एक अधिकारी के इस्तीफे और बहाली के नियम | 30 Apr 2022
प्रिलिम्स के लिये:अखिल भारतीय सेवाएँ, केंद्रीय सतर्कता आयोग मेन्स के लिये:एक अधिकारी के इस्तीफे और बहाली के नियम |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में वर्ष 2019 में कश्मीर में "बेरोकटोक" हत्याओं के विरोध में सेवा से इस्तीफा देने वाले भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के एक अधिकारी को बहाल कर दिया गया है।
IAS अधिकारियों के इस्तीफे के संबंध में नियम:
- तीनों अखिल भारतीय सेवाओं में से किसी एक अधिकारी का इस्तीफा अखिल भारतीय सेवा (मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति लाभ) नियम, 1958 के नियम 5(1) और 5(1)(ए) द्वारा शासित होता है।
- अखिल भारतीय सेवाओं में शामिल हैं: आईएएस, भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय वन सेवा (आईएफएस)।
- अन्य केंद्रीय सेवाओं से संबंधित अधिकारियों के इस्तीफे के लिये भी इसी तरह के नियम हैं।
एक अधिकारी के इस्तीफे का अर्थ:
- परिचय:
- इस्तीफा एक अधिकारी द्वारा या तो तुरंत या भविष्य में एक निर्दिष्ट तिथि पर उसकी इच्छा से आईएएस छोड़ने के प्रस्ताव के बारे में लिखित रूप में एक औपचारिक सूचना है।
- इस्तीफा स्पष्ट और बिना शर्त होना चाहिये।
- सेवा से इस्तीफा सरकार की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) को स्वीकार करने से बिल्कुल अलग है।
- VRS लेने वाले पेंशन के हकदार हैं, जबकि इस्तीफा देने वाले नहीं हैं।
- इस्तीफा एक अधिकारी द्वारा या तो तुरंत या भविष्य में एक निर्दिष्ट तिथि पर उसकी इच्छा से आईएएस छोड़ने के प्रस्ताव के बारे में लिखित रूप में एक औपचारिक सूचना है।
- किसके पास प्रस्तुत (Submit) करे?
- राज्य प्रतिनियुक्ति के मामले में:
- राज्य के मुख्य सचिव।
- यदि केंद्रीय प्रतिनियुक्ति का मामला है:
- संबंधित मंत्रालय या विभाग के सचिव।
- इसके बाद मंत्रालय/विभाग अपनी सिफारिशों के साथ अधिकारी के इस्तीफे को संबंधित राज्य संवर्ग को अग्रेषित करता है।
- संबंधित मंत्रालय या विभाग के सचिव।
- राज्य प्रतिनियुक्ति के मामले में:
इस्तीफा जमा करने के बाद की प्रक्रिया:
- राज्य स्तर पर:
- राज्य जांँच करता है कि क्या अधिकारी के खिलाफ कोई बकाया (dues) तो नही है, साथ ही अधिकारी की सतर्कता की स्थिति या उसके खिलाफ भ्रष्टाचार आदि के कोई मामले लंबित हैं या नहीं।
- यदि ऐसा कोई मामला होता है तो आमतौर पर इस्तीफा खारिज कर दिया जाता है।
- राज्य जांँच करता है कि क्या अधिकारी के खिलाफ कोई बकाया (dues) तो नही है, साथ ही अधिकारी की सतर्कता की स्थिति या उसके खिलाफ भ्रष्टाचार आदि के कोई मामले लंबित हैं या नहीं।
- केंद्रीय स्तर पर:
- अधिकारी के त्यागपत्र से संबंधित संवर्ग की अनुशंसा प्राप्त होने के बाद ही सक्षम प्राधिकारी अर्थात् केंद्र सरकार द्वारा विचार किया जाता है।
- सक्षम प्राधिकारी:
- IAS के संबंध में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) में राज्य मंत्री।
- IPS के संबंध में गृह मंत्री।
- वन सेवा के संबंध में पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री।
- DoPT के प्रभारी मंत्री के रूप में प्रधानमंत्री IAS के संबंध में निर्णय लेता है।
इस्तीफा स्वीकार या अस्वीकार करने की परिस्थितियाँ:
- स्वीकार करने के संबंध में:
- जब एक सरकारी कर्मचारी जो निलंबन के अधीन है, त्यागपत्र प्रस्तुत करता है, तो सक्षम प्राधिकारी को सरकारी कर्मचारी के खिलाफ लंबित अनुशासनात्मक मामले की वास्तविकता के संदर्भ में ज़ाँच करनी चाहिये कि क्या इस्तीफा स्वीकार करना जनहित में होगा।
- अस्वीकार करने के संबंध में:
- अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक मामले लंबित होने पर इस्तीफा अस्वीकार किया जा सकता है।
- ऐसे मामलों में केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) की सहमति प्राप्त की जाती है।
- सरकार यह भी जांँच करती है कि क्या संबंधित अधिकारी ने विशेष प्रशिक्षण, फेलोशिप, या अध्ययन के लिये छात्रवृत्ति प्राप्त करने के कारण निर्दिष्ट वर्षों तक सरकार की सेवा करने हेतु कोई बॉण्ड निष्पादित किया था।
- अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक मामले लंबित होने पर इस्तीफा अस्वीकार किया जा सकता है।
इस्तीफा प्रस्तुतीकरण के बाद वापस लेने के बारे:
- संशोधित डीसीआरबी नियमों के नियम 5(1ए)(i) के अनुसार, केंद्र सरकार किसी अधिकारी को "जनहित में" अपना इस्तीफा वापस लेने की अनुमति दे सकती है।
- जिस तारीख को इस्तीफा प्रभावी हुआ और जिस तारीख को सदस्य को इस्तीफा वापस लेने के परिणामस्वरूप ड्यूटी फिर से शुरू करने की अनुमति दी गई थी, के बीच ड्यूटी से अनुपस्थिति की अवधि नब्बे दिनों से अधिक नहीं होनी चाहिये।
- इस्तीफा वापस लेने का अनुरोध केंद्र सरकार द्वारा स्वीकार नहीं किया जाएगा यदि:
- अखिल भारतीय सेवा के सदस्य किसी भी राजनीतिक दल या राजनीति में भाग लेने वाले किसी भी संगठन से जुड़ने पर अपनी सेवा या पद से इस्तीफा देते हैं।
- यदि एक सदस्य को किसी भी राजनीतिक आंदोलन में भाग लेना है या किसी विधायिका या स्थानीय प्राधिकरण के चुनाव के संबंध में अपने प्रभाव का उपयोग करना है, या चुनाव में भाग लेना है।
- यदि कोई अधिकारी, जिसने अपना त्यागपत्र प्रस्तुत किया है, सक्षम प्राधिकारी द्वारा उसकी स्वीकृति से पहले उसे वापस लेने की लिखित सूचना भेजता है, तो त्यागपत्र स्वतः वापस लिया हुआ समझा जाएगा।
विगत वर्ष के प्रश्न:प्रश्न. राज्यसभा के पास लोकसभा के बराबर शक्तियाँ हैं: (2020) (a) नई अखिल भारतीय सेवा का सृजन उत्तर: (b)
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