जैव विविधता और पर्यावरण
सेंडाई फ्रेमवर्क और DRR के प्रति भारत की प्रतिबद्धता
- 09 Nov 2024
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प्रिलिम्स के लिये:सेंडाई फ्रेमवर्क, 2015, एशियाई आपदा तैयारी केंद्र, CDRI, DRR के प्रति भारत की प्रतिबद्धता, G20 आपदा जोखिम न्यूनीकरण (DRR), सतत् विकास लक्ष्य मेन्स के लिये:वैश्विक आपदा जोखिम न्यूनीकरण में भारत की भूमिका, आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिये पहल, DRR में भारत के लिये प्रमुख चुनौतियाँ, आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिये प्रमुख समिति की सिफारिशें। |
स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
ब्राज़ील के बेलेम में G20 आपदा जोखिम न्यूनीकरण (डिज़ास्टर रिस्क रिडक्सन-DRR) कार्य समूह मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में वैश्विक आपदा जोखिम न्यूनीकरण (DRR) पहलों के प्रति भारत की अटूट प्रतिबद्धता पर बल दिया गया।
- बैठक में वर्ष 2015 का सेंडाई फ्रेमवर्क के प्रति भारत की प्रतिबद्धता पर ज़ोर दिया गया, जिसका उद्देश्य आपदा जोखिम एवं क्षति को कम करना है।
नोट:
- G20 देशों द्वारा गठित G20 आपदा जोखिम न्यूनीकरण (DRR) कार्य समूह का उद्देश्य सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के निवेश निर्णयों और नीति निर्माण में जोखिम न्यूनीकरण उपायों को एकीकृत करना है, ताकि मौजूदा जोखिम को कम किया जा सके, नए जोखिम के निर्माण को रोका जा सके तथा अंततः लचीली अर्थव्यवस्थाओं, समाजों एवं प्राकृतिक प्रणालियों का निर्माण किया जा सके।
सेंडाई फ्रेमवर्क (2015-2030) क्या है?
- परिचय: यह एक संयुक्त राष्ट्र समर्थित ढाँचा है, जो बेहतर तैयारी, आपदा जोखिम वित्तपोषण और सतत् विकास जैसे उपायों के माध्यम से आपदा जोखिमों को कम करने पर ध्यान केंद्रित करता है।
- इसे वर्ष 2015 में सेंडाई, मियागी, जापान में आयोजित आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर तीसरे संयुक्त राष्ट्र विश्व सम्मेलन में अपनाया गया था।
- यह ह्योगो फ्रेमवर्क फॉर एक्शन (HFA) 2005-2015: आपदाओं के प्रति राष्ट्रीय और सामुदायिक लचीलापन पर केंद्रित है।
- आपदा जोखिम को कम करने में प्राथमिक भूमिका राज्य की है, लेकिन यह ज़िम्मेदारी स्थानीय सरकार, निजी क्षेत्र और अन्य हितधारकों सहित अन्य हितधारकों के साथ साझा की जानी चाहिये।
- इसे वर्ष 2015 में सेंडाई, मियागी, जापान में आयोजित आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर तीसरे संयुक्त राष्ट्र विश्व सम्मेलन में अपनाया गया था।
- कार्यान्वयन संगठन: संयुक्त राष्ट्र आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यालय (UNDRR) को सेंडाई फ्रेमवर्क के कार्यान्वयन, अनुवर्ती कार्रवाई और समीक्षा में सहायता करने का कार्य सौंपा गया है।
- एजेंडा 2030 में भूमिका: सेंडाई फ्रेमवर्क अन्य एजेंडा 2030 समझौतों के साथ मिलकर कार्य करता है, जिसमें पेरिस समझौता (2015), विकास के लिये वित्तपोषण पर अदीस अबाबा एक्शन एजेंडा (2015), न्यू अर्बन एजेंडा और अंततः सतत् विकास लक्ष्य शामिल हैं।
नोट:
- ह्योगो फ्रेमवर्क फॉर एक्शन (HFA) 2005 और 2015 के बीच आपदा जोखिम न्यूनीकरण प्रयासों के लिये वैश्विक ब्लूप्रिंट था। इसे वर्ष 2005 में कोबे, ह्योगो, जापान में आयोजित आपदा न्यूनीकरण पर दूसरे विश्व सम्मेलन में अपनाया गया था ।
- वर्ष 1994 में प्राकृतिक आपदा न्यूनीकरण पर पहला विश्व सम्मेलन योकोहामा, जापान में आयोजित किया गया था।
- इसका लक्ष्य वर्ष 2015 तक आपदा से होने वाली क्षति, जीवन के साथ-साथ समुदायों तथा देशों की सामाजिक, आर्थिक एवं पर्यावरणीय परिसंपत्तियों को होने वाली क्षति को भी कम करना है।
DRR पहल में भारत की क्या भूमिका रही है?
- वैश्विक स्तर:
- G20: वर्ष 2023 में G20 की अध्यक्षता के दौरान, भारत ने आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्य समूह के गठन की पहल की, जो आपदा समुत्थान (Disaster Resilience) के लिये वैश्विक सहयोग में एक मील का पत्थर साबित होगा।
- G20 की अध्यक्षता में भारत ने पाँच प्राथमिकताओं के आधार पर इस मुद्दे पर अपना सक्रिय दृष्टिकोण व्यक्त किया है।
- पूर्व चेतावनी प्रणालियाँ
- आपदा-रोधी अवसंरचना
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आपदा जोखिम न्यूनीकरण वित्तपोषण
- रिकवरी रेज़िलिएशन
- प्रकृति आधारित समाधान
- G20 की अध्यक्षता में भारत ने पाँच प्राथमिकताओं के आधार पर इस मुद्दे पर अपना सक्रिय दृष्टिकोण व्यक्त किया है।
- G20: वर्ष 2023 में G20 की अध्यक्षता के दौरान, भारत ने आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्य समूह के गठन की पहल की, जो आपदा समुत्थान (Disaster Resilience) के लिये वैश्विक सहयोग में एक मील का पत्थर साबित होगा।
- आपदा रोधी अवसंरचना के लिये गठबंधन (CDRI): भारत के नेतृत्व में CDRI आपदा रोधी अवसंरचना के निर्माण और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करता है।
- अब इसमें 40 देश और सात अंतर्राष्ट्रीय संगठन शामिल हैं ।
- द्विपक्षीय और बहुपक्षीय भागीदारी: ब्राज़ील और दक्षिण अफ्रीका के साथ त्रिपक्षीय बैठकों में भारत की भागीदारी, साथ ही जापान, जर्मनी और दक्षिण कोरिया जैसे देशों के साथ द्विपक्षीय संवाद, वैश्विक आपदा जोखिम न्यूनीकरण नीतियों को आकार देने में भारत के बढ़ते प्रभाव को प्रदर्शित करती हैं।
- एशियाई आपदा तैयारी केंद्र (ADPC): ADPC एक स्वायत्त अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो एशिया और प्रशांत क्षेत्र में आपदा जोखिम न्यूनीकरण तथा जलवायु लचीलेपन पर केंद्रित है। भारत ने वर्ष 2024-25 के लिये एशियाई आपदा तैयारी केंद्र (ADPC) के अध्यक्ष का पदभार संभाला।
- इसकी स्थापना भारत और आठ पड़ोसी देशों: बांग्लादेश, कंबोडिया, चीन, नेपाल, पाकिस्तान, फिलीपींस, श्रीलंका और थाईलैंड द्वारा की गई थी।
- राष्ट्रीय स्तर:
- आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005: आपदाओं और इससे जुड़े अन्य मामलों के कुशल प्रबंधन के लिये भारत सरकार द्वारा वर्ष 2005 में आपदा प्रबंधन अधिनियम पारित किया गया था।
- NDMA का औपचारिक गठन 27 सितंबर, 2006 को आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अनुसार किया गया था, जिसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री और नौ अन्य सदस्य थे तथा एक सदस्य को उपाध्यक्ष के रूप में नामित किया गया था।
- राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) आपदा प्रतिक्रिया के लिये समर्पित दुनिया का सबसे बड़ा त्वरित प्रतिक्रिया बल है। इसका गठन वर्ष 2006 में आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं के लिये विशेष प्रतिक्रिया के उद्देश्य से किया गया था।
- राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना (NDMP): राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना (NDMP) केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों, राज्य सरकारों, केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासनों, ज़िला प्राधिकरणों और स्थानीय स्वशासन सहित विभिन्न हितधारकों की भूमिकाओं और ज़िम्मेदारियों को परिभाषित करती है।
- वर्ष 2016 की NDMP विश्व की पहली राष्ट्रीय योजना थी, जो सेंडाई फ्रेमवर्क के साथ स्पष्ट रूप से संरेखित थी। संशोधित NDMP वर्ष 2019 में पेश किया गया था।
DRR में भारत के समक्ष प्रमुख चुनौतियाँ क्या हैं?
- जोखिम प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर तैयारियों में, खासकर बड़े भूकंप और बाढ़ जैसी भयावह आपदाओं के लिये, महत्त्वपूर्ण अंतराल हैं। विभिन्न सरकारी एजेंसियों और हितधारकों के बीच खराब समन्वय आपदा प्रतिक्रिया एवं पुनर्प्राप्ति में अक्षमता का कारण बन सकता है।
- भारत की आपदा जोखिम प्रबंधन क्षमता को इसके विशाल जनसंख्या के कारण चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। वर्ष 2030 तक दुनिया के किसी भी देश की तुलना में भारत में चरम मौसम और प्राकृतिक आपदाओं का सबसे अधिक जोखिम होने की संभावना है।
- कई क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने के लिये आवश्यक बुनियादी ढाँचे की कमी है , जिससे अधिक नुकसान और क्षति होती है। पूर्वोत्तर क्षेत्र भूकंप से सबसे अधिक जोखिम में है तथा यहाँ भूकंपीय रूप से सुरक्षित बुनियादी ढाँचे और भवनों का अभाव है। यह भूस्खलन, बाढ़ और कटाव के प्रति भी संवेदनशील है।
- जनता में प्रायः जागरूकता और तैयारी की कमी होती है, जिससे प्रभावी आपदा प्रतिक्रिया में बाधा उत्पन्न होती है।
- आपदा प्रबंधन के लिये वित्तीय और मानव संसाधन अक्सर अपर्याप्त होते हैं, जिससे जोखिम न्यूनीकरण उपायों का कार्यान्वयन प्रभावित होता है।
आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिये प्रमुख समिति की सिफारिशें क्या हैं?
- आपदा प्रबंधन और राहत 2019 के लिये केंद्रीय सहायता पर स्थायी समिति की रिपोर्ट:
- राहत का पैमाना: सभी प्रमुख आपदा व्यय को कवर करने के लिये राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (NDRF) के मानदंडों का विस्तार किया जाएगा।
- आपदा न्यूनीकरण निधि: आपदा-प्रवण राज्यों में स्थायी न्यूनीकरण उपाय करने के लिये एक अलग आपदा न्यूनीकरण निधि का संचालन किया जाएगा।
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वित्तपोषण तंत्र: केन्द्र प्रायोजित निधियों का 10% विशेष रूप से क्षतिग्रस्त संरचनाओं की स्थायी बहाली के लिये निर्धारित किया जाएगा।
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द्वितीय ARC द्वारा अनुशंसित सुधार:
- दीर्घकालिक न्यूनीकरण और आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिये ज़िला आपदा प्रबंधन योजना का सुझाव दिया गया।
- संविधान में आपदा के लिये अलग प्रावधान।
- आपदा प्रबंधन को शिक्षा पाठ्यक्रम में एक विषय के रूप में शामिल किया जाना चाहिये।
- आपदा प्रबंधन पर राष्ट्रीय नीति लागू की जाएगी।
- राज्य सरकारों को आपदा/संकट प्रबंधन की प्राथमिक ज़िम्मेदारी संभालनी चाहिये, तथा केंद्र द्वारा सरकार सहयोग प्रदान किया जाना चाहिये।
दृष्टि मेन्स प्रश्न प्रश्न: वैश्विक आपदा जोखिम न्यूनीकरण में भारत की भूमिका पर चर्चा कीजिये, विशेष रूप से G20 ढाँचे के माध्यम से, तथा मूल्यांकन कीजिये कि इसकी प्राथमिकताएँ सेंडाई फ्रेमवर्क 2015-30 के साथ किस प्रकार संरेखित हैं। घरेलू स्तर पर प्रभावी आपदा जोखिम न्यूनीकरण को लागू करने में भारत को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है? |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न
प्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित में से किस एक समूह में चारों देश G-20 के सदस्य हैं? (2020) (a) अर्जेंटीना, मेक्सिको, दक्षिण अफ्रीका और तुर्की उत्तर: (a) |