नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


भारतीय अर्थव्यवस्था

रणनीतिक विनिवेश

  • 05 Oct 2019
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चयनित सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के निजीकरण में तेज़ी लाने के लिये रणनीतिक विनिवेश (Strategic Disinvestmen) की नई प्रक्रिया को मंज़ूरी दी है।

नई प्रक्रिया की आवश्यकता क्यों?

  • बड़ी विनिवेश योजनाओं में बाधा उत्पन्न करने वाले प्रशासनिक मंत्रालयों की भूमिका को कम करने तथा विनिवेश प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और तेज़ करने के उद्देश्य से इस नई प्रक्रिया को मंज़ूरी दी गई है।
  • सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से 1.05 लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है।
  • लेकिन निगम कर में छूट के माध्यम से कॉर्पोरेट्स को 1.45 लाख करोड़ रुपए के प्रोत्साहन के बाद यह लक्ष्य प्राप्त करना और अधिक कठिन हो गया है।
  • 31 मार्च, 2020 को समाप्त होने वाले वर्तमान वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को GDP के 3.3% की सीमा में रखने के लिये भी विनिवेश से राशि जुटाना सरकार के लिये महत्त्वपूर्ण है।
  • 4-5 महीनों की समय-सीमा में बिक्री की प्रक्रिया को पूरा करने के लिये इस प्रक्रिया को मंज़ूरी दी गई है।
  • प्रक्रिया में परिवर्तन, सचिवों के एक समूह द्वारा भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड, भारतीय कंटेनर निगम लिमिटेड (कॉनकॉर), नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NEEPCO) सहित कुछ अन्य PSUs में सरकारी हिस्सेदारी की बिक्री के लिये सहमति व्यक्त करने के कुछ दिनों के बाद किया गया है।

क्या है नई प्रक्रिया?

  • वित्त मंत्रालय के तहत निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (Department of Investment and Public Asset Management-DIPAM) को रणनीतिक विनिवेश के लिये नोडल विभाग बनाया गया है।
  • वर्तमान में रणनीतिक बिक्री के लिये सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs) की पहचान नीति आयोग द्वारा की जाती है।
  • लेकिन इस नई प्रक्रिया में अब DIPAM और नीति आयोग संयुक्त रूप से रणनीतिक विनिवेश के लिये सार्वजनिक उपक्रमों की पहचान करेंगे।
  • इसके अलावा संबंधित प्रशासनिक मंत्रालयों के सचिव के साथ DIPAM सचिव भी विनिवेश पर अंतर-मंत्री समूह की सह-अध्यक्षता करेगा।
  • रणनीतिक बिक्री में दो चरणों में नीलामी हो सकती है। पहले चरण में रुचि व्यक्त की जा सकेगी और दूसरे चरण में वित्तीय नीलामी शामिल है।
  • बिक्री के हर पहलू पर स्पष्टता प्रदान करने के लिये नीलामी से पूर्व संभावित बोलीदाताओं के साथ मीटिंग्स और संभावित निवेशकों को आकर्षित करने हेतु रोड-शो विनिवेश प्रक्रिया का हिस्सा होंगे।
  • बिक्री के लिये चयनित PSU की जानकारी बोलीदाताओं को उपलब्ध कराने हेतु डेटा सेंटर स्थापित किया जाएगा।

विनिवेश और रणनीतिक बिक्री

  • सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs) में सरकार की हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया विनिवेश कहलाती है।
  • इसके लिये सरकार अपने हिस्से के शेयर्स को किसी निजी इकाई को स्थानांतरित कर देती है किंतु उस उपक्रम पर अपना स्वामित्व अथवा मालिकाना हक बनाए रखती है।
  • जबकि रणनीतिक बिक्री में सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई के शेयर्स के साथ ही प्रबंधन नियंत्रण का हस्तांतरण भी किया जाता है अर्थात् स्वामित्व और नियंत्रण को किसी निजी क्षेत्र की इकाई को स्थानांतरित कर दिया जाता है।
  • साधारण विनिवेश के विपरीत रणनीतिक बिक्री एक प्रकार से निजीकरण है।

रणनीतिक बिक्री क्यों?

  • किसी रणनीतिक निवेशक को कंपनी की इक्विटी के हस्तांतरण से प्राप्त होने वाली आय को आवश्यक अवसंरचनाओं के निर्माण में अधिक लाभप्रद तरीके से परिनियोजित किया जा सकता है।
  • यह सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को प्रतिस्पर्द्धात्मक रूप से सक्षम बनाते समय सार्वजनिक ऋण में कमी करने में भी सहायता करेगा तथा ऋण-जीडीपी अनुपात को भी कम करेगा।

स्रोत : बिज़नेस स्टैंडर्ड 

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow