Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 02 जुलाई, 2020 | 02 Jul 2020
65 और उससे अधिक उम्र वाले लोगों के लिये डाक मतपत्र
देश भर में कोरोना वायरस (COVID-19) के बढ़ते मामलों के बीच वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा को मद्देनज़र रखते हुए विधि एवं न्याय मंत्रालय (Ministry of Law and Justice) ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों में डाक मतपत्र (Postal Ballot) के लिये मतदाताओं की आयु सीमा में कटौती कर दी है। संशोधित नियमों के अनुसार, अब 65 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों को भी डाक मतपत्र से मतदान का विकल्प मिलेगा। इसके अतिरिक्त निर्वाचन आयोग के सुझावों पर नियमों में बदलाव करते हुए मंत्रालय ने एक अस्थायी व्यवस्था के तौर पर ‘COVID-19 के संदिग्धों या संक्रमितों’ को भी डाक मतपत्र सुविधा का लाभ उठाने की अनुमति प्रदान की है। गौरतलब है कि जल्द ही बिहार में विधानसभा चुनावों का आयोजन होने वाला है और अनुमान के अनुसार, बिहार के मतदाताओं को इस संशोधित नियम का लाभ सबसे पहले प्राप्त होगा। विधि एवं न्याय मंत्रालय ने अक्तूबर 2019 में ‘निर्वाचनों के संचालन नियम, 1961’ (Conduct of Election Rules, 1961) में संशोधन करते हुए और दिव्यांगों तथा 80 वर्ष अथवा इससे अधिक उम्र के लोगों को लोकसभा और विधानसभा चुनावों में डाक मतपत्र से मतदान की अनुमति प्रदान की थी। देश के प्रत्येक नागरिक का यह दायित्त्व होता है कि वह एक जीवंत लोकतंत्र सुनिश्चित करने के लिये देश की चुनाव प्रक्रिया में भाग ले, हालाँकि कभी-कभी किसी व्यक्ति विशिष्ट के लिये प्रत्यक्ष रूप से इस प्रक्रिया में भाग लेना संभव नहीं हो पाता, इस कारणवश निर्वाचन आयोग ऐसे व्यक्ति को मतदान के लिये डाक मतपत्र की सुविधा उपलब्ध कराता है।
ऑपरेशन समुद्र सेतु
भारतीय नौसेना (Indian Navy) द्वारा ‘ऑपरेशन समुद्र सेतु’ (Operation Samudra Setu) के लिये तैनात किये गए INS जलाश्व (INS Jalashwa) ने 01 जुलाई, 2020 को लगभग 687 भारतीय नागरिक के साथ तूतीकोरिन बंदरगाह (Tuticorin Port) में प्रवेश किया, जिसके साथ ही भारतीय नौसेना के जहाज़ों के माध्यम से ईरान से वापस लाए गए भारतीय नागरिकों की कुल संख्या 920 तक पहुँच गई है। भारतीय नौसेना के अनुसार, ‘ऑपरेशन समुद्र सेतु’ के तहत भारतीय नागरिकों को वापस लाने की प्रक्रिया के तहत COVID-19 से संबंधित समस्त सुरक्षा संबंधी उपायों का सख्ती से पालन किया जा रहा है। गौरतलब है कि इस सफल निकासी के साथ ही भारतीय नौसेना अब तक महामारी के दौरान मालदीव, श्रीलंका और ईरान से कुल 3992 भारतीय नागरिकों को वापस लेकर आई है। यह संपूर्ण कार्य भारतीय नौसेना के ‘ऑपरेशन समुद्र सेतु’ के तहत किया गया है। विदित हो कि ‘ऑपरेशन समुद्र सेतु’ को भारतीय नौसेना द्वारा COVID-19 महामारी के दौरान विदेशों से भारतीय नागरिकों को वापस लाने हेतु लॉन्च किया गया था। INS जलाश्व, नौसेना का सबसे बड़ा एम्फिबियस प्लेटफॉर्म है और यह विशाखापत्तनम में पूर्वी नौसेना कमान मुख्यालय के अंतर्गत आता है।
नाडा एप (NADA App)
नेशनल एंटी-डोपिंग एजेंसी (National Anti-Doping Agency-NADA) ने हाल ही में खिलाड़ियों को खेल, निषिद्ध पदार्थों और डोप-परीक्षण से संबंधित विभिन्न पहलुओं की जानकारी प्रदान करने के लिये एक मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च किया है। यह एप खिलाड़ियों को प्रतिबंधित दवाओं एवं उनके प्रयोग से बचने की जानकारी प्रदान करेगा, इस एप के माध्यम से खिलाड़ी खेलों के विभिन्न पहलुओं खासकर प्रतिबंधित दवाओं का प्रयोग न करने को लेकर जागरूक हो सकेंगे। इस एप को लॉन्च करते हुए केंद्रीय मंत्री किरन रीजीजू (Kiren Rijiju) ने कहा कि यह मोबाइल एप्लिकेशन स्वच्छ खेल अभ्यास की दिशा में एक ‘महत्त्वपूर्ण कदम’ है। सामान्य दवाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान करने के अलावा, यह एप खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय खेल में डोपिंग से संबंधित नियमों में होने वाले बदलावों के बारे में भी सूचित करेगा। इस एप के प्रयोग से खिलाड़ी स्वयं ही प्रतिबंधित पदार्थ का पता लगा सकते हैं और इस कार्य के लिये उन्हें किसी पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं होगी। नेशनल एंटी-डोपिंग एजेंसी (NADA) भारत में खेलों में डोपिंग कंट्रोल प्रोग्राम की मॉनिटरिंग के लिये एक राष्ट्रीय संगठन है, जिसकी स्थापना सोसाइटीज़ रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1860 के तहत वर्ष 2005 में की गई थी।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (Indira Gandhi National Centre for the Arts-IGNCA) देश भर में उन कलाकारों के कार्य को रेखांकित करने की योजना बना रहा है, जिन्होंने COVID-19 महामारी के दौरान आम जनता के मनोबल को बढ़ाने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (IGNCA) के अनुसार, कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी के दौरान देश भर के विभिन्न कलाकारों ने आम लोगों का मनोबल बढ़ाते हुए एक मूक COVID योद्धा (Silent COVID Warrior) के रूप में कार्य किया है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (IGNCA) की स्थापना वर्ष 1987 में संस्कृति मंत्रालय के अधीन कला के क्षेत्र में अनुसंधान, शैक्षिक उद्यम तथा प्रचार-प्रसार करने वाली एक स्वायत्त संस्था के रूप में की गई थी। ध्यातव्य है कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (IGNCA) कला, विशेष रूप से लिखित, मौखिक और दृश्यात्मक स्रोत सामग्रियों के लिये एक प्रमुख केंद्र के रूप में कार्य करता है। इसके अतिरिक्त यह कला, मानविकी तथा संस्कृति से संबंधित अनुसंधान संचालित करने का कार्य भी करता है।