जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम (RBD), 1969 | 29 Oct 2021
प्रिलिम्स के लिये:जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम (RBD), 1969 मेन्स के लिये:जनसंख्या और संबद्ध मुद्दे |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्र सरकार ने जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम (RBD), 1969 में संशोधन का प्रस्ताव दिया है।
- यह इसे "राष्ट्रीय स्तर पर पंजीकृत जन्म और मृत्यु के डेटाबेस को बनाए रखने" में सक्षमता प्रदान करेगा।
प्रमुख बिंदु
- जन्म और मृत्यु का पंजीकरण:
- भारत में जन्म और मृत्यु का पंजीकरण कराना जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम (RBD), 1969 के अधिनियमन के साथ अनिवार्य है और इस प्रकार का पंजीकरण घटना के स्थान के अनुसार किया जाता है।
- मौजूदा RBD अधिनियम, 1969 की विभिन्न धाराओं के प्रावधानों को सरल बनाने और इसे लोगों के अनुकूल बनाने की दृष्टि से संशोधन का प्रस्ताव किया गया है।
- प्रस्तावित संसोधन:
- एकीकृत डेटा बनाए रखने के लिये मुख्य रजिस्ट्रार:
- मुख्य रजिस्ट्रार (राज्यों द्वारा नियुक्त) राज्य स्तर पर एक एकीकृत डेटाबेस बनाए रखेंगे और इसे भारत के रजिस्ट्रार जनरल (RJI) (गृह मंत्रालय के तहत) द्वारा बनाए गए ‘राष्ट्रीय स्तर’ पर डेटा के साथ एकीकृत करेंगे।
- वर्तमान में जन्म और मृत्यु का पंजीकरण राज्यों द्वारा नियुक्त स्थानीय रजिस्ट्रार द्वारा किया जाता है।
- मुख्य रजिस्ट्रार (राज्यों द्वारा नियुक्त) राज्य स्तर पर एक एकीकृत डेटाबेस बनाए रखेंगे और इसे भारत के रजिस्ट्रार जनरल (RJI) (गृह मंत्रालय के तहत) द्वारा बनाए गए ‘राष्ट्रीय स्तर’ पर डेटा के साथ एकीकृत करेंगे।
- विशेष उप पंजीयक:
- "विशेष उप-रजिस्ट्रारों की नियुक्ति, आपदा की स्थिति में उनकी किसी या सभी शक्तियों और कर्तव्यों के साथ मृत्यु के पंजीकरण तथा उसके उद्धरण जारी करने के लिये निर्धारित की जा सकती है।"
- एकीकृत डेटा बनाए रखने के लिये मुख्य रजिस्ट्रार:
- डेटा का अपेक्षित उपयोग:
- राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (नागरिकता अधिनियम, 1955) और चुनावी रजिस्टर (निर्वाचकों का पंजीकरण नियम, 1960) तथा आधार (आधार अधिनियम, 2016), राशन कार्ड (राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013), पासपोर्ट (पासपोर्ट अधिनियम) एवं ड्राइविंग लाइसेंस डेटाबेस [मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019] को अद्यतन करने हेतु।
- एनपीआर में पहले से ही 119 करोड़ निवासियों का डेटाबेस है और नागरिकता नियम, 2003 के तहत यह राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के निर्माण की दिशा में पहला कदम है।
- NPR अपडेट और जनगणना के पहले चरण का एक साथ संचालन आरजीआई द्वारा किया जाएगा।