GST कानून बनाने की राज्यों की शक्ति | 21 May 2022
प्रिलिम्स के लिये:GST, GST परिषद, सर्वोच्च न्यायालय मेन्स के लिये:सहकारी संघवाद और प्रतिस्पर्द्धी संघवाद, जीएसटी की चुनौतियांँ |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने लोकतंत्र की भलाई के लिये "सहकारी संघवाद" के महत्त्व का समर्थन करते हुए अपने एक निर्णय में कहा कि संघ एवं राज्य विधानसभाओं के पास माल और सेवा कर (GST) पर कानून बनाने के लिये " एक समान और अद्वितीय शक्तियांँ" हैं। तथा जीएसटी परिषद की सिफारिशें उन पर बाध्यकारी नहीं हैं।
- सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय गुजरात उच्च न्यायालय के उस निर्णय की पुष्टि करते हुए आया जिसमें कहा गया था कि केंद्र भारतीय आयातकों पर समुद्री माल के लिये एकीकृत माल और सेवा कर (IGST) नहीं लगा सकता है।
- सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि माल आयात के मामले में भुगतान किये गए समुद्री माल पर GST असंवैधानिक है।
SC का निर्णय:
- GST कानून बनाते समय केंद्र और राज्य "स्वायत्त, स्वतंत्र तथा यहाँ तक कि प्रतिस्पर्द्धी इकाइयाँ" हैं। संघीय इकाइयों के एकीकृत दृष्टिकोण के कारण सहकारी संघवाद को ‘कठोर संघवाद ’(Marble Cake) की तरह माना जाता है।
- GST परिषद की सिफारिशें संघ और राज्यों को शामिल करते हुए एक सहयोगी संवाद का उदाहरण प्रस्तुत करती हैं। ये सिफारिशें प्रकृति में अनुशंसात्मक होती हैं।
- ये सिफारिशें केवल प्रेरक मूल्य की होती हैं अर्थात् संघ और राज्यों दोनों को GST पर कानून बनाने की समान शक्ति प्रदान की जाती है, अतः इन कानूनों को बाध्यकारी मानने से राजकोषीय संघवाद बाधित होगा।
- इस बात पर ज़ोर दिया गया कि संविधान का अनुच्छेद 246A (जो राज्यों को GST के संबंध में कानून बनाने की शक्ति देता है) संघ और राज्यों को "समान इकाइयों" के रूप में मानता है।
- यह GST पर कानून बनाने के लिये केंद्र और राज्यों को एक साथ शक्ति प्रदान करता है।
- अनुच्छेद 279A, GST परिषद के गठन में यह बताता है कि न तो केंद्र और न ही राज्य वास्तव में दूसरे पर निर्भर हैं।
- माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 (जीएसटी अधिनियम) में ऐसा कोई प्रावधान नहीं हैं जो उन स्थितियों से निपट सके जहाँ केंद्र और राज्यों द्वारा बनाए गए कानूनों के बीच टकराव होने पर GST परिषद उन्हें उचित सलाह दे सके।
सहकारी और प्रतिस्पर्द्धी संघवाद:
- सहकारी संघवाद:
- केंद्र और राज्य एक क्षैतिज संबंध साझा करते हैं, जहाँ वे व्यापक जनहित में ‘सहयोग’ करते हैं।
- यह राष्ट्रीय नीतियों के निर्माण और कार्यान्वयन में राज्यों की भागीदारी को सक्षम करने के लिये एक महत्त्वपूर्ण उपकरण है।
- संघ और राज्य संवैधानिक रूप से संविधान की अनुसूची- VII में निर्दिष्ट मामलों पर एक-दूसरे के साथ सहयोग करने के लिये बाध्य हैं।
- प्रतिस्पर्द्धी संघवाद:
- केंद्र और राज्य सरकारों के बीच संबंध ऊर्ध्वाधर होते हैं, जबकि सभी राज्य सरकारों के बीच परस्पर संबंध क्षैतिज होते हैं।
- 1990 के दशक के आर्थिक सुधारों के बाद भारत में प्रतिस्पर्द्धी संघवाद के इस विचार को बल मिला।
- एक मुक्त बाज़ार अर्थव्यवस्था में राज्यों की निधि, उपलब्ध संसाधन आधार और उनके तुलनात्मक लाभ सभी प्रतिस्पर्द्धा की भावना को बढ़ावा देते हैं। हालाँकि बढ़ते वैश्वीकरण ने राज्यों के बीच मौजूदा असमानताओं और असंतुलन को बढ़ा दिया है।
- प्रतिस्पर्द्धात्मक संघवाद में राज्यों को लाभ के लिये आपस में और केंद्र के साथ भी प्रतिस्पर्द्धा करने की आवश्यकता होती है।
- धन और निवेश को आकर्षित करने के लिये राज्य एक-दूसरे के साथ प्रतिस्पर्द्धा करते हैं, जो प्रशासनिक दक्षता में सुधार कर विकासात्मक गतिविधियों को बढ़ावा देता है।
- प्रतिस्पर्द्धी संघवाद भारतीय संविधान की मूल संरचना का हिस्सा नहीं, बल्कि यह कार्यकारिणी शक्तियों के निर्णयन परंपरा का हिस्सा है।
- केंद्र और राज्य सरकारों के बीच संबंध ऊर्ध्वाधर होते हैं, जबकि सभी राज्य सरकारों के बीच परस्पर संबंध क्षैतिज होते हैं।
वस्तु एवं सेवा कर (GST):
- GST एक व्यापक, बहु-चरणीय, गंतव्य-आधारित कर है जो प्रत्येक मूल्यवर्द्धन पर लगाया जाता है।
- GST पूरे देश हेतु एक अप्रत्यक्ष कर है।
- GST परिषद महत्त्वपूर्ण निर्णय लेने वाली संस्था है जो GST के संबंध में सभी महत्त्वपूर्ण निर्णय लेगी।
आगे की राह
- निर्णय GST के तहत उन प्रावधानों के परिदृश्य को बदल सकता है जो न्यायिक समीक्षा के अधीन हैं।
- जैसा कि न्यायालय ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जीएसटी परिषद की सिफारिशों का केवल प्रेरक मूल्य है, प्रावधानों के लिये एक व्यावहारिक दृष्टिकोण का होना आवश्यक है। यह जीएसटी परिषद की सिफारिशों के आधार पर ऐसे प्रावधान, जो संवैधानिकता को चुनौती देते है, न्यायिक समीक्षा के अधीन हैं।
GST Concept-1 (Hindi) - Why was GST required? By : Dr. Vikas Divyakirti
विगत वर्ष के प्रश्न:प्रश्न. निम्नलिखित मदों पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युक्त मदों में से कौन सा/से जीएसटी (वस्तु और सेवा कर) के अंतर्गत छूट प्राप्त है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: c व्याख्या:
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