लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

कृषि

तिलपिया जलीय कृषि परियोजना: मत्स्यपालन

  • 20 Aug 2022
  • 11 min read

प्रिलिम्स के लिये:

भारत का मत्स्य पालन क्षेत्र, तिलपिया जलीय कृषि परियोजना, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, जलीय कृषि।

मेन्स के लिये:

भारत के मत्स्य पालन क्षेत्र का महत्त्व।

चर्चा में क्यों?

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) से प्रेरित होकर प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (TDB) ने इज़रायली प्रौद्योगिकी के साथ तिलपिया जलीय कृषि परियोजना को समर्थन दिया है।

  • प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (TDB) विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत एक वैधानिक निकाय है।

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना

  • प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) योजना की घोषणा सितंबर 2020 में तकनीकी रूप से उन्नत मछली पकड़ने के जहाज़ों, पारंपरिक मछुआरों हेतु गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के जहाज़ों, नावों और जालों के अधिग्रहण के लिये वित्तीय सहायता प्रदान करने हेतु की गई थी।
  • इसमें लगभग 9% की औसत वार्षिक वृद्धि दर पर वर्ष 2024-25 तक मछली उत्पादन को 220 लाख मीट्रिक टन तक बढ़ाने की परिकल्पना की गई है।
  • महत्वाकांक्षी योजना का लक्ष्य अगले पाँच वर्षों की अवधि में निर्यात आय को दोगुना करके 1,00,000 करोड़ रुपए और मत्स्य क्षेत्र में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 55 लाख रोज़गार के अवसर उत्पन्न करना है।
  • कोविड-19 महामारी के दौरान इस क्षेत्र द्वारा सामना किये गए विभिन्न चुनौतियों के बावजूद भारत ने अप्रैल से फरवरी 2021-22 तक 7,165 मिलियन अमेरिकी डाॅलर के समुद्री उत्पादों का सर्वकालिक उच्च निर्यात हासिल किया है।

एक्वाकल्चर (Aquaculture):

  • परिचय:
    • जलीय कृषि/एक्वाकल्चर शब्द प्रमुख तौर पर किसी भी वाणिज्यिक, मनोरंजक या सार्वजनिक उद्देश्य के लिये नियंत्रित जलीय वातावरण में जलीय जीवों की खेती को संदर्भित करता है।
    • पौधों और जानवरों का प्रजनन, पालन और कटाई सभी प्रकार के जल वातावरण में होती है जिसमें तालाब, नदियाँ, झीलें, महासागर तथा भूमि पर मानव निर्मित "बंद" प्रणालियाँ शामिल हैं।
  • उद्देश्य:
    • मानव उपभोग हेतु खाद्य उत्पादन;
    • संकटग्रस्त और संकटापन्न प्रजातियों की आबादी का पुनर्स्थापना;
    • आवास बहाली;
    • मछलियों की आबादी बहाल करना;
    • मछली का उत्पादन; तथा
    • चिड़ियाघरों और एक्वैरियम के लिये मछली पालन।

तिलपिया

Tilapia

  • तिलपिया, जिसे जलीय चिकन भी कहा जाता है, दुनिया में सबसे अधिक उत्पादक और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापारित मछली खाद्य पदार्थों में से एक बन गया है।
  • तिलपिया का पालन दुनिया के कई हिस्सों में व्यावसायिक रूप से लोकप्रिय है और इसकी त्वरित वृद्धि एवं कम रखरखाव के कारण इसे जलीय चिकन घोषित किया गया था।
  • तिलपिया विभिन्न प्रकार के जलीय कृषि वातावरणों के प्रति सहिष्णु है, इसकी खेती लवणीय जल में और तालाब या बंद की प्रणालियों में भी की जा सकती है।

भारत में मत्स्य पालन की स्थिति:

  • परिचय:
    • मत्स्य पालन समुद्री, तटीय और अंतर्देशीय क्षेत्रों में जलीय जीवों विकास है।
    • समुद्री और अंतर्देशीय मत्स्य पालन, जलीय कृषि के साथ, दुनिया भर में लाखों लोगों को फसल, प्रसंस्करण, विपणन तथा वितरण से भोजन, पोषण एवं आय का स्रोत प्रदान करते हैं।
    • कई लोगों के लिये यह उनकी पारंपरिक सांस्कृतिक पहचान का भी हिस्सा है।
    • वैश्विक मत्स्य संसाधनों की स्थिरता के लिये सबसे बड़े खतरों में से एक अवैध, असूचित और अनियमित रूप से मछली पकड़ना है।
  • महत्त्व:
    • मत्स्य पालन प्राथमिक उत्पादक क्षेत्रों में सबसे तेज़ी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक है।
    • भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश है, जो वैश्विक उत्पादन का 7.56% हिस्सा है और देश के सकल मूल्य वर्धित (GVA) में लगभग 1.24% और कृषि GVA में 7.28% से अधिक का योगदान देता है।
    • भारत दुनिया में मछली का चौथा सबसे बड़ा निर्यातक है क्योंकि यह वैश्विक मछली उत्पादन में 7.7% का योगदान देता है।
    • यह क्षेत्र देश के आर्थिक और समग्र विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसे "सनराइज सेक्टर" भी कहा जाता है, यह समान और समावेशी विकास के माध्यम से अपार क्षमता वाला क्षेत्र है।
    • इस क्षेत्र को 5 मिलियन लोगों को रोज़गार प्रदान करने और देश के 28 मिलियन मछुआरा समुदाय के लिये आजीविका को बनाए रखने के लिये एक शक्तिशाली कारक के रूप में मान्यता प्राप्त है।
    • मत्स्य पालन क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में तीन बड़े परिवर्तन देखे गए हैं:
      • अंतर्देशीय जलीय कृषि का विकास, विशेष रूप से मीठे पानी की जलीय कृषि।
      • मत्स्य पालन का मशीनीकरण।
      • खारे पानी के झींगा के जलीय कृषि की सफल शुरुआत।
  • चुनौतियाँ:
    • खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के अनुसार, वैश्विक समुद्री मत्स्य उत्पादन के लगभग 90% क्षमता का या तो पूरी तरह या क्षमता से अधिक दोहन हो चुका है जिसकी पुनःप्राप्ति जैविक रूप से संभव नहीं है।
    • जल निकायों में प्लास्टिक और अन्य अपशिष्ट जैसे हानिकारक पदार्थों का निर्वहन जो जलीय जीवन के लिये विनाशकारी परिणाम पैदा करते हैं।
    • जलवायु परिवर्तन।

मत्स्य पालन के लिये सरकार की पहल:

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न:

प्रिलिम्स

प्रश्न: किसान क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत किसानों को निम्नलिखित में से किस उद्देश्य के लिये अल्पकालिक ऋण सुविधा प्रदान की जाती है? (2020)

  1. कृषि संपत्तियों के रखरखाव के लिये कार्यशील पूंजी
  2. कंबाइन हार्वेस्टर, ट्रैक्टर और मिनी ट्रक की खरीद
  3. खेतिहर परिवारों की उपभोग आवश्यकता
  4. फसल के बाद का खर्च
  5. पारिवारिक आवास का निर्माण एवं ग्राम कोल्ड स्टोरेज सुविधा की स्थापना

निम्नलिखित कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिये:

(a) केवल 1, 2 और 5
(b) केवल 1, 3 और 4
(c) केवल 2, 3, 4 और 5
(d) 1, 2, 3, 4 और 5

उत्तर: (b)

  • किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना को वर्ष 1998 में किसानों को उनकी खेती और बीज, उर्वरकों, कीटनाशकों आदि जैसे कृषि आदानों की खरीद तथा उनकी उत्पादन आवश्यकताओं के लिये नकदी निकालने जैसी अन्य आवश्यकताओं के लिये लचीली एवं सरलीकृत प्रक्रिया के साथ एक एकल खिड़की के तहत बैंकिंग प्रणाली से पर्याप्त तथा समय पर ऋण सहायता प्रदान करने हेतु शुरू किया गया था।
  • इस योजना को वर्ष 2004 में किसानों की निवेश ऋण आवश्यकता जैसे संबद्ध और गैर-कृषि गतिविधियों के लिये आगे बढ़ाया गया था।
  • किसान क्रेडिट कार्ड निम्नलिखित उद्देश्यों के साथ प्रदान किया जाता है:
    • फसलों की खेती के लिये अल्पकालिक ऋण आवश्यकता
    • फसल के बाद का खर्च; अतः कथन 4 सही है।
    • विपणन ऋण का उत्पादन
    • किसान परिवार की खपत की आवश्यकताएंँ; अतः कथन 3 सही है।
    • कृषि परिसंपत्तियों और कृषि से संबंधित गतिविधियों, जैसे- डेयरी पशु, अंतर्देशीय मत्स्य पालन आदि के रखरखाव के लिये कार्यशील पूंजी, अतः कथन 1 सही है।
    • कृषि और संबद्ध गतिविधियों जैसे- पंपसेट, स्प्रेयर, डेयरी पशु, आदि के लिये निवेश ऋण की आवश्यकता। हालाँकि यह खंड दीर्घकालिक ऋणा का है।
  • किसान क्रेडिट कार्ड योजना वाणिज्यिक बैंकों, आरआरबी, लघु वित्त बैंकों और सहकारी समितियों द्वारा कार्यान्वित की जाती है।
  • किसानों को कंबाइन हार्वेस्टर, ट्रैक्टर और मिनी ट्रक की खरीद एवं परिवार के घर के निर्माण और गाँव में कोल्ड स्टोरेज सुविधा की स्थापना के लिये अल्पकालिक ऋण सहायता नहीं दी जाती है। अत: 2 और 5 सही नहीं हैं।

अतः विकल्प (b) सही है।


मेन्स

प्रश्न. नीली क्रांति' को परिभाषित करते हुए भारत में मत्स्यपालन की समस्याओं और रणनीतियों को समझाइये। ( 2018)

स्रोत: पी.आई.बी.

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2