खुदरा मुद्रास्फीति में वृद्धि | 14 Jul 2020

प्रीलिम्स के लिये:

मुद्रास्फीति, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक

मेन्स के लिये:

खुदरा मुद्रास्फीति में वृद्धि के कारण एवं प्रभाव

चर्चा में क्यों?

हाल ही में ‘सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय’ (Ministry of Statistics & Programme Implementation- MoSPI) द्वारा जारी किये गए नवीनतम आँकड़ों के अनुसार, भारत की ‘खुदरा मुद्रास्फीति’ (Retail Inflation) वृद्धि दर जून के महीने में 6.09% के स्तर पर पहुँच गई है।

प्रमुख बिंदु:

  • भारत में खुदरा मुद्रास्फीति दर को ‘उपभोक्ता मूल्य सूचकांक’ (Consumer Price Index-CPI) के आधार पर मापा जाता है।
    • यह खरीदार के दृष्टिकोण से मूल्य परिवर्तन की माप करता है।
    • यह चयनित वस्तुओं एवं सेवाओं के खुदरा मूल्यों के स्तर में समय के साथ बदलाव को मापता है, जिस पर उपभोक्ता अपनी आय खर्च करते हैं।
    • CPI का आधार वर्ष 2012 है।
  • सरकार द्वारा कोरोना महामारी की रोकथाम के चलते देशव्यापी ‘लॉकडाउन’ के कारण अप्रैल और मई माह के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति दर के आंकड़ें जारी नहीं किये गए हैं।
  • हालांकि, अप्रैल में CPI आँकड़ों को मार्च महीने के आँकड़ों के आधार पर संशोधित कर 5.84% कर दिया गया था।
  • मई माह में उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (Consumer Food Price Index-CFPI)का स्तर 9.20 % था।
  • सरकार द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक को मुद्रास्फीति (Inflation) की दर को 4% (2% ऊपर या नीचे) पर रखने का निश्चित किया गया है।
  • CPI के महँगाई दर के आँकड़े रिज़र्व बैंक के मध्यम अवधि लक्ष्य 4% के ऊपर अर्थात खुदरा मुद्रास्फीति दर भारतीय रिज़र्व बैंक के मार्जिन से 6%अधिक हो गई है।

खुदरा मुद्रास्फीति दर:

  • जब एक निश्चित अवधि में वस्तुओं या सेवाओं के मूल्य में वृद्धि के कारण मुद्रा के मूल्य में गिरावट दर्ज़ की जाती है तो उसे मुद्रास्फीति कहते हैं।
  • मुद्रास्फीति को जब प्रतिशत में व्यक्त करते हैं तो यह महंगाई दर या खुदरा मुद्रास्फीति दर कहलाती है।
  • सरल शब्दों में कहें तो यह कीमतों में उतार-चढ़ाव की रफ्तार को दर्शाती है।

खुदरा मुद्रास्फीति दर में वृद्धि के कारण:

  • खाद्यान पदार्थों की कीमतों में वृद्धि के कारण खुदरा मुद्रास्फीति दर में वृद्धि देखी गई है ।
  • मुख्य रूप से दालों तथा अन्य खाद्य उत्पादों की कीमतों में वृद्धि के कारण खुदरा मुद्रास्फीति में वृद्धि हुई है जो जून में 16.68 प्रतिशत बढ गई है।
  • मांस और मछली उत्पादों पर 16.22 %की वृद्धि, तेल एवं वसा उत्पादों पर 12.27 %की वृद्धि तथा मसालों की कीमतों पर 11.74 % की वृद्धि देखी गई है।

संभावित प्रयास:

अर्थव्यवस्था में मुद्रा के प्रवाह को कम करके, उत्पादन में वृद्धि दर को बढ़कर, उत्पादों का आयात करके तथा उत्पादन तकनीक में सुधार कर उत्पादों की लागत कम करके कुछ ऐसे प्रयास हैं जिनके माध्यम से खुदरा मुद्रास्फीति दर को नियंत्रित किया जा सकता है ।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस