सीमा अवसंरचना को बढ़ाना | 13 Feb 2023
प्रिलिम्स के लिये:सीमा अवसंरचना और प्रबंधन, सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम। मेन्स के लिये:सीमाओं को सुरक्षित करने में सीमा बुनियादी अवसंरचना एवं प्रबंधन का महत्त्व। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में विदेश मंत्री ने सीमा अवसंरचना और कनेक्टिविटी पर सरकार की परियोजनाओं के बारे में संसद को जानकारी दी।
- यह रिपोर्ट सुरक्षा सम्मेलन की एक आधिकारिक रिपोर्ट के मद्देनज़र जारी की गई थी, जिसमें कहा गया था कि भारतीय बलों ने वर्ष 2020 के बाद से LAC पर 65 गश्त बिंदुओं में से 26 पर पहुँच खो दी है।
सीमा अवसंरचना विकास:
- बहु-आयामी दृष्टिकोण:
- सड़कों, पुलों एवं सुरंगों के माध्यम से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर कनेक्टिविटी में सुधार करना।
- उदाहरण के लिये वर्ष 2014 से 2022 की अवधि में चीन सीमावर्ती क्षेत्रों में निर्मित सड़कों की लंबाई (6,806 किमी.), वर्ष 2008-2014 (3,610 किमी.) के दौरान निर्मित सड़कों की लंबाई से लगभग दोगुनी है।
- राजमार्गों, पुलों, अंतर्देशीय जलमार्गों, रेलमार्गों, विद्युत लाइनों और ईंधन पाइपलाइनों के माध्यम से पड़ोसी देशों के लिये सीमा पार कनेक्टिविटी में सुधार।
- पड़ोसी देशों में व्यापार एवं वित्तपोषण तथा बुनियादी अवसंरचना परियोजनाओं के निर्माण को सुचारु बनाने हेतु सभी सीमा क्रॉसिंग पर एकीकृत चेक पोस्ट (ICP) का आधुनिकीकरण तथा निर्माण करना।
- सड़कों, पुलों एवं सुरंगों के माध्यम से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर कनेक्टिविटी में सुधार करना।
- पड़ोसी परियोजनाएँ:
- नेपाल:
- दक्षिण एशिया की पहली सीमा पार पेट्रोलियम उत्पाद पाइपलाइन मोतिहारी-अमलेखगंज पाइपलाइन।
- भारतीय अनुदान सहायता के अंतर्गत धारचूला (भारत) को दार्चुला (नेपाल) से जोड़ने वाली महाकाली नदी पर महाकाली मोटर योग्य पुल।
- बांग्लादेश:
- मैत्री सेतु, बांग्लादेश के साथ हाई स्पीड डीज़ल पाइपलाइन जो पेट्रोल की कीमतों और सड़क की भीड़ को कम करेगी।
- म्याँमार:
- भूटान:
- पश्चिम बंगाल की सीमा से सटे पसाखा में शुष्क बंदरगाह को भारत सरकार के अनुदान के तहत विकसित किया जा रहा है।
- नेपाल:
सीमा अवसंरचना का महत्त्व:
- चीन तथा पाकिस्तान के साथ भारत लंबे समय से क्षेत्रीय और सीमा विवादों का सामना कर रहा है।
- उदाहरण के लिये वर्ष 2014 में चुमार, वर्ष 2017 में डोकलाम में चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के साथ लगातार झड़पें।
- अप्रैल 2020 से जब चीनी सेना ने सीमा पर सैनिकों को इकट्ठा कर लिया था तब से पूरे LAC पर गतिरोध जारी है जिसके परिणामस्वरूप गलवान में झड़प हुई थी।
- सीमा युद्धों और संघर्षों के बावजूद भारत की सीमाओं पर अपर्याप्त बुनियादी अवसंरचना की स्थिति है तथा सीमाओं पर विभिन्न सैन्य, अर्द्ध-सैन्य एवं पुलिस बलों के बीच निगरानी हेतु समन्वय की कमी है।
- तस्कर, ड्रग तस्कर और आतंकवादी अक्सर सीमाओं पर खराब निगरानी और बुनियादी अवसंरचना का फायदा उठाते हैं।
सीमाओं को सुरक्षित करने हेतु पहलें:
- वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम:
- बजट 2022-23 में घोषित नए वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत विरल आबादी, सीमित कनेक्टिविटी और बुनियादी ढाँचे वाले सीमावर्ती गाँवों को कवर किया जाएगा।
- इन गतिविधियों में गाँव के बुनियादी ढाँचे का निर्माण, आवास, पर्यटन केंद्र, सड़क संपर्क, विकेंद्रीकृत नवीकरणीय ऊर्जा का प्रावधान, दूरदर्शन और शैक्षिक चैनलों की सीधे घर तक पहुँच और आजीविका सृजन के लिये समर्थन शामिल होगा।
- यह कदम LAC के करीब चीन के 'मॉडल गाँवों' का मुकाबला करने के लिये उठाया गया है।
- सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम (Border Area Development Programme- BADC):
- BADP को सातवीं पंचवर्षीय योजना (1985-90) के दौरान पश्चिमी क्षेत्र के सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढाँचे के विकास और सीमावर्ती आबादी के बीच सुरक्षा की भावना को बढ़ावा देने के माध्यम से इन क्षेत्रों के संतुलित विकास को सुनिश्चित करने के लिये शुरू किया गया था।
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास स्थित दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की विशेष विकास आवश्यकताओं को पूरा करना है।
- भारत में स्मार्ट फेंसिंग:
- व्यापक एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली (Comprehensive Integrated Border Management System- CIBMS) के तहत भारत-पाकिस्तान सीमा (10 किलोमीटर) और भारत-बांग्लादेश सीमा (61 किलोमीटर) पर लगभग 71 किलोमीटर की दो पायलट परियोजनाएँ पूरी हो चुकी हैं।
- CIBMS में सीमाओं को सुरक्षित करने के लिये थर्मल इमेजर्स, इन्फ्रा-रेड और लेज़र अलार्म, एयरोस्टैट्स, ग्राउंड सेंसर, रडार, सोनार सिस्टम, फाइबर-ऑप्टिक सेंसर और रीयल-टाइम कमांड-एंड-कंट्रोल सिस्टम जैसी उन्नत निगरानी तकनीकों का इस्तेमाल किया जाना शामिल है।
- असम के धुबरी ज़िले में भारत-बांग्लादेश सीमा पर CIBMS के तहत BOLD-QIT (बॉर्डर इलेक्ट्रॉनिकली डोमिनेटेड QRT इंटरसेप्शन तकनीक) का भी उपयोग किया जा रहा है।
- व्यापक एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली (Comprehensive Integrated Border Management System- CIBMS) के तहत भारत-पाकिस्तान सीमा (10 किलोमीटर) और भारत-बांग्लादेश सीमा (61 किलोमीटर) पर लगभग 71 किलोमीटर की दो पायलट परियोजनाएँ पूरी हो चुकी हैं।
- सीमा सड़क संगठन:
- वर्ष 1960 में स्थापित यह संगठन सड़कों, पुलों, राजमार्गों, हवाई अड्डों, सुरंगों, इमारतों और ऐसी अन्य संरचनाओं सहित रक्षा अवसंरचना प्रदान करने में एक प्रमुख भूमिका निभाता है।
सीमा अवसंरचना विकास का सार |
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प्रमुख खतरे |
आवश्यक कदम |
बीते समय में किये गए प्रयास |
पकिस्तान |
युद्ध, विद्रोह, तस्करी |
अच्छी तरह से प्रशिक्षित और वृहत BOLD-QIT के साथ C.I.B.M.S. निगरानी, दूरदराज़ के क्षेत्रों, विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर को जोड़ने वाले एक से अधिक मार्ग |
C.I.B.M.S., कुछ हिस्सों में लेह का तीसरा मार्ग वर्ष 2023 तक खोला जाना अपेक्षित |
चीन |
युद्ध |
बख्तरबंद वाहन सक्षम बुनियादी ढाँचा, उच्च ऊँचाई वाले हवाई क्षेत्र |
डौलेट बेग ओल्डी हवाई परिचालन जारी, कुछ पुल और सुरंगें बख्तरबंद वाहन सक्षम |
बांग्लादेश |
तस्करी, मानव तस्करी |
नदी के पूरे विस्तृत क्षेत्र में C.I.B.M.S. और BOLD-QIT निगरानी |
ब्रह्मपुत्र नदी क्षेत्र कवर किया जा चुका है, अत्यंत छोटी नदी क्षेत्र अभी बाकी |
नेपाल |
तस्करी, मानव तस्करी |
BOLD-QIT के साथ C.I.B.M.S. निगरानी |
नियोजन के स्तर में |
भूटान |
तस्करी |
भूटान-चीन सीमा तक बख्तरबंद वाहन सक्षम सड़क संपर्क |
सीमा सड़क संगठन द्वारा इस दिशा में कार्य जारी |
म्याँमार |
तस्करी, विद्रोह |
उग्रवाद से निपटने के लिये बड़े और अधिक कुशल BOLD-QIT के साथ C.I.B.M.S. निगरानी, सैनिकों की त्वरित आवाजाही के लिये सड़कें |
कुछ सड़कें मौजूद हैं, C.I.B.M.S. नियोजन के स्तर पर |
आगे की राह
- चीन की सीमा से सटे क्षेत्रों में भौतिक अवसंरचना जैसे- सड़क, पुल और अन्य सीमा अवसंरचना में निरंतर निवेश किया जाना चाहिये।
- पड़ोसी देशों के साथ कनेक्टिविटी में सुधार हेतु दूरसंचार और परिवहन नेटवर्क में निवेश को बढ़ावा देना चाहिये।
- प्रौद्योगिकी उन्नयन के माध्यम से प्रभावी ढंग से गश्त और सीमा क्षेत्र की निगरानी हेतु सीमा सुरक्षा बलों की क्षमता में वृद्धि करना।
- पारस्परिक रूप से लाभप्रद बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं को विकसित करने हेतु पड़ोसी देशों के साथ सहयोग और संबंधों को मज़बूत करने एवं विश्वास बढ़ाने के लिये पड़ोसी देशों के साथ आर्थिक तथा सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ाना।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. सीमा प्रबंधन विभाग निम्नलिखित में से किस केंद्रीय मंत्रालय का एक विभाग है? (2008) (a) रक्षा मंत्रालय उत्तर: (b) व्याख्या:
अतः विकल्प (b) सही है। प्रश्न: भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिये बाह्य राज्य और गैर-राज्य कारकों द्वारा प्रस्तुत बहुआयामी चुनौतियों का विश्लेषण कीजिये। इन संकटों का मुकाबला करने के लिये आवश्यक उपायों पर भी चर्चा कीजिये। (मुख्य परीक्षा, 2021) प्रश्न: प्रभावी सीमावर्ती क्षेत्र प्रबंधन हेतु हिंसावादियों को स्थानीय समर्थन से वंचित करने के आवश्यक उपायों की विवेचना कीजिये और स्थानीय लोगों में अनुकूल धारणा प्रबंधन के तरीके भी सुझाइये। (मुख्य परीक्षा, 2020) प्रश्न: आंतरिक सुरक्षा खतरों तथा नियंत्रण रेखा (LoC) सहित म्याँमार, बांग्लादेश और पाकिस्तान सीमाओं पर सीमा पार अपराधों का विश्लेषण कीजिये। विभिन्न सुरक्षा बलों द्वारा इस संदर्भ में निभाई गई भूमिका की भी चर्चा कीजिये। (मुख्य परीक्षा, 2020) प्रश्न: दुर्गम क्षेत्र एवं कुछ देशों के साथ शत्रुतापूर्ण संबंधों के कारण सीमा प्रबंधन एक कठिन कार्य है। प्रभावशाली सीमा प्रबन्धन की चुनौतियों एवं रणनीतियों पर प्रकाश डालिये। (मुख्य परीक्षा, 2016) |