शासन व्यवस्था
स्वनिधि से समृद्धि
- 13 Apr 2022
- 7 min read
प्रिलिम्स के लिये:प्रधानमंत्री स्वनिधि, आत्मनिर्भर भारत अभियान, आर्थिक प्रोत्साहन- II। मेन्स के लिये:विकास से संबंधित मुद्दे, सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप, आत्मनिर्भर भारत अभियान। |
चर्चा में क्यों?
आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) ने 14 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के अतिरिक्त 126 शहरों में 'स्वनिधि से समृद्धि' कार्यक्रम शुरू किया है।
- भारतीय गुणता परिषद (QCI) कार्यक्रम के लिये कार्यान्वयन भागीदार है।
‘स्वनिधि से समृद्धि’ कार्यक्रम:
- परिचय:
- यह ‘पीएम स्वनिधि’ योजना का एक अतिरिक्त कार्यक्रम है, जिसे 4 जनवरी, 2021 को 125 शहरों में ‘पीएम स्वनिधि’ लाभार्थियों और उनके परिवारों के सामाजिक-आर्थिक प्रोफाइल को चिह्णित करने हेतु लॉन्च किया गया था।
- यह विभिन्न केंद्रीय कल्याण योजनाओं (8) के लिये लाभार्थियों की संभावित पात्रता का आकलन करता है और इन योजनाओं से जुड़ाव की सुविधा प्रदान करता है।
- इन योजनाओं में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जन धन योजना, प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना, भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक (रोज़गार व सेवा की शर्तों का विनियमन) अधिनियम (BOCW), खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), एक राष्ट्र एक राशन कार्ड (ONORC), जननी सुरक्षा योजना और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) के तहत पंजीकरण शामिल हैं।
- कवरेज़:
- चरण 1 में इसने लगभग 35 लाख स्ट्रीट वेंडरों और उनके परिवारों को कवर किया।
- चरण 2 का लक्ष्य 28 लाख स्ट्रीट वेंडरों और उनके परिवारों को शामिल करना है, जिसमें वित्त वर्ष 2022-23 के लिये कुल 20 लाख का लक्ष्य रखा गया है। शेष शहरों को धीरे-धीरे कार्यक्रम में जोड़ा जाएगा।
- उपलब्धियाँ:
- वर्ष 2020-21 में (कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद) यह कार्यक्रम स्ट्रीट वेंडर परिवारों को सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करने में सफल रहा और इस तरह उन्हें जीवन एवं आजीविका के किसी भी जोखिम व सुभेद्यता से बचाया गया।
- इस कार्यक्रम की उपलब्धियाँ हैं:
- पहला, विभिन्न सामाजिक-आर्थिक संकेतकों के आधार पर स्ट्रीट वेंडरों एवं उनके परिवारों का एक केंद्रीय डेटाबेस तैयार किया गया है।
- दूसरा, रेहड़ी-पटरी सामान बेचने वाले परिवारों तक कल्याणकारी योजनाओं के सुरक्षा जाल का विस्तार करने के लिये विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों के बीच अपनी तरह का पहला अंतर-मंत्रालयी अभिसरण मंच स्थापित किया गया है।
‘पीएम स्वनिधि योजना’ क्या है?
- परिचय:
- प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) को आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत आर्थिक प्रोत्साहन-II के एक हिस्से के रूप में घोषित किया गया था।
- इसे 700 करोड़ रुपए के स्वीकृत बजट के साथ 1 जून, 2020 से लागू किया गया था, ताकि उन स्ट्रीट वेंडरों को उनकी आजीविका को फिर से शुरू करने के लिये किफायती कार्यशील पूंजी ऋण प्रदान किया जा सके, जो कोविड-19 लॉकडाउन के कारण प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुए हैं।
- उद्देश्य:
- शहरी क्षेत्रों में 24 मार्च, 2020 को या उससे पहले वेंडिंग करने वाले 50 लाख से अधिक स्ट्रीट वेंडरों को लाभान्वित करना, जिनमें आसपास के पेरी-शहरी/ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी शामिल हैं।
- प्रतिवर्ष 1,200 रुपये तक की राशि तक कैश-बैक प्रोत्साहन के माध्यम से डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देना।
- विशेषताएँ:
- विक्रेता 10,000 रुपए तक का कार्यशील पूंजी ऋण प्राप्त कर सकते हैं, जो एक वर्ष के कार्यकाल में मासिक किस्तों में चुकाने योग्य है।
- ऋण के समय पर/जल्दी चुकौती पर, त्रैमासिक आधार पर प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से लाभार्थियों के बैंक खातों में 7% प्रतिवर्ष की ब्याज सब्सिडी जमा की जाएगी।
- ऋण की जल्दी चुकौती पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा। विक्रेता ऋण की समय पर/जल्दी चुकौती पर बढ़ी हुई ऋण सीमा की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।
- चुनौतियाँ:
- कई बैंक 100 रुपए और 500 रुपए के बीच के स्टांप पेपर पर आवेदन मांग रहे हैं।
- बैंकों द्वारा पैन कार्ड मांगने और यहाँ तक कि आवेदकों या राज्य के अधिकारियों के CIBIL या क्रेडिट स्कोर की जाँच करने के भी उदाहरण देखे गए हैं।
- CIBIL स्कोर किसी के क्रेडिट इतिहास का मूल्यांकन है और ऋण के लिये उनकी पात्रता निर्धारित करता है।
- पुलिस और नगर निगम के अधिकारियों द्वारा उत्पीड़न की शिकायतें भी मिली हैं।
- सुझाव:
- राज्यों को यह सुनिश्चित करने के लिये कहा जाना चाहिये कि अधिकारियों द्वारा रेहड़ी-पटरी वालों को परेशान न किया जाए, क्योंकि वे केवल आजीविका का अधिकार मांग रहे हैं।
- केंद्र ने आवेदक द्वारा ‘पसंदीदा ऋणदाता’ के रूप में सूचीबद्ध बैंक शाखाओं या जहाँ विक्रेता का बचत बैंक खाता है, को सीधे आवेदन भेजने का भी निर्णय लिया है।
- एक सॉफ्टवेयर भी विकसित किया गया है जो बैंकों को लगभग 3 लाख आवेदनों की जाँच करने में मदद कर सकता है।