भारतीय राजनीति
उपसभापति की अनुपस्थिति
- 15 Feb 2023
- 11 min read
प्रिलिम्स के लिये:स्पीकर और डिप्टी स्पीकर की स्थिति, संसद के पीठासीन अधिकारियों के लिये प्रावधान। मेन्स के लिये:डिप्टी स्पीकर का महत्त्व |
चर्चा में क्यों?
सर्वोच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका (PIL) पर केंद्र से जवाब मांगा है, जिसमें कहा गया है कि वर्ष 2019 से 17वीं (वर्तमान) लोकसभा के लिये उपाध्यक्ष का चुनाव नहीं करना "संविधान की मूल भावना के खिलाफ" है।
- राजस्थान, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और झारखंड सहित पाँच राज्यों की विधानसभाओं में भी यह पद खाली पड़ा है।
संवैधानिक प्रावधान:
- अनुच्छेद 93 कहता है कि लोकसभा पद रिक्त होते ही अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के रूप में सेवा के लिये दो सदस्यों को नियुक्त करेगी। हालाँकि यह समय-सीमा निर्दिष्ट नहीं करता है।
- अनुच्छेद 178 में किसी राज्य की विधानसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के लिये संबंधित स्थिति शामिल है।
विषय पर विभिन्न दृष्टिकोण:
- विशेषज्ञ:
- विशेषज्ञ बताते हैं कि अनुच्छेद 93 और 178 दोनों में "होगा” (Shall) शब्द का उपयोग किया गया है, यह दर्शाता है कि संविधान के तहत स्पीकर और डिप्टी स्पीकर का चुनाव अनिवार्य है।
- संघ सरकार:
- सरकार का तर्क है कि डिप्टी स्पीकर के लिये "तत्काल आवश्यकता" नहीं है क्योंकि सदन में सामान्य रूप से "विधेयक पारित किये जा रहे हैं और चर्चा हो रही है"।
- इसके अलावा विभिन्न दलों से चुने गए नौ सदस्यों का एक पैनल है जो सभापति को सदन चलाने में सहायता करने के लिये अध्यक्ष के रूप में कार्य कर सकता है।
क्या न्यायपालिका मामले में हस्तक्षेप कर सकती है?
- अनुच्छेद 122 के अनुसार, "संसद में किसी भी कार्यवाही की वैधता प्रक्रिया में कथित अनियमितता के आधार पर उसे न्यायालय में प्रश्नगत नहीं किया जा सकता।"
- न्यायालय आमतौर पर संसद के प्रक्रियात्मक आचरण में हस्तक्षेप नहीं करता है। हालाँकि विशेषज्ञों का तर्क है कि न्यायालय के पास कम-से-कम यह जाँच करने का अधिकार है कि डिप्टी स्पीकर के पद के लिये कोई चुनाव क्यों नहीं हुआ है क्योंकि संविधान में "जितनी जल्दी हो सके" चुनाव की परिकल्पना की गई है।
उपाध्यक्ष के संबंध में प्रावधान:
- निर्वाचन:
- लोकसभा में उपाध्यक्ष का चुनाव लोकसभा की प्रक्रिया तथा कार्य-संचालन नियमों के नियम 8 द्वारा शासित होता है।
- उपाध्यक्ष का चुनाव लोकसभा द्वारा अध्यक्ष के चुनाव के ठीक बाद अपने सदस्यों में से किया जाता है। उपाध्यक्ष के चुनाव की तिथि अध्यक्ष द्वारा निर्धारित की जाती है।
- निर्धारित समय-सीमा:
- उपाध्यक्ष का चुनाव आमतौर पर दूसरे सत्र में होता है तथा सामान्यतः वास्तविक एवं अपरिहार्य बाधाओं के कारण इसमें और देरी नहीं होती है।
- कार्यकाल की अवधि और पदमुक्ति:
- अध्यक्ष की तरह ही उपाध्यक्ष भी आमतौर पर लोकसभा के कार्यकाल (5 वर्ष) तक अपने पद पर बना रहता है।
- उपाध्यक्ष निम्नलिखित तीन मामलों में अपना पद पहले खाली कर सकता है:
- यदि वह लोकसभा का सदस्य नहीं रहता है।
- यदि वह अध्यक्ष को पत्र लिखकर इस्तीफा दे देता है।
- यदि उसे लोकसभा के सभी तत्कालीन सदस्यों के बहुमत से पारित प्रस्ताव द्वारा हटा दिया जाता है। ऐसा प्रस्ताव उपाध्यक्ष को 14 दिन की अग्रिम सूचना देने के बाद ही पेश किया जा सकता है।
- उपाध्यक्ष की स्थिति:
- अनुच्छेद 95 के अनुसार, उपाध्यक्ष, अध्यक्ष का पद रिक्त होने पर उसके कर्तव्यों का निर्वहन करता है और सदन की बैठक से अध्यक्ष के अनुपस्थित रहने की स्थिति में उपाध्यक्ष उसके स्थान पर कार्य करता है। दोनों ही मामलों में वह अध्यक्ष की सभी शक्तियों का प्रयोग करता है।
- उपाध्यक्ष, अध्यक्ष का अधीनस्थ नहीं होता है। वह सीधे सदन के प्रति उत्तरदायी होता है। नतीजतन यदि उनमें से कोई भी इस्तीफा देना चाहता है, तो उन्हें अपना इस्तीफा सदन को प्रस्तुत करना होगा, जिसका अर्थ है कि अध्यक्ष, उपाध्यक्ष को इस्तीफा देता है।
उपाध्यक्ष की आवश्यकता:
- निरंतरता बनाए रखना: जब भी अध्यक्ष अनुपस्थित होता है या अध्यक्ष का पद रिक्त हो जाता है तो उपाध्यक्ष कार्यालय की निरंतरता बनाए रखता है।
- सदन का प्रतिनिधित्त्व: यदि अध्यक्ष त्यागपत्र दे देता है तो वह अपना त्यागपत्र उपसभापति को सौंप देता है।
- यदि उपाध्यक्ष का पद रिक्त होता है तो महासचिव त्यागपत्र प्राप्त करता है और सदन को इसकी सूचना देता है। लोकसभा के पीठासीन अधिकारियों हेतु नियमों के अनुसार राजपत्र और बुलेटिन में इस्तीफा अधिसूचित किया जाता है।
- विपक्ष को मज़बूत करना: वर्ष 2011 से उपसभापति का पद विपक्षी दल को देने की परंपरा रही है।
- हालाँकि संवैधानिक रूप से उपसभापति विपक्ष या बहुमत दल से हो सकता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2017)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (D) व्याख्या:
अतः विकल्प (d) सही है। प्रश्न. लोकसभा अध्यक्ष के पद के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2012)
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (b)
अतः विकल्प (b) सही उत्तर है। |