RBI ने रुपए में व्यापार निपटान की अनुमति दी | 14 Jul 2022
प्रिलिम्स के लिये:विदेश व्यापार, मुद्रा मूल्यह्रास और अधिमूल्यन, वैश्विक अनुमोदन, भुगतान संतुलन मेन्स के लिये:भारत की अर्थव्यवस्था पर वैश्विक अनुमोदनों का प्रभाव, रुपये में व्यापार को निपटाने के लाभ और चुनौतियाँ, अर्थव्यवस्था में सरकार का हस्तक्षेप |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने तत्काल प्रभाव से रुपए (INR) में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की सुविधा के लिये एक तंत्र स्थापित किया है।
- हालाँकि ऐसे लेन-देन के लिये डीलर के रूप में कार्य करने वाले अधिकृत बैंकों को इसका उपयोग कर इसे सुविधाजनक बनाने के लिये नियामक से पूर्वानुमति लेनी होगी।
- RBI द्वारा प्रस्तावित संशोधित फ्रेमवर्क के अनुसार, विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA), 1999 के तहत कवर किये गए क्रॉस-बॉर्डर निर्यात और आयात को भारतीय रुपए में डिनॉमिनेट और इनवॉइस किया जा सकता है. हालाँकि RBI ने निर्धारित किया है कि दोनों व्यापार भागीदार देशों की मुद्राओं के बीच विनिमय दर बाज़ार के अनुसार निर्धारित की जाएगी
रुपया भुगतान तंत्र:
- भारत में अधिकृत डीलर बैंकों को रुपया वोस्ट्रो खाते खोलने की अनुमति दी गई है (एक खाता जो एक अधिकृत बैंक दूसरे बैंक की ओर से रखता है)।
- इस तंत्र के माध्यम से आयात करने वाले भारतीय आयातक भारतीय रुपए में भुगतान करेंगे जो विदेशी विक्रेता से माल या सेवाओं की आपूर्ति के लिये चालान भागीदार देश के अधिकृत बैंक के विशेष वोस्ट्रो खाते में जमा किया जाएगा।
- तंत्र का उपयोग करने वाले भारतीय निर्यातकों को भागीदार देश के अधिकृत बैंक के नामित विशेष वोस्ट्रो खाते में जमा शेष राशि से भारतीय रुपए में निर्यात का भुगतान किया जाएगा।
- भारतीय निर्यातक उपर्युक्त रुपए भुगतान तंत्र के माध्यम से विदेशी आयातकों से भारतीय रुपए में निर्यात के लिये अग्रिम भुगतान प्राप्त कर सकते हैं।
- निर्यात के लिये अग्रिम भुगतान की ऐसी किसी भी प्राप्ति की अनुमति देने से पहले भारतीय बैंकों को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि इन खातों में उपलब्ध धनराशि का उपयोग पहले से ही निष्पादित निर्यात आदेशों/पाइपलाइन में निर्यात भुगतान से उत्पन्न भुगतान दायित्वों के लिये किया जाता है।
- विशेष वोस्ट्रो अकाउंट में शेष राशि का उपयोग निम्नलिखित के लिये किया जा सकता है: परियोजनाओं और निवेशों के लिये भुगतान, निर्यात/आयात अग्रिम प्रवाह प्रबंधन, सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश आदि।
मौजूदा तंत्र:
- यदि कोई कंपनी निर्यात या आयात करती है, तो लेन-देन (नेपाल और भूटान जैसे देशों को छोड़कर) हमेशा एक विदेशी मुद्रा में होता है।
- इसलिये आयात के मामले में भारतीय कंपनी को विदेशी मुद्रा में भुगतान करना पड़ता है (मुख्य रूप से डॉलर में और इसमें पाउंड, यूरो, येन आदि मुद्राएँ भी शामिल हो सकती हैं)।
- निर्यात के मामले में भारतीय कंपनी को विदेशी मुद्रा में भुगतान किया जाता है और कंपनी उस विदेशी मुद्रा को रुपए में परिवर्तित कर देती है क्योंकि उसे ज़्यादातर मामलों में अपनी ज़रूरतों के लिये रुपए की आवश्यकता होती है।
मौजूदा तंत्र के लाभ:
- विकास को बढ़ावा:
- यह वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देगा और भारतीय रुपए के प्रति वैश्विक व्यापारिक समुदाय की बढ़ती रुचि का समर्थन करेगा।
- स्वीकृत देशों के साथ व्यापार:
- जब से रूस पर प्रतिबंध लगाए गए हैं, भुगतान की समस्या के कारण रूस के साथ व्यापार लगभग ठप है।
- RBI द्वारा शुरू किये गए व्यापार सुविधा तंत्र के परिणामस्वरूप रूस के साथ भुगतान संबंधी मुद्दे को हल करना आसान हो गया है।
- जब से रूस पर प्रतिबंध लगाए गए हैं, भुगतान की समस्या के कारण रूस के साथ व्यापार लगभग ठप है।
- विदेशी मुद्रा में उतार-चढ़ाव:
- इस कदम से विदेशी मुद्रा में उतार-चढ़ाव का जोखिम भी कम होगा, विशेष रूप से यूरो-रुपया सममूल्यता को देखते हुए।
- रुपए की गिरावट पर नियंत्रण:
- इस तंत्र का उद्देश्य रुपए में लगातार गिरावट के दौरान व्यापार प्रवाह हेतु रुपए में निपटान को बढ़ावा देकर विदेशी मुद्रा की मांग को कम करना है।
- इस तंत्र का उद्देश्य रुपए में लगातार गिरावट के दौरान व्यापार प्रवाह हेतु रुपए में निपटान को बढ़ावा देकर विदेशी मुद्रा की मांग को कम करना है।
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार हेतु भारत की पहल:
- रुपया-रूबल समझौता:
- रुपया-रूबल व्यापार व्यवस्था डॉलर या यूरो के बजाय देय राशि का निपटान रुपए में करने के लिये वैकल्पिक भुगतान तंत्र है।
- रूस का स्टेट बैंक भारत में एक या एक से अधिक वाणिज्यिक बैंकों, जो कि विदेशी मुद्रा में व्यापार करने के लिये अधिकृत हैं, के साथ खातों का रखरखाव करेगा। इसके अलावा यदि बैंक आवश्यक समझता है तो भारतीय रिज़र्व बैंक के साथ स्टेट बैंक ऑफ रूस एक और खाता बनाए रखेगा।
- भारत और रूस के निवासियों द्वारा भुगतान को केवल उन्हीं निर्दिष्ट खातों में डेबिट//क्रेडिट किया जाएगा।
- रूस का स्टेट बैंक भारत में एक या एक से अधिक वाणिज्यिक बैंकों, जो कि विदेशी मुद्रा में व्यापार करने के लिये अधिकृत हैं, के साथ खातों का रखरखाव करेगा। इसके अलावा यदि बैंक आवश्यक समझता है तो भारतीय रिज़र्व बैंक के साथ स्टेट बैंक ऑफ रूस एक और खाता बनाए रखेगा।
- रुपया-रूबल व्यापार व्यवस्था डॉलर या यूरो के बजाय देय राशि का निपटान रुपए में करने के लिये वैकल्पिक भुगतान तंत्र है।
- मुक्त व्यापार समझौता (FTA):
- भारत ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त अरब अमीरात के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं।
- FTA दो या दो से अधिक देशों के बीच आयात और निर्यात की बाधाओं को कम करने के लिये एक समझौता है।
- मुक्त व्यापार नीति के तहत वस्तुओं और सेवाओं का व्यापार अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के पार किया जा सकता है, जिसमें उनके विनिमय को बाधित करने के लिये बहुत कम या कोई सरकारी शुल्क, कोटा, सब्सिडी या निषेध नहीं है।
- मुक्त व्यापार की अवधारणा व्यापार संरक्षणवाद या आर्थिक अलगाववाद (Economic Isolationism) के विपरीत है।
- भारत ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त अरब अमीरात के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं।
- हिंद-प्रशांत आर्थिक ढाँचा:
- भारत एक हिंद-प्रशांत आर्थिक ढाँचा (IPEF) स्थापित करने के लिये अमेरिका के नेतृत्व वाली पहल में शामिल हो गया है, इस कदम से आर्थिक संबंधों को और बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
- सेवाओं के निर्यात के लिये अमेरिका लगातार भारत का सबसे बड़ा बाज़ार रहा है, हाल ही में अमेरिका को सामान की बिक्री के मामले में भी इसने चीन को पीछे छोड़ दिया, जिससे यह भारत का सबसे बड़ा द्विपक्षीय व्यापारिक भागीदार बन गया।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न (PYQs)प्रश्न. भुगतान संतुलन के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन चालू खाते का गठन करता है? (2014)
नीचे दिये गए कूट का उपयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: C व्याख्या:
अतः विकल्प (c) सही उत्तर है। |