, वर्ष 2050 तक शुद्ध-शून्य ऊर्जा उत्सर्जन तक पहुँचने के लिये सही दिशा में कदम बढ़ाना आवश्यक है। 
  • ऊर्जा दक्षता: अगर दुनिया को वर्ष 2050 तक ऊर्जा क्षेत्र से शुद्ध-शून्य उत्सर्जन हासिल करना है, तो ऊर्जा दक्षता की दर अधिक होनी चाहिये। ऊर्जा दक्षता की दर इस दशक के लिये लगातार 4% से अधिक होने की आवश्यकता है। 
  • अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रवाह: SDG 7.3 लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये ऊर्जा दक्षता नीतियों और निवेश को महत्त्वपूर्ण रूप से बढ़ाने की आवश्यकता है। 

विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2016) 

  1. सतत् विकास लक्ष्यों को पहली बार वर्ष 1972 में 'क्लब ऑफ रोम' नामक एक वैश्विक थिंक टैंक द्वारा प्रस्तावित किया गया था। 
  2. सतत् विकास लक्ष्यों को वर्ष 2030 तक हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है। 

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं? 

(a) केवल 1  
(b) केवल 2 
(c) 1 और 2 दोनों  
(d) न तो 1 और न ही 2 

उत्तर: (B) 

व्याख्या: 

  • 17 सतत् विकास लक्ष्य (SDG) जिन्हें वैश्विक लक्ष्यों के रूप में भी जाना जाता है, गरीबी को समाप्त करने, ग्रह की रक्षा करने और सभी के लिये शांति और समृद्धि सुनिश्चित करने हेतु सार्वभौमिक आह्वान है। 
  • वे सहस्त्राब्दि विकास लक्ष्यों की सफलता पर आधारित हैं, जिसमें जलवायु परिवर्तन, आर्थिक असमानता, नवाचार, टिकाऊ उपभोग, शांति और न्याय जैसे नए क्षेत्रों सहित अन्य प्राथमिकताएंँ शामिल हैं। 
  • इन लक्ष्यों के उद्देश्य आपस में अंतःसंबंधित हैं, एक की सफलता से दूसरे मुद्दे की सफलता सुनिश्चित होती है 
  • वर्ष 2015 में अपनाया गया SDG जनवरी 2016 में प्रभावी हुआ। इसे 2030 तक हासिल किया जाना है। अतः कथन 2 सही है। 
  • SDG की उत्पति वर्ष 2012 में रियो डी जनेरियो में सतत् विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में हुआ था। क्लब ऑफ रोम ने पहली बार वर्ष 1968 में अधिक व्यवस्थित तरीके से संसाधन संरक्षण की वकालत की थी। अतः कथन 1 सही नहीं है। 

स्रोत: डाउन टू अर्थ 

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2