अंतर्राष्ट्रीय संबंध
श्रीलंका का ऋण संकट और पेरिस क्लब
- 02 Dec 2023
- 12 min read
प्रिलिम्स:श्रीलंका का ऋण संकट और पेरिस क्लब, IMF (अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष), ऋण प्रबंधन, एशिया-प्रशांत, रूस का यूक्रेन पर आक्रमण। मेंस:श्रीलंका का ऋण संकट और पेरिस क्लब, द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से जुड़े समझौते और/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते। |
स्रोत:द हिंदू
चर्चा में क्यों?
हाल ही में श्रीलंका, भारत और पेरिस क्लब समूह के साथ प्रारंभिक ऋण पुनर्गठन समझौते पर पहुँचा है, जिससे रुके हुए IMF (अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष) ऋण कार्यक्रम को पुनर्जीवित करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
- इससे श्रीलंका को, जिसने वर्ष 2022 में अपने ऋणों पर चूक की थी, मार्च 2023 में सहमत 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर के आईएमएफ ऋण पैकेज की अगली किश्त सुरक्षित करने में मदद मिलेगी।
- जब कोई देश अपने ऋण पर चूक करता है, तो इसका मतलब है कि सरकार अपने ऋणदाताओं के प्रति अपने वित्तीय दायित्वों को पूरा करने में असमर्थ है। यह विफलता विभिन्न तरीकों से प्रकट हो सकती है और इसके महत्त्वपूर्ण प्रभाव हो सकते हैं।
श्रीलंका का ऋण परिदृश्य:
- श्रीलंका पर लगभग 46 बिलियन अमेरिकी डॉलर का विदेशी ऋण है, जिसका सबसे बड़ा भाग चीनी ऋणदाताओं का है, जिसमें जापान, भारत और वाणिज्यिक बॉण्डधारक भी बड़े ऋणदाता हैं।
- श्रीलंका को अभी भी वाणिज्यिक बॉण्डधारकों के साथ एक समझौते पर पहुँचना शेष है, जिससे देश की आर्थिक सुधार की प्रगति धीमी हो सकती है।
- मई 2022 में श्रीलंका दो दशकों में अपने ऋणों पर डिफॉल्ट करने वाला एशिया-प्रशांत का पहला देश बन गया, जो घरेलू आर्थिक कुप्रबंधन और कोरोनोवायरस महामारी तथा यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद वैश्विक मुद्रास्फीति में वृद्धि का परिणाम है।
- विदेशी मुद्रा भंडार में भारी गिरावट के कारण आयातित भोजन, ईंधन और दवा की कमी हो गई, द्वीप पर जीवन स्तर कम होने लगा है, जिससे वर्ष 2022 में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हुए।
पेरिस क्लब:
- परिचय:
- पेरिस क्लब ज़्यादातर पश्चिमी कर्ज़दाता देशों का एक समूह है, जिसकी उत्पत्ति वर्ष 1956 में आयोजित बैठक से हुई है जिसमें अर्जेंटीना पेरिस में अपने सार्वजनिक कर्ज़दाताओं से मिलने हेतु सहमत हुआ था।
- यह स्वयं को एक मंच के रूप में वर्णित करता है जहाँ लेनदार देशों द्वारा सामना की जाने वाली भुगतान कठिनाइयों को हल करने हेतु आधिकारिक कर्ज़दाता बैठक करते हैं।
- इसका उद्देश्य उन देशों हेतु स्थायी ऋण-राहत समाधान खोजना है जो देश अपने द्विपक्षीय ऋण चुकाने में असमर्थ हैं।
- पेरिस क्लब ज़्यादातर पश्चिमी कर्ज़दाता देशों का एक समूह है, जिसकी उत्पत्ति वर्ष 1956 में आयोजित बैठक से हुई है जिसमें अर्जेंटीना पेरिस में अपने सार्वजनिक कर्ज़दाताओं से मिलने हेतु सहमत हुआ था।
- सदस्य:
- सदस्यों में शामिल हैं: ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, कनाडा, डेनमार्क, फिनलैंड, फ्राँस, जर्मनी, आयरलैंड, इज़रायल, जापान, नीदरलैंड, नॉर्वे, रूस, दक्षिण कोरिया, स्पेन, स्वीडन, स्विट्ज़रलैंड, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य।
- ये सभी 22 सदस्य आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (OECD) नामक समूह के सदस्य हैं।
- ऋण समझौतों में शामिल:
- इसकी आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, पेरिस क्लब ने 102 अलग-अलग देनदार देशों के साथ 478 समझौते किये हैं।
- वर्ष 1956 के बाद से पेरिस क्लब समझौता ढाँचे के तहत 614 अरब अमेरिकी डॉलर का ऋण लिया गया है।
- हालिया गतिविधि:
- पिछली सदी में पेरिस समूह के देशों का द्विपक्षीय ऋण पर प्रभुत्त्व था, लेकिन पिछले दो दशकों में चीन के दुनिया के सबसे बड़े द्विपक्षीय ऋणदाता के रूप में उभरने के साथ उनका महत्त्व कम हो गया है।
- उदाहरण के लिये श्रीलंका के मामले में भारत, चीन और जापान सबसे बड़े द्विपक्षीय लेनदार हैं।
- श्रीलंका के द्विपक्षीय ऋणों में चीन का 52%, जापान का 19.5% तथा भारत का 12% हिस्सा है।
भारत श्रीलंका को ऋण प्रबंधन और आर्थिक विकास में कैसे सहायता प्रदान कर रहा है?
- ऋण पुनर्गठन में भूमिका:
- भारत ने श्रीलंका को उसके ऋण के पुनर्गठन में सहायता करने के लिये अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) एवं ऋणदाताओं के साथ सहयोग करने में भूमिका निभाई है।
- भारत श्रीलंका के वित्तपोषण और ऋण पुनर्गठन के लिये अपना समर्थन पत्र सौंपने वाला पहला देश बन गया।
- कनेक्टिविटी एवं नवीकरणीय ऊर्जा:
- दोनों देश एक संयुक्त दृष्टिकोण पर सहमत हुए हैं जो लोगों से लोगों के बीच कनेक्टिविटी, नवीकरणीय ऊर्जा सहित व्यापक कनेक्टिविटी पर ज़ोर देता है।
- भारतीय कंपनियाँ श्रीलंका के उत्तर-पूर्व में नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएँ विकसित कर रही हैं, जो ऊर्जा क्षेत्र में बढ़ते सहयोग का संकेत है।
- आर्थिक और प्रौद्योगिकी सहयोग समझौता (ETCA):
- दोनों देश अपनी अर्थव्यवस्थाओं को एकीकृत करने और विकास को बढ़ावा देने के लिये ETCA की संभावना तलाश रहे हैं।
- बहु-परियोजना पेट्रोलियम पाइपलाइन पर समझौता:
- भारत और श्रीलंका दोनों भारत के दक्षिणी भाग से श्रीलंका तक एक बहु-उत्पाद पेट्रोलियम पाइपलाइन स्थापित करने पर सहमत हुए हैं।
- इस पाइपलाइन का उद्देश्य श्रीलंका को ऊर्जा संसाधनों की सस्ती और विश्वसनीय आपूर्ति सुनिश्चित करना है। आर्थिक विकास तथा प्रगति में ऊर्जा की महत्त्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए पेट्रोलियम पाइपलाइन की स्थापना पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
- भारत का UPI अपनाना:
- श्रीलंका ने अब भारत की UPI सेवा को अपनाया है, जो दोनों देशों के बीच फिनटेक कनेक्टिविटी बढ़ाने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
- व्यापार निपटान के लिये रुपए के उपयोग से श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को और मदद मिल रही है। यह श्रीलंका की आर्थिक सुधार तथा वृद्धि में मदद के लिये ठोस कदम है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्सप्रश्न. "रैपिड फाइनेंसिंग इंस्ट्रूमेंट" और "रैपिड क्रेडिट सुविधा" निम्नलिखित में से किसके द्वारा उधार देने के प्रावधानों से संबंधित हैं? (2022) (a) एशियाई विकास बैंक उत्तर: (b) व्याख्या: रैपिड फाइनेंसिंग इंस्ट्रूमेंट(RFI) त्वरित वित्तीय सहायता प्रदान करता है, यह भुगतान संतुलन आवश्यकताओं का सामना करने वाले सभी सदस्य देशों के लिये उपलब्ध है। RFI को सदस्य देशों की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये तथा वित्तीय सहायता को अधिक लचीला बनाने हेतु IMF को एक व्यापक सुधार के हिस्से के रूप में बनाया गया था। रैपिड फाइनेंसिंग इंस्ट्रूमेंट IMF की पूर्ववर्ती आपातकालीन सहायता नीति की जगह लेता है और इसका उपयोग विभिन्न परिस्थितियों में किया जा सकता है। रैपिड क्रेडिट सुविधा (RCF) कम आय वाले देशों (LIC) की बिना किसी पूर्व शर्त के तत्काल भुगतान संतुलन (BoP) आवश्यकताओं की पूर्ति करता है, जहाँ एक पूर्ण आर्थिक कार्यक्रम की न तो आवश्यकता है और न ही यह व्यवहार्य है। RCF की स्थापना एक व्यापक सुधार के हिस्से के रूप में की गई थी ताकि वित्तीय सहायता को अधिक लचीला और संकट के समय LIC की विविध ज़रूरतों के अनुरूप बेहतर बनाया जा सके। RCF के तहत तीन क्षेत्र हैं: (i) घरेलू अस्थिरता, आपात स्थिति जैसे स्रोतों की एक विस्तृत शृंखला के कारण तत्काल BoP ज़रूरतों के लिये एक "रेगुलर विंडो", (ii) अचानक, बहिर्जात झटके के कारण तत्काल BoP ज़रूरतों के लिये एक "एक्सोजेनस शॉक विंडो" और (iii) प्राकृतिक आपदाओं के कारण तत्काल BoP ज़रूरतों के लिये एक "लार्ज नेचुरल डिज़ास्टर विंडो" जहाँ क्षति सकल घरेलू उत्पाद के 20% के बराबर या उससे अधिक होने का अनुमान है। प्रश्न. “स्वर्ण ट्रान्श” (रिज़र्व ट्रान्श) निर्दिष्ट करता है: (2020) (a) विश्व बैंक की एक ऋण व्यवस्था उत्तर: (d) प्रश्न. 'वैश्विक वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट' (2016) किसके द्वारा तैयार की जाती है? (a) यूरोपीय केंद्रीय बैंक उत्तर: (b) मेन्स:प्रश्न 1. विश्व बैंक और IMF, जिन्हें सामूहिक रूप से ब्रेटन वुड्स की जुडवाँ संस्था के रूप में जाना जाता है, विश्व की आर्थिक एवं वित्तीय व्यवस्था की संरचना का समर्थन करने वाले दो अंतर-सरकारी स्तंभ हैं। विश्व बैंक और IMF कई सामान्य विशेषताओं को प्रदर्शित करते हैं, फिर भी उनकी भूमिका, कार्य एवं अधिदेश स्पष्ट रूप से भिन्न हैं। व्याख्या कीजिये। (2013) प्रश्न 2. भारत-श्रीलंका के संबंधों के संदर्भ में विवेचना कीजिये कि किस प्रकार आतंरिक (देशीय) कारक विदेश नीति को प्रभावित करते हैं। (2013) प्रश्न 3. 'भारत श्रीलंका का बरसों पुराना मित्र है।' पूर्ववर्ती कथन के आलोक में श्रीलंका के वर्तमान संकट में भारत की भूमिका की विवेचना कीजिये। (2022) |