भारतीय समाज
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR)
- 21 Dec 2019
- 4 min read
प्रीलिम्स के लिये:
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर
मेन्स के लिये:
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर तथा जनसंख्या से संबंधित मुद्दे
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (National Population Register) को अद्यतन करने के लिये केंद्रीय मंत्रिमंडल से 3,941 करोड़ रुपए की मांग की है।
मुख्य बिंदु:
- गृह मंत्रालय ने वर्ष 2021 की जनगणना के लिये 8,754 करोड़ रुपए और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को अद्यतन करने के लिये 3,941 करोड़ रुपए की मांग की है।
- राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर का अद्यतन डेटा जनगणना-2021 के प्रथम चरण के आँकड़ों के साथ प्रकाशित किया जाएगा।
- इस अद्यतन प्रक्रिया के दौरान बायोमेट्रिक आँकड़ों को एकत्रित नहीं किया जाएगा।
नया क्या होगा राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर में?
- राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को अद्यतन करने के लिये 21 बिंदुओं के आधार पर डेटा एकत्रित किया जाएगा, जबकि वर्ष 2010 का राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर 15 बिंदुओं के आधार पर एकत्रित आँकड़ों के अनुसार तैयार किया गया था ।
- राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को अद्यतन करने की प्रक्रिया के दौरान माता-पिता की जन्म-तिथि और जन्म-स्थान को एक बिंदु के रुप में शामिल किया जाएगा, यह बिंदु पहले तैयार किये गए राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर में शामिल नहीं था।
- वहीं इस राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर में अंतिम निवास स्थान, पासपोर्ट नंबर, आधार आईडी, पैन, ड्राइविंग लाइसेंस नंबर, वोटर आईडी कार्ड और मोबाइल नंबर को भी अद्यतन आँकड़ों के रूप में शामिल किया जाएगा, इन आँकड़ों को वर्ष 2010 के राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर में शामिल नहीं किया गया था।
- इस राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर में माँ का नाम, पिता का नाम, पति और पत्नी के नाम से संबंधित तीन बिंदुओं को एक ही बिंदु में समाहित किया जाएगा।
क्या है राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर?
- यह ‘देश के सामान्य निवासियों’ की एक सूची है जो नागरिकता अधिनियम 1955 के प्रावधानों के तहत स्थानीय, उप-ज़िला, ज़िला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर बनाई जाती है।
- कोई भी व्यक्ति जो 6 महीने या उससे अधिक समय से भारत में रह रहा है या अगले 6 महीने या उससे अधिक समय तक यहाँ रहने का इरादा रखता है, उसे राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर में अनिवार्य रूप से पंजीकरण कराना होता है।
- राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को नागरिकता कानून, 1955 और नागरिकता (नागरिकों का पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान-पत्र जारी करना) नियम, 2003 के प्रावधानों के अनुसार तैयार किया जाता है।
- राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर में पंजीकरण कराना भारत के प्रत्येक ‘सामान्य निवासी’ के लिये अनिवार्य है।
- देश के नागरिकों की पहचान का डेटाबेस एकत्र करने के लिये वर्ष 2010 में इसकी शुरुआत की गई थी।