शासन व्यवस्था
मनरेगा योजना के तहत कार्यान्वित तकनीकी नवाचार
- 03 Jan 2024
- 9 min read
प्रिलिम्स के लिये:आधार भुगतान ब्रिज सिस्टम (APBS), महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) योजना, राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि प्रबंधन प्रणाली (NeFMS) मेन्स के लिये:मनरेगा योजना, सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप |
स्रोत: पी.आई.बी
चर्चा में क्यों?
ग्रामीण विकास मंत्रालय ने भारत के कमज़ोर वर्ग को कल्याणकारी लाभों से वंचित करने तथा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत मज़दूरी भुगतान में देरी के लिये प्रौद्योगिकी, विशेष रूप से आधार के उपयोग से संबंधित चिंताओं का उत्तर दिया है।
- इन चिंताओं के संदर्भ में मंत्रालय ने मनरेगा के तहत कई तकनीकी नवाचारों पर प्रकाश डाला है, जिसका उद्देश्य इसके कार्यान्वयन में पारदर्शिता तथा दक्षता बढ़ाना है।
मनरेगा योजना क्या है?
- परिचय:
- वर्ष 2005 में ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा शुरू की गई यह योजना विश्व के सबसे बड़े रोज़गार गारंटी कार्यक्रमों में से एक है।
- यह योजना किसी भी ग्रामीण परिवार के वयस्क सदस्यों के लिये प्रत्येक वित्तीय वर्ष में सौ दिनों का रोज़गार सुनिश्चित करते हुये विधिक गारंटी प्रदान करती है।
- इस योजना द्वारा प्रतिभागी वैधानिक न्यूनतम वेतन अर्जित करने हेतु सार्वजनिक परियोजनाओं से संबंधित अकुशल शारीरिक कार्य संबंधी रोज़गार में नियोजित किये जाते हैं।
- मनरेगा की वर्तमान स्थिति:
- इसके तहत वर्तमान में 14.32 करोड़ जॉब कार्ड पंजीकृत किये गए हैं, जिनमें से 68.22% सक्रिय जॉब कार्ड हैं तथा इसमें कुल 25.25 करोड़ श्रमिक पंजीकृत हैं, जिनमें से 56.83% सक्रिय श्रमिक हैं।
- कार्यान्वित तकनीकी नवाचार:
- आधार एकीकरण:
- इसके तहत वास्तविक लाभार्थियों के डी-डुप्लीकेशन तथा प्रमाणीकरण के लिये निरंतर आधार सीडिंग (आधार संख्या को प्राथमिक बैंक खाता संख्या से जोड़ना) की जाती है।
- 14.08 करोड़ (98.31%) सक्रिय श्रमिकों की आधार सीडिंग पहले ही पूर्ण हो चुकी है। इन सीडेड आधार की तुलना में कुल 13.76 करोड़ आधार प्रमाणित किये गए हैं एवं 87.52% सक्रिय श्रमिक अब आधार पेमेंट ब्रिज सिस्टम (Aadhaar Payment Bridge System- APBS) के पात्र हैं।
- APBS एक भुगतान प्रणाली है जो लाभार्थियों के आधार-लिंक्ड बैंक खातों में इलेक्ट्रॉनिक रूप से सरकारी सब्सिडी और लाभ की राशि भेजने के लिये आधार संख्या का उपयोग करती है।
- तकनीकी या आधार-संबंधी समस्याओं का सामना करने वाली ग्राम पंचायतें मुद्दों के समाधान होने तक मामले-दर-मामले आधार पर APBS से छूट मांग सकती हैं।
- नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) का डेटा DBT के लिये आधार सक्षम होने पर 99.55% या उससे अधिक की सफलता दर का संकेत देता है।
- APBS एक भुगतान प्रणाली है जो लाभार्थियों के आधार-लिंक्ड बैंक खातों में इलेक्ट्रॉनिक रूप से सरकारी सब्सिडी और लाभ की राशि भेजने के लिये आधार संख्या का उपयोग करती है।
- मज़दूरी रोज़गार के लाभार्थियों के वेतन का भुगतान APBS के माध्यम से किया जाना है।
- हाल की चिंताओं के अनुसार कुल पंजीकृत श्रमिकों में से 34.8% और सक्रिय श्रमिकों में से 12.7% अभी भी APBS के लिये अयोग्य हैं तथा उनकी कोई प्रासंगिकता नहीं है।
- क्योंकि APBS केवल तभी लागू होता है जब कोई पंजीकृत लाभार्थी मज़दूरी रोज़गार के अंतर्गत आता है।
- राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक फंड प्रबंधन प्रणाली (National Electronic Fund Management System- NEFMS):
- लाभार्थियों को सीधे वेतन भुगतान करने के लिये वित्त वर्ष 2016-17 में NEFMS पेश किया गया था।
- 99% से अधिक वेतन भुगतान सीधे लाभार्थियों के बैंक/डाकघर खातों में जमा किया जाता है।
- लाभार्थियों को सीधे वेतन भुगतान करने के लिये वित्त वर्ष 2016-17 में NEFMS पेश किया गया था।
- आधार एकीकरण:
- NMMS के माध्यम से रियल-टाइम निगरानी:
- राष्ट्रीय मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम (National Mobile Monitoring System) ऐप कार्यस्थलों पर लाभार्थियों की रियल-टाइम उपस्थिति को कैप्चर करता है।
- लाभार्थी और नागरिक पारदर्शिता बढ़ाते हुए कार्यकर्त्ता की उपस्थिति का सत्यापन कर सकते हैं।
- राष्ट्रीय मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम (National Mobile Monitoring System) ऐप कार्यस्थलों पर लाभार्थियों की रियल-टाइम उपस्थिति को कैप्चर करता है।
- परिसंपत्तियों की जियोटैगिंग:
- यह सिस्टम योजना के तहत बनाई गई परिसंपत्तियों की जियोटैगिंग के लिये रिमोट सेंसिंग तकनीक का उपयोग करता है।
- रिमोट सेंसिंग किसी क्षेत्र के परावर्तित और उत्सर्जित विकिरण का दूरस्थ (आमतौर पर उपग्रह या विमान से) मापन कर उसकी भौतिक विशेषताओं का पता लगाने एवं निगरानी करने की प्रक्रिया है।
- यह स्थान-विशिष्ट जानकारी प्रदान करके सार्वजनिक जाँच और जवाबदेही सुनिश्चित करता है।
- जॉब कार्ड अद्यतनीकरण:
- राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा नियमित रूप से जॉब कार्ड अद्यतित किया/हटाया जाता है-
- यदि कोई जॉब कार्ड नकली जॉब कार्ड (गलत जॉब कार्ड)/डुप्लिकेट जॉब कार्ड है/परिवार काम करने के इच्छुक नहीं है/परिवार ग्राम पंचायत से स्थायी रूप से स्थानांतरित हो गया है/जॉब कार्ड में एकल व्यक्ति है और उस व्यक्ति की मृत्यु हो गई है, तो उसे हटाया जा सकता है।
- अप्रैल 2022 से अब तक करीब 2.85 करोड़ जॉब कार्ड निरस्त किये जा चुके हैं।
- ड्रोन द्वारा निगरानी:
- बेहतर निर्णय लेने, वास्तविक समय की निगरानी और डेटा संग्रह को बढ़ाने के लिये ड्रोन का पायलट परीक्षण किया जा रहा है।
- यह सिस्टम योजना के तहत बनाई गई परिसंपत्तियों की जियोटैगिंग के लिये रिमोट सेंसिंग तकनीक का उपयोग करता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन “ महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम” के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने का पात्र है? (a) केवल अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति परिवारों के वयस्क सदस्य उत्तर: (d) व्याख्या:
अतः विकल्प D सही है। |