विविध
दर्द आर्यन जनजाति
- 08 Feb 2019
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चर्चा में क्यों ?
16-21 जनवरी तक दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी कला केंद्र में दर्द आर्यन त्योहार मनाया गया। इस महोत्सव के दौरान एक सेमिनार आयोजित किया गया, जिसमें दर्द आर्यन जनजाति के सांस्कृतिक विरासत पर चर्चा की गई। सेमिनार में इस समुदाय के कुछ कलाकारों ने जनजातीय मामलों के राज्य मंत्री को अपनी संस्कृति के संरक्षण से जुड़ी मांगों एवं अन्य शिकायतों का एक चार्टर सौंपा।
लद्दाख की ‘दर्द आर्यन’ जनजाति
- दर्द आर्यन जनजाति,जो कि अपनी उदार परंपराओं के लिये जानी जाती है, को आर्यों का वंशज माना जाता है।
- कई शोधकर्त्ताओं का मानना है कि 'लद्दाख के आर्य' (Aryans of Ladakh) या 'ब्रोकपास' (Brokpas) सिकंदर (Alexander) की सेना का हिस्सा थे और 2,000 साल पहले इस क्षेत्र में आए थे।
- इस जनजाति के लोग लद्दाख की प्रशासनिक राजधानी लेह से 163 किमी. दक्षिण-पश्चिम में स्थित लेह और करगिल ज़िलों के धा (Dha), हानू (Hanu), दारचिक (Darchik) और गारकोन गाँवों में निवास करते हैं। इन गाँवों को आर्य घाटी कहा जाता है।
- भारतीय संविधान का अनुच्छेद 46 प्रावधान करता है कि राज्य समाज के कमज़ोर वर्गों के शैक्षणिक और आर्थिक हितों विशेषत: अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों का विशेष ध्यान रखेगा और उन्हें सामाजिक अन्याय एवं सभी प्रकार के शोषण से संरक्षित रखेगा।
क्या हैं ‘दर्द आर्यन’ जनजाति की समस्याएँ?
- तेज़ी से हो रहे आधुनिकीकरण, प्रवास और धर्मांतरण के कारण इन जनजातियों की समृद्ध विरासत खतरे में है।
- इस बारे में संबंधित राज्य से जनजातीय मामलों के मंत्रालय को कोई औपचारिक सूचना प्राप्त नहीं हुई है।
इंदिरा गांधी कला केंद्र द्वारा योगदान
- स्थानीय समुदाय की मदद से लेह, लद्दाख, कारगिल आदि में दर्द आर्यन के क्षेत्र में कुछ संग्रहालय स्थापित करने में सहायता।
- 16-21 जनवरी, 2019 के दौरान आयोजित उत्सव में भाग लेने वाले 35 कलाकारों के लिये प्रयागराज में महाकुंभ की यात्रा की व्यवस्था एवं उन्हें जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों और संकायों से जुड़ने में मदद की गई।
- IGNCA द्वारा 9 जून 2018 से 15 जून 2018 तक आर्यन घाटी की परंपराओं के डॉक्यूमेंटेशन के लिये धा, हानू, लद्दाख एवं जम्मू-कश्मीर में सात दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया।
क्या है इंदिरा गांधी कला केंद्र ?
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, नई दिल्ली (IGNCA) को भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की स्मृति में स्थापित किया गया था।
- यह भारत में एक प्रमुख सरकारी वित्त पोषित कला संगठन है।
- यह केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संस्थान है। यहाँ कला के सभी रूपों का अध्ययन किया जाता है।
स्रोत – पीआईबी