Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 07 जुलाई, 2020 | 07 Jul 2020
संजीवनी सेवा
हाल ही में अहमदाबाद नगर निगम (AMC) ने कोरोना वायरस (COVID-19) से संक्रमित उन रोगियों के लिये ‘संजीवनी वैन सेवा’ (Sanjivani Van Seva) शुरू की, जो होम आइसोलेशन के तहत उपचार कर रहे हैं। संजीवनी वैन में प्रशिक्षित पैरामेडिकल स्टाफ की एक टीम होगी, जो कि प्रत्येक दिन संक्रमित लोगों के निवास स्थान पर जाएगी और होम आइसोलेशन में मौजूद रोगी की नियमित जाँच करेगी। वहीं पैरामेडिकल टीम के पास विटामिन-C और विटामिन-D की गोलियों समेत कई अन्य आवश्यक दवाएँ होंगी। अहमदाबाद के प्रत्येक शहरी स्वास्थ्य केंद्र के पास अपनी एक संजीवनी वैन होगी। समग्र रूप से पूरे शहर में इस प्रकार की कुल 75 टीमों का संचालन किया जाएगा। इस संबंध में सूचना जारी करते हुए AMC ने कहा कि ‘प्रत्येक टीम में कुल दो पैरामेडिकल स्टाफ होंगे और एक डॉक्टर के नेतृत्त्व में कुल 10 टीमें कार्य करेंगी।’ गौरतलब है कि इससे पूर्व अहमदाबाद नगर निगम (AMC) ने कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी के प्रकोप का सामना कर रहे अहमदाबाद में संक्रमण पर काबू पाने के लिये धन्वंतरी रथ (Dhanvantari Rath) की शुरुआत की थी। धन्वंतरी रथ एक प्रकार का एंबुलेंस है जिसमें एक डॉक्टर, पैरामेडिकल व फार्मा स्टाफ तथा आवश्यक दवाएँ आदि उपलब्ध हैं। धन्वंतरी रथ की शुरुआत मुख्य रूप से सामान्य बुखार, सर्दी-खांसी के चलते अस्पताल पहुँचने वाले लोगों के लिये की है। ये रथ अहमदाबाद के विभिन्न क्षेत्रों में घूम-घूम कर सामान्य बीमारी से प्रभावित लोगों का उपचार कर रहे हैं।
श्री सप्तमी गुरुकुल संस्कृत विद्यालय
भारत और नेपाल के मध्य सीमा विवाद के बीच हाल ही में नेपाल के इलाम ज़िले में ‘श्री सप्तमाई गुरुकुल संस्कृत विद्यालय’ के नए भवन का उद्घाटन किया गया। इस भवन का उद्घाटन वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया, जिसमें नेपाल के अधिकारी, स्कूल प्रबंधन समिति और नेपाल में भारतीय दूतावास के सदस्य शामिल थे। विद्यालय के नए भवन का निर्माण कुल 3 करोड़ 11 लाख नेपाली रुपए (लगभग 1.94 करोड़ भारतीय रुपए) की लागत से किया गया है। इसमें कक्षाओं के लिये 10 कमरे, छात्रों के लिये छात्रावास ब्लॉक और चार अध्ययन कक्ष आदि शामिल हैं। नेपाल के इलाम ज़िले में इस संस्कृत विद्यालय का निर्माण वर्ष 2009 में नेपाल-भारत मैत्री विकास सहयोग कार्यक्रम के तहत 31.13 मिलियन नेपाली रुपए की लागत से किया गया था। इस विद्यालय की शुरुआत एक प्राथमिक विद्यालय के तौर पर की गई थी, किंतु वर्ष 2014 में इसे माध्यमिक स्तर के स्कूल के रूप में परिवर्तित कर किया गया। ध्यातव्य है कि यह विद्यालय अपने छात्रों को संस्कृत में वैदिक शिक्षा के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा प्रदान करने की इसकी अद्वितीय योग्यता के लिये पहचाना जाता है।
‘बलराम’ योजना
हाल ही में ओडिशा सरकार ने राज्य के भूमिहीन किसानों को कृषि ऋण प्रदान करने के लिये ‘बलराम’ योजना की शुरुआत की है। यह योजना मुख्य तौर पर राज्य के भूमिहीन किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से शुरुआत की गई है, जिसके तहत कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी के कारण समस्याओं का सामना कर रहे राज्य के तकरीबन 7 लाख भूमिहीन किसानों को कृषि ऋण प्रदान किया जाएगा। राज्य में इस योजना का कार्यान्वयन राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) के सहयोग से किया जाएगा, वहीं गाँव के कृषि कार्यकर्त्ता इस कार्यक्रम को ज़मीनी स्तर पर लागू करेंगे। गौरतलब है कि कृषि क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने के लिये काश्तकारों को ऋण प्रदान करना एक महत्त्वपूर्ण कदम साबित होगा। बलराम योजना के तहत ऋण संयुक्त देयता समूहों के माध्यम से वितरित किया जाएगा। इसके लिये किसानों के कुल 1,40,000 समूहों का गठन किया गया है, जिसमें से 70,000 किसान संगठन इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकेंगे, जबकि शेष समूहों को इस योजना का लाभ अगले वित्तीय वर्ष के दौरान मिलेगा।
जी. आकाश
तमिलनाडु के जी. आकाश (G Akash) देश के 66वें शतरंज ग्रैंडमास्टर बन गए हैं। हाल ही में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय शतरंज संघ (International Chess Federation-FIDE) की हालिया बैठक में 23 वर्षीय जी. आकाश ग्रैंडमास्टर के खिताब की पुष्टि की गई। चेन्नई के इस खिलाड़ी की FIDE रेटिंग 2495 है। चेन्नई के इस खिलाड़ी ने पूर्व राष्ट्रीय चैंपियन के. विश्वेश्वरन (K Visweswaran) से प्रशिक्षण लिया है। ग्रैंडमास्टर वह सर्वोच्च खिताब होता है जिसे एक शतरंज खिलाड़ी द्वारा अपने कैरियर में प्राप्त किया जा सकता है। यह खिताब विश्व में शतरंज के सर्वोच्च शासी निकाय यानी अंतर्राष्ट्रीय शतरंज संघ (FIDE) द्वारा प्रदान किया जाता है। एक बार यह खिताब प्राप्त करने के पश्चात् यह जीवन भर व्यक्ति के साथ रहता है, हालाँकि कुछ विशेष परिस्थितियों में इसे खिलाड़ी से वापस लिया जा सकता है।