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भारतीय अर्थव्यवस्था

IFSCA के तहत रेगुलेटरी सैंडबॉक्स

  • 30 Oct 2020
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

IFSCA, GIFT सिटी, रेगुलेटरी सैंडबॉक्स

मेन्स के लिये:

अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण

चर्चा में क्यों?

हाल ही में ‘अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण’ (International Financial Services Centres Authority- IFSCA) द्वारा ‘रेगुलेटरी सैंडबॉक्स' के लिये एक फ्रेमवर्क जारी किया गया।

प्रमुख बिंदु:

  • रेगुलेटरी सैंडबॉक्स, नियंत्रित दशाओं में नवीन फिनटेक उत्पादों या सेवाओं के 'प्रत्यक्ष परीक्षण' (Live Testing) को संदर्भित करता है।
  • फिनटेक पहल के तहत बैंकिंग, बीमा, प्रतिभूतियों और प्रबंधन के क्षेत्र में वित्तीय उत्पादों और वित्तीय सेवाओं के प्रसार को प्रोत्साहित किया जाता है।
  • 'IFSCA, गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी कंपनी लिमिटेड (GIFT-City) गांधीनगर, गुजरात में स्थित IFSC केंद्र में एक विश्व स्तरीय फिनटेक हब विकसित करने के उद्देश्य से फिनटेक (FinTech) पहल को बढ़ावा देने की दिशा में प्रयास कर रहा है।
  • इस दिशा में IFSCA द्वारा ‘रेगुलेटरी सैंडबॉक्स’ के लिये एक रूपरेखा पेश की गई है।

रेगुलेटरी सैंडबॉक्स फ्रेमवर्क:

  • सैंडबॉक्स फ्रेमवर्क के तहत पूंजी बाज़ार में कार्यरत इकाइयों यथा- बैंकिंग, बीमा और वित्तीय सेवा क्षेत्र को अभिनव फिनटेक समाधानों की दिशा में प्रयोग करने के लिये कुछ सुविधाएँ प्रदान की जाएगी।
  • इन सुविधाओं को निवेशक की सुरक्षा और जोखिम शमन की सुविधाओं के साथ सुदृढ़ किया जाएगा।
  • पूंजीगत बाज़ार में कार्यरत संस्थाएँ यथा- बैंकिंग, बीमा और पेंशन क्षेत्रों के साथ-साथ भारत और ‘वित्तीय कार्रवाई कार्य बल’ (FATF) के न्यायाधिकार में आने वाली सभी व्यक्तिगत और स्टार्टअप्स संस्थाएँ (विनियमित और असंगठित) नियामक सैंडबॉक्स में भागीदारी के लिये पात्र होंगी।
  • सैंडबॉक्स में भाग लेने के इच्छुक व्यक्ति तथा संस्थाएँ IFSCA को आवेदन कर सकते हैं। IFSCA  इन आवेदनों का आकलन करेगा और ‘रेगुलेटरी सैंडबॉक्स’ को सीमित परीक्षण के लिये उपयुक्त नियामकीय छूट प्रदान कर सकता है। 
  • इनोवेशन सैंडबॉक्स को IFSC में कार्य करने वाले ‘मार्केट इन्फ्रास्ट्रेक्चर इंस्टिट्यूट’ (MII) द्वारा प्रबंधन हेतु सुगम बनाया जाएगा।

अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण'

(International Financial Services Centres Authority):

  • केंद्र सरकार ने गांधीनगर, गुजरात में 'अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों' (IFSCs) में सभी वित्तीय सेवाओं को विनियमित करने के लिये 'अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण' की स्थापना की है।

कार्य:

  • प्राधिकरण नियामकीय संस्थाओं (RBI, SEBI) द्वारा अनुमोदित वित्तीय उत्पादों  प्रतिभूतियों, जमा या बीमा, वित्तीय सेवाओं और वित्तीय संस्थानों के अनुबंधों को विनियमित करेगा।
  • यह केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित IFSC के अन्य वित्तीय उत्पादों, वित्तीय सेवाओं या वित्तीय संस्थानों को भी विनियमित करेगा।
  • यह केंद्र सरकार को अन्य वित्तीय उत्पादों, वित्तीय सेवाओं या वित्तीय संस्थानों के विनियमन के लिये भी सिफारिश कर सकता है,  जिन्हें सरकार द्वारा  IFSC के तहत विनियमन की अनुमति दी जा सकती है।

सदस्य:

  • अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण में नौ सदस्य शामिल हैं, जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है।
  • IFSC प्राधिकरण के सभी सदस्यों का कार्यकाल तीन वर्ष का होगा, जो पुनर्नियुक्ति के पात्र होंगे।
  • प्राधिकरण में  एक अध्यक्ष तथा भारतीय रिज़र्व बैंक, सेबी, बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) तथा पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) के एक-एक सदस्य और वित्त मंत्रालय के दो सदस्य शामिल हैं। 
    • दो अन्य सदस्यों को एक 'चयन समिति' की सिफारिश पर नियुक्त किया जाएगा।

स्रोत: पीआइबी

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