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बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना में संशोधन

  • 12 Oct 2022
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये:

महिलाओं और लड़कियों के लिये सरकारी योजनाएँ, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना (BBBP), STEM में महिलाएँ, STEM, महिला और बाल विकास मंत्रालय (MW&CD)

मेन्स के लिये:

STEM में लड़कियों, महिलाओं से संबंधित मुद्दों, महिलाओं और आत्मनिर्भर भारत के लिये गैर-पारंपरिक आजीविका।

चर्चा में क्यों?

केंद्र सरकार ने अपनी प्रमुख योजना 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' (BBBP Scheme) के जनादेश का विस्तार करते हुए लड़कियों को गैर-पारंपरिक आजीविका (NTL) विकल्पों में शामिल करने की घोषणा की।

  • लड़कियों के लिये गैर-पारंपरिक आजीविका में कौशल हेतु राष्ट्रीय सम्मेलन में महिला और बाल विकास मंत्रालय (MW&CD) ने लड़कियों को सशक्त बनाने के लिये गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने हेतु विभिन्न विभागों के बीच अभिसरण के महत्त्व पर ज़ोर दिया है।

BBBP योजना:

  • परिचय:
    • इस योजना को प्रधानमंत्री ने 22 जनवरी, 2015 को लिंग चयनात्मक गर्भपात (Sex Selective Abortion) और गिरते बाल लिंग अनुपात (Declining Child Sex Ratio) को संबोधित करने के उद्देश्य से शुरू किया था,
    • यह महिला और बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा मानव संसाधन विकास मंत्रालय की एक संयुक्त पहल है।
  • मुख्य उद्देश्य:
    • लिंग आधारित चयन की रोकथाम।
    • बालिकाओं के अस्तित्व और सुरक्षा को सुनिश्चित करना।
    • बालिकाओं के लिये शिक्षा की उचित व्यवस्था तथा उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना।
    • बालिकाओं के अधिकारों की रक्षा करना।
  • BBBP के तहत अभिनव हस्तक्षेप: जिन नवाचारों ने लड़कियों के लिये एक सकारात्मक पारिस्थितिकी तंत्र/सक्षम वातावरण बनाया है, उनमें शामिल हैं:
    • गुड्डी-गुड्डा बोर्ड: सार्वजनिक रूप से जन्म सांख्यिकी (लड़कों की संख्या की तुलना में जन्मीं  लड़कियों की संख्या) का प्रदर्शन। उदाहरण: जलगाँव ज़िले, महाराष्ट्र ने डिजिटल गुड्डी-गुड्डा डिस्प्ले बोर्ड स्थापित किये हैं।
    • लिंग संबंधी रूढ़ियों को तोड़ना और पुत्र-केंद्रित अनुष्ठानों को चुनौती देना:
    • बालिकाओं के जन्म का उत्सव, बालिकाओं के लिये विशेष दिन समर्पित करना, बालिकाओं के पोषण एवं देखभाल का प्रतीक वृक्षारोपण अभियान। उदाहरण: कुड्डालोर (तमिलनाडु), बेटियों के साथ सेल्फी (जींद ज़िला, हरियाणा)।

BBBP योजना में संशोधन:

  • संशोधित BBBP योजना के कुछ नए उद्देश्यों में शामिल हैं:
  • योजना में अन्य बदलाव:
    • MW&CD ने लड़कियों को सशक्त बनाने के लिये गुणवत्तापूर्ण शिक्षा (व्यावसायिक सहित) प्रदान करने हेतु विभिन्न विभागों के बीच अभिसरण पर भी ज़ोर दिया।
    • MW&CD और कौशल विकास एवं उद्यमिता तथा अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालयो के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किशोर अपनी शिक्षा पूरी करें, कौशल का निर्माण करें और विभिन्न प्रकार के व्यवसायों में कार्यबल में प्रवेश करें।
    • बड़े मिशन शक्ति के तहत गठित MW&CD के सचिव की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय समिति राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ BBBP योजना के कार्यान्वयन की समीक्षा करेगी।

गैर-पारंपरिक आजीविका (Non-Traditional Livelihoods-NTL):

"गैर-पारंपरिक आजीविका" (NTLs) क्षेत्र और नौकरियाँ, जहाँ महिलाओं की भागीदारी ऐतिहासिक रूप से कम या अनुपस्थित रही है। उदाहरण के लिये STEM विषयों में लिंग-आधारित वर्गीकरण के कारण महिलाओं की इस क्षेत्र में निम्न भागीदारी देखी जा सकती है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न  

मेन्स:

Q. समय और स्थान के विरुद्ध भारत में महिलाओं के लिये निरंतर चुनौतियाँ क्या हैं? (2019)

Q. भारत में महिला सशक्तीकरण के लिये जेंडर बजटिंग की ज़रूरत है। भारतीय संदर्भ में जेंडर बजटिंग की आवश्यकताएँ और स्थिति क्या हैं? (2016)

स्रोत: द हिंदू

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