भारतीय अर्थव्यवस्था
RBI की मौद्रिक नीति समीक्षा
- 08 Dec 2022
- 7 min read
प्रिलिम्स के लिये:RBI, मौद्रिक नीति समिति (MPC), मौद्रिक नीति के साधन, RBI के विभिन्न नीतिगत रुख मेन्स के लिये:मौद्रिक नीति, वृद्धि और विकास, मौद्रिक नीति और इसके उपकरण |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने मौद्रिक नीति की अपनी नवीनतम समीक्षा की घोषणा की।
- RBI ने कहा, "दुनिया भर में विकास की संभावनाएँ कम हो रही हैं। वित्तीय बाज़ार में व्यवधान उत्त्पन्न हुआ है तथा उच्च अस्थिरता एवं कीमतों में उतार-चढ़ाव की विशेषता विद्यमान है।""
समीक्षा के मुख्य बिंदु:
- GDP विकास पूर्वानुमान:
- MPC ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिये अपने सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के विकास अनुमान को 7% से घटाकर 6.8% कर दिया।
- इससे एक दिन पूर्व विश्व बैंक ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिये वृद्धि दर का अनुमान बढ़ाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया था।
- वास्तविक जीडीपी वृद्धि वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही के लिये 7.1% और दूसरी तिमाही के लिये 5.9% अनुमानित है।
- जैसा कि सितंबर 2022 के आँकड़ों से पता चलता है कि इसने पूरे वर्ष के लिये GDP के अनुमान में कटौती की लेकिन तिमाही GDP के अनुमान को बढ़ा दिया।
- MPC ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिये अपने सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के विकास अनुमान को 7% से घटाकर 6.8% कर दिया।
- मुद्रास्फीति और ब्याज दरें:
- MPC ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में हेडलाइन मुद्रास्फीति (एक अर्थव्यवस्था में कुल मुद्रास्फीति) के पूर्वानुमान को 7% पर बनाए रखा है।
- आरबीआई को उम्मीद है कि लगातार 15 महीनों के लिये हेडलाइन मुद्रास्फीति 6% से ऊपर रहेगी। उसके बाद भी, 4% के स्तर तक पहुँचने में समय लग सकता है।
- रेपो दर:
- MPC ने रेपो दर को 35 आधार अंकों (bps) से बढ़ाकर 6.25% कर दिया और स्थायी जमा सुविधा को बढ़ाकर 6% कर दिया।
- MPC ने रेपो दर को 35 आधार अंकों (bps) से बढ़ाकर 6.25% कर दिया और स्थायी जमा सुविधा को बढ़ाकर 6% कर दिया।
मौद्रिक नीति ढाँचा:
- उद्गम:
- मई 2016 में RBI अधिनियम में संशोधन किया गया था ताकि देश की मौद्रिक नीतिगत ढाँचे को संचालित करने के लिये केंद्रीय बैंक को विधायी अधिदेश प्रदान किया जा सके।
- उद्देश्य:
- ढाँचे का उद्देश्य वर्तमान और विकसित व्यापक आर्थिक स्थिति के आकलन के आधार पर नीतिगत (रेपो) दर निर्धारित करना तथा रेपो दर पर या उसके आस-पास मुद्रा बाज़ार दरों को स्थिर करने के लिये तरलता में सुधार करना है।
- नीतिगत दर के रूप में रेपो दर:
- रेपो दर में परिवर्तन मुद्रा बाजार के माध्यम से समग्र वित्तीय प्रणाली में संचारित होता है जो बदले में कुल मांग को प्रभावित करता है।
- इस प्रकार यह मुद्रास्फीति और विकास का एक प्रमुख निर्धारक है।
- रेपो दर में परिवर्तन मुद्रा बाजार के माध्यम से समग्र वित्तीय प्रणाली में संचारित होता है जो बदले में कुल मांग को प्रभावित करता है।
मौद्रिक नीति समिति:
- गठन:
- संशोधित (2016 में) आरबीआई अधिनियम, 1934 की धारा 45ZB के तहत केंद्र सरकार को छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) का गठन करने का अधिकार है।
- उद्देश्य:
- धारा 45ZB में कहा गया है कि "मौद्रिक नीति समिति मुद्रास्फीति लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये आवश्यक नीति दर निर्धारित करेगी"।
- मौद्रिक नीति समिति का निर्णय बैंको के लिये बाध्यकारी होगा।
- रचना:
- धारा 45ZB के अनुसार एमपीसी में 6 सदस्य होंगे:
- RBI गवर्नर इसके पदेन अध्यक्ष के रूप में।
- मौद्रिक नीति का प्रभारी डिप्टी गवर्नर।
- केंद्रीय बोर्ड द्वारा नामित बैंक का एक अधिकारी।
- केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त तीन व्यक्ति।
- इस प्रक्रिया के तहत "अर्थशास्त्र या बैंकिंग या वित्त या मौद्रिक नीति के क्षेत्र में ज्ञान और अनुभव रखने वाले सक्षम व निष्पक्ष व्यक्तियों" की नियुक्ति की जाएगी।
- धारा 45ZB के अनुसार एमपीसी में 6 सदस्य होंगे:
मौद्रिक नीति के उपकरण:
- रेपो दर
- स्थायी जमा सुविधा (SDF) दर
- सीमांत स्थायी सुविधा (MSF) दर
- चलनिधि समायोजन सुविधा (LAF)
- LAF कॉरिडोर
- मुख्य चलनिधि प्रबंधन उपकरण
- फाइन ट्यूनिंग संचालन
- रिवर्स रेपो रेट
- बैंक दर
- नकद आरक्षित अनुपात (CRR)
- वैधानिक तरलता अनुपात (SLR)
- ओपन मार्केट ऑपरेशंस (OMO)
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्सप्रश्न. यदि भारतीय रिज़र्व बैंक एक विस्तारवादी मौद्रिक नीति अपनाने का निर्णय लेता है, तो वह निम्नलिखित में से क्या नहीं करेगा? (2020) वैधानिक तरलता अनुपात में कटौती और अनुकूलन नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (b) प्रश्न. भारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में निम्नलिखित पर विचार कीजिये: (2015) बैंक दर उपर्युक्त में से कौन-सा/से मौद्रिक नीति का/के घटक है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (c) मेन्सप्रश्न. क्या आप इस मत से सहमत हैं कि स्थिर जीडीपी वृद्धि और कम मुद्रास्फीति ने भारतीय अर्थव्यवस्था को अच्छी स्थिति में ला दिया है? अपने तर्कों के समर्थन में कारण दीजिये। (मुख्य परीक्षा- 2019) |