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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

रोबोटिक सर्जरी

  • 09 Dec 2020
  • 12 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने सभी स्वास्थ्य बीमाकर्त्ता कंपनियों की स्वास्थ्य नीतियों को मानकीकृत किया है ताकि वे रोबोटिक और बैरियाट्रिक सर्जरी को भी स्वास्थ्य बीमा के तहत कवर कर सकें।

  • बैरियाट्रिक सर्जरी (Bariatric surgery) एक ऐसा ऑपरेशन है जिसके माध्यम से पाचन तंत्र की कार्यप्रणाली में परिवर्तन कर व्यक्ति की भूख को नियंत्रित किया जाता है, यह परिवर्तन व्यक्ति के वज़न को कम करने में मदद करता है।
  • हाल ही में भारत मनुष्यों की टेलीरोबोटिक कोरोनरी सर्जरी करने वाला पहला देश बना है।

प्रमुख बिंदु

  • रोबोटिक्स: यह विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की वह शाखा है जिसके अंतर्गत रोबोट (मानवीय क्रियाओं के स्थापन के रूप में अथवा उनकी नकल करने वाली मशीनें) के डिज़ाइन, निर्माण, संचालन एवं अनुप्रयोगों का अध्ययन किया जाता है।

रोबोटिक्स के अनुप्रयोग:

  • औद्योगिक क्षेत्र में: कुछ रोबोट मुख्य रूप से औद्योगिक विनिर्माण कार्यों में प्रयोग किये जाते हैं, जैसे-
    • पॉइंट-टू-पॉइंट रोबोट: इस प्रकार के रोबोट पहले से निर्धारित कई बिंदुओं पर कार्य करने हेतु प्रयोग किये जाते हैं। उदाहरण के लिये निश्चित स्थान पर स्टीकर चिपकाने, वेल्डिंग और ड्रिलिंग आदि कार्यों में।
    • पिक एंड प्लेस रोबोट: ये रोबोट्स किसी वस्तु को एक स्थान से उठाकर दूसरे स्थान पर रखने की प्रक्रिया को तेज़ करते हैं।
    • कंटीन्यूअस पाथ रोबोट: यह पॉइंट-टू-पॉइंट पद्धति का विस्तार है। इसमें एक साथ कई बिंदुओं का प्रयोग किया जा सकता है। इनका मार्ग चापाकार (Arched), वृत्ताकार अथवा सीढ़ीदार रेखा में बनता है। इन रोबोट्स को विशेष रूप से अत्यंत नज़दीक तथा एक-दूसरे के आस-पास स्थित बिंदुओं के बीच कार्य करने के लिये प्रोग्राम किया जाता है। स्प्रे तथा पेंटिंग जैसे कार्यों में इन्हीं रोबोट्स का उपयोग किया जाता है।
    • एक्सो-स्केलेटन (Exoskeleton): ये मानव की मौजूदा क्षमताओं में वृद्धि करने में काम आते हैं। ये भारी-से-भारी ऑटोमोबाइल कलपुर्जों को आसानी से उठा सकते हैं।
  • चिकित्सा क्षेत्र में: चिकित्सकीय सर्जरी करने के लिये बेहतर कौशल के साथ-साथ बेहतर नियंत्रण की भी आवश्यकता होती है। इस दृष्टि से रोबोट बहुत उपयोगी होते हैं। वर्तमान में रोबोट ने मस्तिष्क सर्जरी, हार्ट बाईपास सर्जरी, छोटे वायरलेस और रोबोटिक कैमरा कैप्सूल की सहायता से पाचन तंत्र को ठीक करने जैसे कार्य भी संभव बना दिये हैं।
    • इसके अलावा टेलीमेडिसिन में दूर से संचालित रोबोट्स की सहायता से चिकित्सक अपने से दूर बैठे मरीज़ का भी इलाज कर सकते हैं।
  • सैन्य क्षेत्र में: सैन्य क्षेत्र में भी रोबोट तकनीक में अत्यधिक परिवर्तन हुआ है। UAV अथवा मानव रहित विमान (Unmanned Aerial Vehicle) या ड्रोन रिमोट द्वारा नियंत्रित विमान हैं जिनका प्रयोग जासूसी करने, बिना आवाज़ मिसाइल हमला करने आदि में किया जाता है।
  • अंतरिक्ष और समुद्री क्षेत्र में: अंतरिक्ष अन्वेषण हेतु विभिन्न अंतरिक्ष एजेंसियों द्वारा रोबोट्स विकसित किये गए हैं। उदाहरण के लिये रोबोनॉट रिमोट द्वारा संचालित एक रिमोट है जिसे अंतरिक्ष में चहल-कदमी के उद्देश्य से विकसित किया गया है।
    • भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) ने मानवयुक्त गगनयान मिशन हेतु एक अर्द्ध-मानवीय (Half-Humanoid) रोबोट ‘व्योममित्र’  लॉन्च किया है।
  • दवा उद्योग में: दवा उद्योग में रोबोट ऐसे कार्य करने में सक्षम हैं, जो प्रायः मानव के लिये खतरनाक माने जाते हैं। जैसे- रेडियोएक्टिव प्रदूषण के संपर्क में रहकर किये जाने वाले कार्य।
  • दुर्गम और खतरनाक क्षेत्रों में: बमों को निष्क्रिय करने, ज़मीन के अंदर बिछी बारूदी सुरंगों का पता लगाने और नाभिकीय विकिरण वाले खतरनाक तथा जोखिम भरे क्षेत्रों में रोबोट का उपयोग अत्यधिक कारगर एवं उपयुक्त माना जाता है। आपदा (बाढ़, भूकंप, चक्रवात आदि) और परमाणु दुर्घटनाओं के समय रोबोट काफी उपयोगी सिद्ध होते हैं।
    • ‘पायनियर’ (Pioneer) नामक रोबोट को चेर्नोबिल परमाणु रिएक्टर के संयंत्र-4 के संरचना विश्लेषण हेतु भेजा गया था।
    • वर्ष 2011 में हुए फुकुशिमा परमाणु हादसे में भी रोबोट्स ने संचालकों को विभिन्न प्रकार के ऑडियो, विडियो और सेंसर डेटा भेजे थे।
  • कृषि क्षेत्र में: कृषि क्षेत्र में रोबोट की सहायता से मुख्यतः फसलों की कटाई की जाती है। इसके अलावा रोबोट्स या ड्रोनों के बढ़ते अनुप्रयोग में खरपतवार नियंत्रण, क्लाउड सीडिंग, बीज रोपण, मृदा विश्लेषण आदि कार्य भी शामिल हैं।
    • पशुधन अनुप्रयोगों में रोबोट्स का इस्तेमाल ऑटोमेटिक मिल्किंग, वाशिंग आदि में किया जाता है।

रोबोटिक सर्जरी:

Robotic

  • रोबोटिक या रोबोट की सहायता से की जाने वाली सर्जरी उन्नत कंप्यूटर प्रौद्योगिकी को कुशल सर्जनों के अनुभव के साथ एकीकृत करती है। यह तकनीक सर्जन को शरीर की जटिल संरचना की 10 गुना वर्द्धित, हाई डेफिनिशन वाली, 3 डी छवि प्रदान करती है।
  • सर्जन विशेष सर्जिकल उपकरणों को कुशलतापूर्वक चलाने के लिये रोबोटिक संरचना में दिये गए कंट्रोल/नियंत्रण का उपयोग करता है, जो बहुत छोटे होने के साथ ही मानव हाथ की तुलना में अधिक लचीले और फुर्तीले होते हैं। रोबोट हाथ के झटके को कम करते हुए सर्जन के हाथों की हरकतों की नकल करता है।

रोबोटिक सर्जरी के लाभ:

  • सरल प्रक्रियाएँ: जटिल प्रक्रियाओं के प्रदर्शन को बहुत सरल बनाते हैं।
  • लचीलेपन, परिशुद्धता और नियंत्रण में वृद्धि: यह डॉक्टरों को पारंपरिक तकनीकों से अधिक सटीक, लचीलेपन और नियंत्रण के साथ विभिन्न प्रकार की जटिल प्रक्रियाओं को संपन्न करने में सक्षम बनाता है।
  • आघात में कमी: यह रोगी की बड़े चीरों (Incisions) के बजाय छोटे पोर्ट्स/द्वारकों के माध्यम से सर्जरी करने में सक्षम बनाता है। इस प्रकार आघात को कम करता है।
  • सर्जरी को सरल बनाता है: उपकरण पारंपरिक खुले और लैप्रोस्कोपिक सर्जरी की तुलना में छोटे चीरों (Incisions) के माध्यम से रोगी के शरीर के ऐसे भागों तक पहुँच को आसान बनाते हैं जहाँ आसानी से नहीं पहुँचा जा सकता।
  • रिकवरी में लगने वाले समय में कमी: यह चिकित्सा प्रक्रिया की जटिलताओं में कमी और अस्पताल में रहने की अवधि को कम कर मरीज़ की रिकवरी में लगने वाले समय को कम करता है।
  • अन्य लाभ: दर्द तथा रक्तस्राव में कमी और छोटे निशान जो स्पष्ट दिखाई नहीं देते।

रोबोटिक सर्जरी की उच्च मांग का कारण: रोबोटिक सर्जरी की मांग बढ़ाने वाले कारक हैं:

  • प्रौद्योगिकी में उन्नति।
  • क्रोनिक बीमारी के मामलों में वृद्धि।
  • चिकित्सा त्रुटियों से जुड़े मामलों की उच्च संख्या।
  • शीघ्र रिकवरी और दर्द में कमी।
  • रोबोट की सहायता से की जाने वाली सर्जरी के लाभों से संबंधित जागरूकता में वृद्धि।

क्षेत्र की धीमी प्रगति का कारण:

  • स्थापना की उच्च लागत: ये उपकरण न केवल महँगे हैं बल्कि उपकरणों और सहायक उपकरणों की डिस्पोजेबल प्रकृति के कारण आवर्ती लागत भी उच्च होती है।
  • एकाधिकार: केवल कुछ ही कंपनियाँ हैं जो रोबोटिक सर्जरी के लिये उपकरणों का निर्माण करती हैं। इन कंपनियों के एकाधिकार के कारण भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली में रोबोटिक सर्जरी का विस्तार करना मुश्किल हो जाता है।
  • अप्रशिक्षित संसाधन: रोबोटिक सर्जरी के लिये प्रशिक्षित सर्जनों की अनुपलब्धता एक महत्त्वपूर्ण चुनौती है।

भारत में रोबोटिक सर्जरी:

  • गुणवत्ता: भारत विश्व भर में उच्च-गुणवत्ता वाले उपचार प्राप्त करने के लिये सबसे पसंदीदा स्थान है और यहाँ विभिन्न मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल तथा रोगी-देखभाल केंद्र मौजूद हैं।
  • अवसंरचना: अस्पताल विभिन्न महत्त्वपूर्ण बीमारियों के इलाज के लिये अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करते हुए उन्नत, अति परिष्कृत एवं विश्व स्तरीय बुनियादी सुविधाओं से सुसज्जित हैं।
  • लागत: अमेरिका, यू.के. और कनाडा के विपरीत भारत में चिकित्सा सुविधाएँ बहुत सस्ती हैं। कुल मिलाकर भारत में ऐसी सभी प्रक्रियाओं की लागत लोगों के लिये अनुकूल है तथा इसके लिये लोगों को सेवाओं और अवसंरचना की गुणवत्ता से समझौता नहीं करना पड़ता।

आगे की राह

  • सरकार को चाहिये कि वह फेलोशिप कार्यक्रम शुरू करे और सर्जिकल टीमों को संरचित प्रशिक्षण प्रदान करे क्योंकि रोबोटिक सर्जरी के मामलों में वृद्धि के साथ ही ऐसी सर्जिकल प्रक्रियाओं के लिये प्रशिक्षित डॉक्टरों की आवश्यकता होगी। भारत में, सर्जनों को प्रशिक्षित करना और प्रमाणित करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य रहा है।
  • रोबोटिक सर्जरी की उच्च लागत से निपटने के लिये सरकार को चाहिये कि वह अभिनव तरीकों के साथ आगे आने वाले अस्पतालों और बीमा कंपनियों के बीच सहयोग को बढ़ावा दे।

स्रोत: द हिंदू

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