शासन व्यवस्था
क्यू.एस. वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग- 2021 जारी
- 10 Jun 2020
- 5 min read
प्रीलिम्स के लिये:क्यू.एस. वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग मेन्स के लिये:भारत में शैक्षणिक परिदृश्य एवं मानव संसाधन |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग (QS World University Rankings) सूची जारी की गई जिसमें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे (Indian Institute of Technology-IIT Bombay) ने 172वाँ स्थान प्राप्त कर लगातार तीसरे वर्ष भारत का सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय बना रहा।
प्रमुख बिंदु:
- उल्लेखनीय है कि ‘क्यू.एस. वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग’ की 1000 वैश्विक संस्थानों की सूची में भारतीय संस्थानों की कुल संख्या घटकर 21 हो गई है।
- इस सूची में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे (Indian Institute of Technology-IIT Bombay) की रैंकिंग में 20 स्थान की गिरावट हुई है।
- केवल IIT- गुवाहाटी और IIT- हैदराबाद की रैंकिंग में सुधार हुआ है।
- भारतीय संस्थानों को अंतर्राष्ट्रीय संकाय और छात्रों के अनुपात के संदर्भ में छह मापदंडों में से शून्य अंक प्राप्त हुए हैं।
- IIT- दिल्ली की रैंक 10 स्थान की कमी के साथ 193 हो गई, जबकि IIT- मद्रास की रैंक 275 रही।
- IIT- खड़गपुर और IIT-कानपुर दोनों शीर्ष 300 विश्वविद्यालयों से बाहर हो गए हैं। IIT-रुड़की ने 383 पर अपनी रैंकिंग बनाए रखी, जबकि IIT- गुवाहाटी का स्थान 491 से घटकर 470 पर आ गया है।
- गौरतलब है कि IIT- हैदराबाद ‘क्यू.एस. वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग’ की शीर्ष 1000 विश्वविद्यालयों की सूची में पहली बार प्रवेश किया है।
- BITS पिलानी और वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान शीर्ष 1000 विश्वविद्यालयों की सूची से बाहर हो गए हैं।
- ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (OP Jindal Global University) की रैंकिंग 650-700 के बीच है, जो कि पिछले वर्ष ही 1000 विश्वविद्यालयों की सूची में शामिल हुआ था।
- शीर्ष 500 में शामिल विश्वविद्यालयों में अन्य भारतीय संस्थान इस प्रकार हैं-
संस्थान |
क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग |
IIT-बॉम्बे |
172 |
भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) |
185 |
IIT- दिल्ली |
193 |
IIT-मद्रास |
275 |
IIT-खड़गपुर |
314 |
IIT-कानपुर |
350 |
IIT-रुड़की |
383 |
IIT-गुवाहाटी |
470 |
संस्थानों का पक्ष:
- कुछ संस्थानों की रैंकिंग में मामूली गिरावट कठोर अंतर्राष्ट्रीय मानकों के कारण आई है।
- भारतीय संस्थानों को अंतर्राष्ट्रीय संकाय और छात्रों के अनुपात के संदर्भ में छह मापदंडों में से शून्य अंक इसलिये प्राप्त हुए हैं क्योंकि भारत में इसकी गणना में केवल पूर्णकालिक शिक्षकों को ही शामिल किया गया है, जबकि अमेरिकी विश्वविद्यालयों में पी.एच.डी. छात्रों और अनुसंधान सहायकर्त्ताओं की भी गणना की गई है।
क्यू.एस. वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग (QS World University Rankings) |
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आगे की राह:
- एक समिति का गठन कर संस्थानों के प्रदर्शन का आंकलन करने के साथ ही इनके रैंकिंग में सुधार हेतु उचित कदम उठाये जाने की आवश्यकता है।
- भारतीय उच्च शिक्षा क्षेत्र में शिक्षण क्षमता बढ़ाने हेतु और दुनिया भर के अधिक प्रतिभाशाली छात्रों और शिक्षकों को आकर्षित करने के तरीके खोजने होंगे।