RBI के सर्वेक्षण और भारतीय अर्थव्यवस्था | 11 Aug 2022

प्रिलिम्स के लिये:

आरबीआई, आरबीआई सर्वे, मौद्रिक नीति

मेन्स के लिये:

मौद्रिक नीति समीक्षा, आरबीआई की भूमिका, सर्वेक्षण का महत्त्व

चर्चा में क्यों?

हाल ही में रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अपनी नवीनतम मौद्रिक नीति समीक्षा और सात सर्वेक्षणों का अनावरण किया, जिसमें उपभोक्ता विश्वास से लेकर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि की अपेक्षाएँ शामिल हैं, जो अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन के संदर्भ में जानकारी प्रदान करेगा।

  • बढ़ता व्यापार घाटा और रुपया के मूल्य में गिरावट भी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिये प्रमुख चिंता का विषय है।

RBI द्वारा सर्वेक्षण:

  • उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण (CCS):
    • परिचय:
      • CCS 19 शहरों के लोगों से उनकी वर्तमान धारणाओं (एक साल पहले की तुलना में) और सामान्य आर्थिक स्थिति, रोज़गार परिदृश्य, समग्र मूल्य स्थिति और आय एवं खर्च पर अग्रिम वर्ष की अपेक्षाओं के बारे में पूछता है।
    • सूचकांक:
      • वर्तमान स्थिति सूचकांक (CSI)
        • जुलाई 2021 के गिरावट के बाद से CSI में सुधार हो रहा है।
      • भविष्य अपेक्षा सूचकांक (FEI)
        • FEI सकारात्मक दायरे में है लेकिन अब भी यह महामारी से पहले के स्तर से नीचे है।
      • 100 अंक से नीचे का सूचकांक दर्शाता है कि लोग निराशावादी हैं और 100 से अधिक मूल्य आशावाद को दर्शाता है।
  • मुद्रास्फीति प्रत्याशा सर्वेक्षण (IES)
    • परिचय:
    • परिणाम:
      • मौजूदा अवधि के लिये परिवारों की मुद्रास्फीति की धारणा 80 बीपीएस घटकर 9.3% हो गई है।
  • OBICUS सर्वेक्षण:
    • परिचय:
      • OBICUS का मतलब ऑर्डर बुक्स, इन्वेंटरी और कैपेसिटी यूटिलाइज़ेशन सर्वे है।
      • इसने जनवरी 2022 से मार्च 2022 तक भारत के विनिर्माण क्षेत्र में मांग की स्थिति का जानकारी प्रदान करने के प्रयास में 765 विनिर्माण कंपनियों को कवर किया।
    • क्षमता उपयोग (CU):
      • CU के निम्न स्तर का अर्थ है कि विनिर्माण कंपनियाँ उत्पादन को बढ़ाए बिना भी आवश्यक मौजूदा मांग को पूरा कर सकती हैं।
        • इसका रोज़गार सृजन और अर्थव्यवस्था में निजी निवेश की संभावनाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
    • निष्कर्ष:
      • CU महामारी से पहले के स्तर से काफी ऊपर है, जिससे पता चलता है कि भारत की कुल मांग में लगातार सुधार हो रहा है।
  • औद्योगिक आउटलुक सर्वेक्षण (IOS):
    • इस सर्वे में महिला/पुरुष कारोबारियों की भावनाओं को समझने की कोशिश की गई है।
    • सर्वेक्षण में भारतीय विनिर्माण कंपनियों द्वारा कारोबारी माहौल के गुणात्मक मूल्यांकन को शामिल किया गया है।
  • सेवाएँ और आधारभूत संरचना आउटलुक सर्वेक्षण (SIOS):
    • यह सर्वेक्षण इस बात का गुणात्मक मूल्यांकन करता है कि सेवा और आधारभूत संरचना क्षेत्रों में भारतीय कंपनियाँ वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाओं को कैसे देखती हैं।
    • सेवा क्षेत्र की कंपनियाँ आधारभूत संरचनाा क्षेत्र की कंपनियों की तुलना में कहीं अधिक आशावादी हैं।
  • बैंक ऋण सर्वेक्षण (BLS):
    • यह मुख्य आर्थिक क्षेत्रों के लिये प्रमुख अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (SCB) के क्रेडिट मापदंडों (ऋण की मांग और ऋण की सेवा- शर्तें) के गुणात्मक मूल्यांकन और अपेक्षाओं (MOOD) को जाँचता है।
  • पेशेवर पूर्वानुमानकर्ताओं का सर्वेक्षण (SPF):
    • यह चालू वर्ष और अगले वित्तीय वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर और मुद्रास्फीति दर जैसे प्रमुख व्यापक आर्थिक संकेतकों पर 42 पेशेवर पूर्वानुमानकर्ताओं (RBI के बाहर) का सर्वेक्षण है।

gdp-growth

  • जीडीपी प्रत्याशा:
    • वर्ष 2022-23 में भारत की वास्तविक GDP के 7.1% की दर से बढ़ने की उम्मीद है, पिछले सर्वेक्षण दौर के अनुमानों में 10 आधार अंकों की कमी आई है तथा वर्ष 2023-24 में इसके 6.3% की दर से बढ़ने की उम्मीद है।
  • निष्कर्ष:
    • पहली संभावना यह है कि सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि 7% -7.4% के बीच होगी, दूसरा सबसे संभावित परिणाम यह है कि विकास दर 6.5% -6.9% की सीमा तक कम हो जाएगी।

व्यापार घाटे की वर्तमान स्थिति और भारतीय रुपया:

  • व्यापार घाटा:

trade-deficit 

  • परिचय:
    • व्यापार के आँकड़े बताते हैं कि जुलाई 2022 में भारत ने कौन सी वस्तुओं (केवल वस्तुएँ न कि सेवाएँ) का आयात और निर्यात किया है। यह इसे मूल्य के संदर्भ में (भारतीय रुपए या अमेरिकी डॉलर में) प्रस्तुत करता है।
  • निष्कर्ष:
    • वित्त वर्ष 2022-23 के पहले चार महीनों में व्यापार घाटा, वित्त वर्ष 2021-22 के संपूर्ण वित्तीय वर्ष के घाटे के 50% से अधिक है।
      • साल-दर-साल (YoY) निर्यात में गिरावट आई है, जबकि जुलाई 2022 में उच्च कमोडिटी कीमतों के कारण आयात में तेज़ वृद्धि दर्ज की गई है।
      • आयात में सालाना 20 अरब डॉलर की बढ़ोत्तरी पेट्रोलियम उत्पादों और कोयले के कारण हुई, जिसने सोने के आयात में आई गिरावट से मिली राहत को भी निष्प्रभावी कर दिया।
  • भारतीय रुपया:

rupee-weakened 

  • अमेरिकी डॉलर की तुलना में भारतीय रुपया अगस्त 2021 में 74.2 रुपए से गिरकर जुलाई 2022 में 80 रुपए हो गया।

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs):

प्र. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:

  1. भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के गवर्नर की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाती है।
  2. भारत के संविधान में कुछ प्रावधान केंद्र सरकार को जनहित में RBI को निर्देश जारी करने का अधिकार देते हैं।
  3. RBI के गवर्नर भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम से अपनी शक्ति प्राप्त करते हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (c)

व्याख्या:

  • भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना 1 अप्रैल, 1935 को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के प्रावधानों के अनुसार की गई थी।
  • हालाँकि इस पर मूल रूप से निजी स्वामित्व था, वर्ष 1949 में राष्ट्रीयकरण के बाद से, रिज़र्व बैंक पूरी तरह से भारत सरकार के स्वामित्व में है।
  • RBI के मामले केंद्रीय निदेशक मंडल द्वारा शासित होते हैं। बोर्ड की नियुक्ति भारत सरकार द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम के अनुरूप की जाती है। अत: कथन 1 सही है।
  • निदेशकों को चार वर्ष की अवधि के लिये नियुक्त/नामित किया जाता है।
  • यदि केंद्र सरकार की राय में बैंक अधिनियम द्वारा या उसके तहत उस पर लगाए गए किसी भी दायित्व को पूरा करने में विफल रहता है, तो केंद्र सरकार केंद्रीय बोर्ड को अधिक्रमित करने की घोषणा कर सकती है, और उसके बाद मामलों के सामान्य अधीक्षण और निर्देश को ऐसी एजेंसी को सौंपा जाएगा जो केंद्र सरकार निर्धारित करे।
  • केंद्र सरकार बैंक के गवर्नर के परामर्श से समय-समय पर बैंक को ऐसे निर्देश दे सकती है, जिसे जनहित में आवश्यक समझे। अतः कथन 2 सही नहीं है।
  • RBI के गवर्नर RBI अधिनियम की धारा 7(3) से अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हैं। गवर्नर सभी शक्तियों का प्रयोग कर सकता है और वह सभी कार्य कर सकता है जो RBI द्वारा प्रयोग किये जा सकते हैं। अत: कथन 3 सही है।

अतः विकल्प (c) सही उत्तर है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस