कृषि-बाज़ार अवसंरचना कोष
चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (Cabinet Committee of Economic Affairs-CCEA) ने कृषि-बाज़ार अवसंरचना कोष (Agri-Market Infrastructure Fund-AMIF) के लिये 2000 करोड़ रुपए की निधि के सृजन को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
- ग्रामीण कृषि बाज़ारों एवं व्यवस्थित थोक बाज़ारों में कृषि विपणन अवसंरचना के विकास एवं उन्नयन के लिये इस कोष की स्थापना राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) के साथ मिलकर की जाएगी।
- केंद्रीय बजट 2018-19 में यह घोषणा की गई थी कि 22 हज़ार ग्रामीण कृषि बाजारों तथा 585 APMCs में कृषि विपणन अवसंरचना के विकास के लिये दो हज़ार करोड़ रुपए की स्थायी निधि से एक कृषि बाज़ार अवसंरचना कोष की स्थापना की जाएगी।
नाबार्ड (NABARD)
- नाबार्ड कृषि एवं ग्रामीण विकास के लिये एक शीर्ष बैंक है।
- इसकी स्थापना शिवरमन समिति की सिफारिशों के आधार पर संसद के एक अधिनियम द्वारा 12 जुलाई, 1982 को की गई थी।
- इसका कार्य कृषि, लघु उद्योग, कुटीर एवं ग्रामीण उद्योग, हस्तशिल्प और अन्य ग्रामीण शिल्पों के संवर्द्धन और विकास के लिये ऋण उपलब्ध कराना है। इसके साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों के अन्य संबद्ध आर्थिक क्रियाओं को समर्थन प्रदान कर गाँवों का सतत् विकास करना है।
कृषि-बाज़ार अवसंरचना कोष का महत्त्व
- कृषि-बाज़ार अवसंरचना कोष (AMIF) राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों को 585 कृषि उपज विपणन समितियों (Agriculture Produce Market Committees- APMCs ) एवं 10,000 ग्रामीण कृषि बाज़ारों (Grameen Agricultural Markets-GrAMs) में विपणन की ढाँचागत व्यवस्था विकसित करने के लिये उनके प्रस्ताव पर वित्तीय छूट प्राप्त ऋण मुहैया कराएगा।
- राज्य हब (Hub) एवं स्पोक प्रणाली (Spoke Mode) तथा PPP (Public Private Partnership) प्रणाली समेत उन्नत एकीकृत बाज़ार अवसंरचना परियोजनाओं के लिये कृषि-बाज़ार अवसंरचना कोष से सहायता प्राप्त कर सकेंगे।
- इन ग्रामीण कृषि बाज़ारों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना (MGNREGA) एवं अन्य सरकारी योजनाओं का उपयोग कर भौतिक एवं आधारभूत अवसंरचना को सुदृढ़ किया जाएगा।
- अनुमति प्राप्त होने के बाद कृषि-बाज़ार अवसंरचना कोष (AMIF) योजना को कृषि सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग (Department of Agriculture Cooperation & Farmers Welfare- DAC&FW) द्वारा राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) को 2018-19 एवं 2019-20 के साथ-साथ 2024-25 तक के दौरान जारी वार्षिक बजट के अनुरूप ब्याज सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी।
- योजना के मांग आधारित होने से इसकी प्रगति राज्यों की मांग एवं उनसे प्राप्त होने वाले प्रस्तावों का विषय होगी।
स्रोत : पी.आई.बी.