अंतर्राष्ट्रीय संबंध
सप्त कोसी उच्च बाँध परियोजना
- 04 Oct 2022
- 7 min read
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत और नेपाल आगे के अध्ययन के माध्यम से सप्त कोसी उच्च बाँध परियोजना को आगे बढ़ाने पर सहमत हुए हैं।
- दोनों पक्षों के वरिष्ठ अधिकारियों ने महाकाली संधि के कार्यान्वयन सहित द्विपक्षीय जल-क्षेत्र सहयोग की बैठक और समीक्षा की।
सप्त कोसी उच्च बाँध परियोजना और महाकाली संधि:
- सप्त कोसी उच्च बाँध परियोजना:
- सप्त कोसी उच्च बाँध नेपाल की सप्तकोशी नदी (भारत में कोसी नदी के रूप में जानी जाने वाली) पर निर्मित करने के लिये प्रस्तावित एक बहुउद्देश्यीय परियोजना है।
- इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य दक्षिण-पूर्व नेपाल और उत्तरी बिहार में बाढ़ को नियंत्रित करना तथा जलविद्युत उत्पन्न करना है।
- यह परियोजना सिंचाई की सुविधा प्रदान करेगी, बाढ़ को नियंत्रित करेगी और 3,000 मेगावाट विद्युत पैदा करेगी।
- महाकाली संधि:
- महाकाली नदी के एकीकृत विकास पर वर्ष 1996 में महाकाली संधि पर हस्ताक्षर किये गए थे, जिसमें सारदा बैराज, टनकपुर बैराज और पंचेश्वर परियोजना शामिल हैं।
- महाकाली नदी को उत्तराखंड में शारदा नदी या काली गंगा के नाम से भी जाना जाता है।
- यह उत्तर प्रदेश में घाघरा नदी में मिलती है, जो गंगा की एक सहायक नदी है।
कोसी नदी प्रणाली:
- कोसी एक सीमा-पारीय नदी है जो तिब्बत, नेपाल और भारत से होकर प्रवाहित होती है।
- इसका स्रोत तिब्बत में है जिसमें दुनिया की सबसे ऊँचाई पर स्थित भू-भाग शामिल है; इसके बाद यह गंगा के मैदानों में उतरने से पहले नेपाल के एक बड़े भाग से प्रवाहित होती है।
- इसकी तीन प्रमुख सहायक नदियाँ- सूर्य कोसी, अरुण और तैमूर हिमालय की तलहटी से कटी हुई 10 किमी की घाटी के ठीक ऊपर एक बिंदु पर मिलती हैं।
- यह नदी भारत के उत्तरी बिहार में कटिहार ज़िले के कुर्सेला के पास गंगा में मिलने से पहले कई शाखाओं में बँट जाती है।
- भारत में ब्रह्मपुत्र के बाद कोसी में अधिकतम मात्रा में गाद और रेत पाई जाती है।
- इसे "बिहार का शोक" के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि वार्षिक बाढ़ लगभग 21,000 वर्ग किमी. क्षेत्र को प्रभावित करती है। उपजाऊ कृषि भूमि के कारण ग्रामीण अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है।
भारत-नेपाल संबंधों में हाल के कुछ अन्य घटनाक्रम:
- बिल्ड ऑन ऑपरेट एंड ट्रांसफर (BOOT):
- वर्ष 2008 में परियोजना के लिये नेपाल सरकार और सतलुज जल विकास निगम (SJVN) लिमिटेड के बीच पाँच साल की नर्म अवधि सहित 30 साल की अवधि ेकी बिल्ड ओन ऑपरेट एंड ट्रांसफर (BOOT) आधार पर निष्पादन हेतु एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किये गए थे।
- जल विद्युत परियोजनाएँ:
- नेपाल ने भारतीय कंपनियों को नेपाल में पश्चिम सेती जलविद्युत परियोजना में निवेश करने के लिये भी आमंत्रित किया।
- सीमा पार रेल लिंक :
- जयनगर (बिहार) से कुर्था (नेपाल) तक 35 किलोमीटर के क्रॉस-बॉर्डर रेल लिंक के संचालन को आगे बिजलपुरा और बर्दीबास तक बढ़ाया जाएगा।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्षों के प्रश्न (PYQs)निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (वर्ष 2016)
उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा/से सही सुमेलित है/हैं? (A) केवल 1 और 2 उत्तर: C व्याख्या:
अतः विकल्प (c) सही है। |