स्वास्थ्य बीमा की निगरानी के लिये नियामक | 26 Dec 2023

प्रिलिम्स के लिये:

स्वास्थ्य बीमा, IRDAI विज़न 2047, स्वास्थ्य बीमा, अपनी जेब से किये गए खर्च (OOPE) की निगरानी के लिये नियामक।

मेन्स के लिये:

स्वास्थ्य बीमा की निगरानी के लिये नियामक।

स्रोत: द हिंदू

चर्चा में क्यों?

सरकार एक स्वास्थ्य क्षेत्र नियामक (Health sector regulator) स्थापित करने पर विचार कर रही है जो सभी के लिये किफायती बीमा कवरेज़ की सुविधा के लिये निजी और सरकारी स्वास्थ्य बीमा योजनाओं को अपने अधिकार क्षेत्र में लाएगा।

स्वास्थ्य क्षेत्र नियामक स्थापित करने की क्या आवश्यकता है?

  • न्यूनतम प्रवेश:
    • IRDAI विज़न 2047 के तहत सरकार का लक्ष्य '2047 तक सभी के लिये बीमा' प्रदान करना है, जिसका अर्थ है कि प्रत्येक नागरिक के पास उचित जीवन, स्वास्थ्य और संपत्ति बीमा कवरेज है तथा प्रत्येक उद्यम को उचित बीमा समाधान द्वारा समर्थित किया जाता है।
    • राष्ट्रीय बीमा एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, कम पहुँच, कवरेज अपर्याप्तता और बढ़ती स्वास्थ्य देखभाल लागत के कारण 400 मिलियन से अधिक व्यक्तियों या लगभग एक तिहाई आबादी के पास स्वास्थ्य बीमा की कमी है।
  • एकीकृत निगरानी:
    • निजी और सरकारी दोनों स्वास्थ्य बीमा योजनाओं को एक नियामक के तहत लाने से मानकीकृत निरीक्षण सुनिश्चित होता है।
    • यह विनियमों, नीतियों और प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करता है, जिससे संपूर्ण स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र के लिये एक सामंजस्यपूर्ण ढाँचा तैयार होता है।
  • उचित व्यवहार सुनिश्चित करना:
    • एक नियामक बोर्ड भर में निष्पक्ष प्रथाओं को सुनिश्चित करने में मदद करता है। यह प्रीमियम, दावा निपटान और कवरेज मानदंड की निगरानी कर सकता है, कदाचार को रोक सकता है और यह सुनिश्चित कर सकता है कि निजी एवं सरकारी दोनों बीमाकर्त्ता पारदर्शी तरीके से कार्य करते हैं।
  • उन्नत पहुँच क्षमता:
    • एक नियामक के साथ, स्वास्थ्य देखभाल की पहुँच में सुधार करने का अवसर है।
    • निजी बीमा की पहुँच तेज़ी से बढ़ रही है और सरकार द्वारा संचालित बीमा के साथ भारत का लक्ष्य शीघ्र ही 70% जनसंख्या को कवर/ करना है।
  • सामर्थ्य और स्थिरता:
    • बीमा योजनाओं की देखरेख करके, नियामक स्वास्थ्य बीमा की सामर्थ्य बनाए रखने की दिशा में कार्य कर सकता है।
    • यह लागतों को नियंत्रित करने, उचित मूल्य निर्धारण संरचना स्थापित करने और अनुचित प्रीमियम बढ़ोतरी को नियंत्रित करने में सहायता कर सकता है, जिससे लंबे समय में बीमा अधिक संधारणीय हो जाता है।
  • गुणवत्ता नियंत्रण:
    • नियामक, बीमा द्वारा कवर की गई स्वास्थ्य सेवाओं के लिये मानकों को निर्धारित और लागू कर सकता है। इसमें यह सुनिश्चित करना शामिल है कि पैनल में शामिल अस्पताल कुछ गुणवत्ता मानकों को पूरा करते हैं, जिससे बीमित व्यक्तियों के लिये उच्च गुणवत्ता वाली देखभाल को बढ़ावा मिलता है।

स्वास्थ्य बीमा क्या है?

  • स्वास्थ्य सेवा के संदर्भ में:
    • स्वास्थ्य बीमा एक प्रकार का कवरेज है जो बीमित व्यक्ति द्वारा किये गए चिकित्सा खर्चों का भुगतान करता है।
    • यह अस्पताल में भर्ती होने, डॉक्टर विज़िट्स, सर्ज़री, दवाओं और निवारक देखभाल सहित विभिन्न स्वास्थ्य देखभाल लागतों को कवर करने के लिये वित्तीय सुरक्षा प्रदान करके कार्य करता है।
  • स्वास्थ्य बीमा का महत्त्व:
    • यह स्वास्थ्य संबंधी आपदाओं के प्रति अधिक वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के लिये भारत में आउट ऑफ पॉकेट एक्सपेंडीचर (OOPE) के उच्चतम स्तर को एकत्रित करने का एक तंत्र है।
    • स्वास्थ्य बीमा के माध्यम से पूर्व-भुगतान जोखिम-पूंजीकरण और स्वास्थ्य संबंधी विपत्तियों से होने वाले विध्वंसक (एवं प्रायः कंगाल कर देने वाले) खर्चों से सुरक्षा के लिये एक महत्त्वपूर्ण तंत्र के रूप में कार्य करता है।
    • इसके अलावा, प्री-पेड पूल्ड फंड भी स्वास्थ्य सेवा प्रावधान की दक्षता में सुधार कर सकता है।
  • स्वास्थ्य बीमा से संबंधित मुद्दे:
    • असमान रूप से वितरित जीवन की स्थिति: स्वतंत्रता के बाद से लोगों की जीवन प्रत्याशा में 35 वर्ष से 65 वर्ष तक उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। लेकिन देश के विभिन्न भागों में जीवन प्रत्याशा की स्थिति असमान है। भारत में स्वास्थ्य समस्याएँ अभी भी गंभीर चिंता का कारण बनी हुई हैं।
    • कम सरकारी व्यय: स्वास्थ्य पर कम सरकारी व्यय ने सार्वजनिक क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की क्षमता तथा गुणवत्ता को बाधित किया है।
    • यह अधिकांश व्यक्तियों, लगभग दो-तिहाई, को महँगे निजी क्षेत्र में इलाज कराने के लिये प्रेरित करता है।
    • महत्त्वपूर्ण जनसंख्या की अनदेखी: कम से कम 30% आबादी अथवा 40 करोड़ व्यक्ति स्वास्थ्य के लिये दिये जाने वाले किसी भी वित्तीय सुरक्षा से वंचित हैं।
    • संबंधित सरकारी योजनाएँ:
    • आयुष्मान भारत - प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY): यह प्रति परिवार द्वितीयक देखभाल और तृतीयक देखभाल के लिये 5 लाख रुपए की बीमा राशि प्रदान करता है।
      • वर्ष 2019 दावों की अंतरसंचालनीयता को सक्षम करने के लिये एक हेल्थ क्लेम एक्सचेंज (HCX) विकसित किया है।

नोट:

भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) उन बीमाकर्ताओं को नियंत्रित करता है जो अन्य उत्पादों के साथ स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करते हैं।