इंद्रधनुष और जलवायु परिवर्तन | 04 Nov 2022
प्रिलिम्स के लिये:इंद्रधनुष निर्माण मेन्स के लिये:इंद्रधनुष निर्माण और यह जलवायु परिवर्तन के साथ इसका संबंध |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में एक शोध में पाया गया है कि ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में वृद्धि के कारण क्लाउड कवर और वर्षा में परिवर्तन से औसत वैश्विक वार्षिक इंद्रधनुष दिनों में वृद्धि होने का अनुमान है।
- वर्ष 2100 तक विश्व स्तर पर इंद्रधनुष के औसत दिनों में 4.0-4.9% की वृद्धि होने की उम्मीद है।
अध्ययन से इंद्रधनुष के बारे में निष्कर्ष:
- कम इंद्रधनुष वाले क्षेत्र:
- लगभग 21-34% भूमि क्षेत्र इंद्रधनुष के दिनों को खो देंगे।
- मध्य अफ्रीका, मेडागास्कर और मध्य दक्षिण अमेरिका को छोड़कर जिन क्षेत्रों में इंद्रधनुष के दिनों में कमी आएगी, उनमें वर्ष 2100 तक कुल वर्षा में कमी का अनुमान है।
- सभी में अधिक वार्षिक शुष्क दिन और कम कुल वार्षिक क्लाउड कवर होने का अनुमान है।
- उच्च इंद्रधनुष वाले क्षेत्र:
- उच्च उत्सर्जन वाले क्षेत्र (लगभग 66-79%) इंद्रधनुष के दिनों को प्राप्त करेंगे।
- भारत उन देशों में से एक है जहाँ इंद्रधनुष के दिनों की संख्या बढ़ेगी।
- माली, नाइजर, चाड, सूडान और इथियोपिया जैसे अफ्रीकी देशों में भी अधिक इंद्रधनुष बनने की संभावना है।
- रेनबो गेन हॉटस्पॉट ज़्यादातर उच्च अक्षांशों पर या बहुत अधिक ऊँचाई पर स्थित होते हैं, जैसे तिब्बती पठार, जहाँ कम बर्फ और अधिक बारिश होने की संभावना होती है।
- पूर्वी बोर्नियो और उत्तरी जापान जैसे दो इंद्रधनुष हॉटस्पॉट में कुल वर्षा में वृद्धि होगी लेकिन प्रति वर्ष अधिक शुष्क दिन होंगे।
इंद्रधनुष और जलवायु परिवर्तन में परस्पर संबंध:
- विषय:
- इंद्रधनुष एक सामान्य वायुमंडलीय प्रकाशीय घटना है। बरसात के मौसम में जब पानी की बूँदे सूर्य के प्रकाश पर पड़ती है तब सूर्य की किरणों का विक्षेपण ही इंद्रधनुष के सुंदर रंगों का कारण बनता है।
- जब सूरज की रोशनी बारिश की बूँदों से टकराती है, तो कुछ प्रकाश परावर्तित हो जाता है। इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम कई अलग-अलग वेवलेंथ के साथ प्रकाश से बना होता है और प्रत्येक वेवलेंथ एक अलग कोण पर परावर्तित होता है। इस प्रकार स्पेक्ट्रम अलग हो जाता है, जिससे इंद्रधनुष बनता है।
- इंद्रधनुष को कोहरे, समुद्री फुहारें या झरनों के आसपास भी देखा जा सकता है।
- यह एक दृष्टि संबंधी/ऑप्टिकल भ्रम है, यह वास्तव में आकाश में किसी विशिष्ट स्थान पर मौजूद नहीं होता है।
- इंद्रधनुष प्रकाश के अपवर्तन और परावर्तन का परिणाम है।
- अपवर्तन और परावर्तन दोनों ही ऐसी घटनाएँ हैं जिनमें तरंग की दिशा में परिवर्तन शामिल होता है।
- अपवर्तित तरंग "झुकी हुई" दिखाई दे सकती है, जबकि परावर्तित तरंग किसी सतह या अन्य तरंगाग्र से "वापस आती हुई" प्रतीत हो सकती है।
- प्राथमिक इंद्रधनुष पर रंग हमेशा उनकी तरंग दैर्ध्य के क्रम में होते हैं, दीर्घ से सबसे लघु तक: लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला, इंडिगो और बैंगनी।
- इंद्रधनुष एक सामान्य वायुमंडलीय प्रकाशीय घटना है। बरसात के मौसम में जब पानी की बूँदे सूर्य के प्रकाश पर पड़ती है तब सूर्य की किरणों का विक्षेपण ही इंद्रधनुष के सुंदर रंगों का कारण बनता है।
- जलवायु परिवर्तन के साथ संबंध:
- जीवाश्म ईंधन जलाने जैसी मानवीय गतिविधियाँ वातावरण को गर्म कर रही हैं, जिससे स्वरूप और वर्षा एवं बादलों की मात्रा में परिवर्तन होता है।
- जलवायु परिवर्तन वाष्पीकरण और नमी के अभिसरण को प्रभावित करके इंद्रधनुषी घटना के वितरण को बदल देगा।
- यह वर्षा और बादल अच्छादन के स्वरूप को बदल देता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्नवर्षा की बूँदों पर सूर्य की रोशनी पड़ने पर इंद्रधनुष बनता है। निम्नलिखित में से कौन-सी भौतिक घटनाएँ इसके लिये उत्तरदायी हैं? (2013)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (d) व्यख्या:
अतः विकल्प (d) सही उत्तर है। |