Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 01 जुलाई, 2020 | 01 Jul 2020
‘एक्सीलेरेट विज्ञान’ योजना
देश में वैज्ञानिक शोध की गति को तीव्र करने और विज्ञान के क्षेत्र में कार्य करने हेतु मानव संसाधन का निर्माण करने के उद्देश्य से विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के सांविधिक निकाय विज्ञान एवं इंजीनियरी अनुसंधान बोर्ड (Science and Engineering Research Board -SERB) द्वारा ‘एक्सीलेरेट विज्ञान’ योजना (Accelerate Vigyan Scheme) की शुरुआत की गई है। यह योजना विज्ञान के क्षेत्र में कैरियर बनाने के इच्छुक छात्रों को रिसर्च इंटर्नशिप, क्षमता निर्माण कार्यक्रमों और कार्यशालाओं से संबंधित एक मंच प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। उल्लेखनीय है कि एक अंतर-मंत्रालयी (Inter-Ministerial) योजना के रूप में ‘एक्सीलेरेट विज्ञान’ योजना की शुरुआत यह मानते हुए की गई है कि अनुसंधान की गुणवत्ता उससे जुड़े प्रशिक्षित अनुसंधानकर्त्ताओं के विकास पर आधारित होती है। यह योजना अनुसंधान की संभावनाओं, परामर्श, प्रशिक्षण और व्यावहारिक कार्य प्रशिक्षण की पहचान करने की कार्यविधि को सुदृढ़ बनाने के लिये राष्ट्रीय स्तर पर कार्य करेगी। इस योजना के तीन व्यापक लक्ष्यों में वैज्ञानिक कार्यक्रमों का एकत्रीकरण, संसाधनों/सुविधाओं से दूर अनुसंधान प्रशिक्षुओं के लिये स्तरीय कार्यशालाओं की शुरुआत और अवसरों का सृजन करना शामिल है। गौरतलब है कि विज्ञान एवं इंजीनियरी अनुसंधान बोर्ड जल्द ही इस कार्यक्रम से संबंधित एक एप भी शुरू करेगा। इस योजना के अंतर्गत विभिन्न विषयों पर केंद्रित उच्च स्तरीय कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा, जिससे आगामी पाँच वर्षों में करीब 25 हजार पोस्ट ग्रेजुएट (Postgraduate) एवं पीएचडी (PhD) छात्रों को आगे बढ़ने का अवसर मिल सकेगा।
राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस
भारत में प्रत्येक वर्ष 01 जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस (National Doctor's Day) मनाया जाता है, इस दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य समाज के प्रति चिकित्सकों के योगदान और उनकी प्रतिबद्धता के लिये उनका आभार व्यक्त करना है। ध्यातव्य है कि भारतीय समाज में चिकित्सकों को भगवान के समान दर्ज़ा दिया जाता है। भारत में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के आयोजन की शुरुआत सर्वप्रथम वर्ष 1991 में हुई थी, तभी से प्रत्येक वर्ष 01 जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाया जाता है। इस दिवस का आयोजन पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री और चिकित्सक डॉ. बिधानचंद्र रॉय के सम्मान में किया जाता है। डॉ. बिधानचंद्र रॉय का जन्म 01 जुलाई, 1882 को हुआ था और संयोगवश उनकी मृत्यु भी 01 जुलाई 1962 को ही हुई थी। डॉ. बिधानचंद्र रॉय एक प्रख्यात भारतीय चिकित्सक, शिक्षाविद, स्वतंत्रता सेनानी और राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने वर्ष 1948 से वर्ष 1962 में अपनी मृत्यु तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री के रूप में अपनी सेवाएँ दीं। मौजूदा महामारी के दौर में विश्व भर में चिकित्सकों का महत्त्व और अधिक बढ़ गया है, सभी चिकित्सक प्रथम पंक्ति में खड़े होकर कोरोना वायरस (COVID-19) के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं।
नेशनल चार्टर्ड एकाउंटेंट्स दिवस
भारत में प्रतिवर्ष 01 जुलाई को नेशनल चार्टर्ड एकाउंटेंट्स दिवस (National Chartered Accountants Day) के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस के आयोजन का प्रमुख उद्देश्य एक पारदर्शी अर्थव्यवस्था सुनिश्चित करने में चार्टर्ड एकाउंटेंट्स (CA) की भूमिका को रेखांकित करना है। इस दिवस का आयोजन इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (Institute of Chartered Accountants of India-ICAI) की स्थापना के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। ICAI भारत का राष्ट्रीय पेशेवर लेखा निकाय है और विश्व का दूसरा सबसे बड़ा लेखा संगठन (Accounting Organization) है। इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) की स्थापना 01 जुलाई, 1949 को संसद में पारित एक अधिनियम के माध्यम से की गई थी। ध्यातव्य है कि ICAI भारत में वित्तीय ऑडिट (Financial Audit) और लेखा (Accounting) पेशे के लिये एकमात्र लाइसेंसिंग और नियामक निकाय है। एक पेशे के रूप में चार्टर्ड एकाउंटेंट्स (CA) के इतिहास को ब्रिटिश काल से खोजा जा सकता है। ब्रिटिश सरकार ने सर्वप्रथम वर्ष 1913 में कंपनी अधिनियम पारित किया था, इसमें उन पुस्तकों की एक निर्धारित सूची थी, जिन्हें अधिनियम के तहत पंजीकृत प्रत्येक कंपनी को बनाए रखना अनिवार्य था। इसके अलावा, अधिनियम में एक ऑडिटर की नियुक्ति का भी प्रावधान किया गया था, जिसके पास सभी पुस्तकों के निरीक्षण की शक्तियाँ थीं।
प्लाज़्मा बैंक
हाल ही में दिल्ली सरकार ने कोरोना वायरस (COVID-19) से संक्रमित लोगों की सहायता के लिये एक प्लाज़्मा बैंक (Plasma Bank) स्थापित करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अनुसार, दिल्ली में स्थापित होने वाला यह प्लाज़्मा बैंक देश भर में अपनी तरह का पहला बैंक होगा। साथ ही मुख्यमंत्री ने COVID-19 से ठीक हो चुके मरीज़ों से प्लाज़्मा दान देने की भी अपील की है। इस संबंध में प्लाज़्मा दानकर्त्ताओं के लिये एक विशेष हेल्पलाइन भी जारी की जाएगी। दिल्ली का यह प्लाज़्मा बैंक भी ब्लड बैंक (Blood Bank) की तरह ही कार्य करेगा और यहाँ COVID-19 संक्रमण से उबर चुके मरीज़ अपने प्लाज़्मा दान कर सकेंगे, वहीं वायरस से संक्रमित लोग यहाँ से प्लाज़्मा प्राप्त कर सकेंगे। दिल्ली, प्लाज्मा थेरेपी के साथ परीक्षण करने के लिये ICMR से मंज़ूरी प्राप्त करने वाले कुछ विशिष्ट राज्यों में से एक है। गौरतलब है कि इस इस पद्धति के अंतर्गत स्वस्थ हो चुके COVID-19 के रोगियों के शरीर से प्लाज़्मा को प्राप्त किया जाता है तथा रोगी के शरीर में इन्हें प्रविष्ट कराकर उसका उपचार किया जाता है। परीक्षण में पाया गया है कि यह उपचार गंभीर रोगियों पर उतना प्रभाव नहीं है, हालाँकि कम लक्षण वाले रोगियों पर इसकी प्रतिक्रिया काफी सकारात्मक रही है।