नेपाल और भारत के बीच रेल लिंक | 11 Oct 2021
प्रिलिम्स के लिये:कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड मेन्स के लिये:भारत-नेपाल रेल सेवा समझौता, भारत-नेपाल संबंध |
चर्चा में क्यों?
नेपाल और भारत के बीच रेल लिंक का पहला चरण पड़ोसी देश की पहली ब्रॉड गेज यात्री सेवा (जयनगर-बिजलपुरा-बरदीबास रेलवे परियोजना) को फिर से शुरू करने के लिये तैयार किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- पृष्ठभूमि:
- नेपाल और भारत के बीच रेल संपर्क 20वीं सदी की शुरुआत से ही लोकप्रिय रहा है।
- 1937 में अंग्रेज़ों ने नेपाल से भारत के लिये मुख्य रूप से लोगों या वस्तुओं को लाने-ले जाने हेतु एक नैरो गेज लाइन का निर्माण किया था।
- हालाँकि समय के साथ यह एक लोकप्रिय यात्री सेवा बन गई, इससे पहले इसे 2014 में ब्रॉड गेज में बदलने के लिये रोक दिया गया था।
- पुर्नोत्थान परियोजनाएँ:
- पहला चरण: बिहार के जयनगर और नेपाल के कुर्था के बीच [हिंदू तीर्थ शहर जनकपुर धाम (नेपाल में)] 34 किलोमीटर की लाइन का विस्तार किया जाएगा।
- दूसरा चरण: कुर्था से बिजलपुरा तक 17 किमी. लंबी रेलवे लाइन को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है।
- बरदीबास तक के शेष भाग के लिये भूमि इरकॉन (IRCON) इंटरनेशनल लिमिटेड (भारत सरकार का उपक्रम) को सौंपी जा रही है।
- परियोजना की लागत: सभी चरणों की कुल निर्माण लागत 784 करोड़ रुपए अनुमानित है, यह राशि नेपाल को अनुदान के रूप में भारत द्वारा वहन की जा रही है।
- प्रबंधन निकाय: कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड को लाइन के संचालन और रखरखाव के लिये अनुबंध मिला है तथा द्विपक्षीय समझौते के अनुसार, यह नेपाल द्वारा प्रदान की गई जनशक्ति को प्रशिक्षित औरउसका विकास करेगा।
- इलेक्ट्रिक रेल ट्रैक:
- भारत में काठमांडू को रक्सौल (बिहार) से जोड़ने वाला इलेक्ट्रिक रेल ट्रैक बिछाने हेतु दोनों सरकारों के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए हैं।
- परिवहन ट्रेन सेवाएँ:
- भारत और नेपाल ने भारत-नेपाल रेल सेवा समझौता (RSA), 2004 हेतु एक विनिमय पत्र (एलओई) पर हस्ताक्षर किये हैं।
- यह सभी अधिकृत कार्गो ट्रेन ऑपरेटरों को कंटेनर और अन्य माल को नेपाल ले जाने के लिये भारतीय रेलवे नेटवर्क का उपयोग करने की अनुमति देगा (भारत तथा नेपाल या तीसरे देश के बीच भारतीय बंदरगाहों से नेपाल तक)।
- महत्त्व:
- रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण इस क्षेत्र में अन्य पड़ोसी देशों के प्रभाव को दरकिनार करते हुए रेलवे के माध्यम से नेपाल के साथ भारत के संबंधों को मज़बूत करने की एक बड़ी योजना के लिये इस लाइन को एक छोटी सी कड़ी के रूप में देखा जा रहा है।
अन्य कनेक्टिविटी परियोजना:
- अंतर्देशीय जलमार्ग: भारत व्यापार और पारगमन व्यवस्था के ढाँचे के भीतर कार्गो की आवाजाही हेतु अंतर्देशीय जलमार्ग विकसित करना चाहता है, यह नेपाल को सागर (हिंद महासागर) के साथ सागरमाथा (माउंट एवरेस्ट) को जोड़ने के लिये समुद्र तक अतिरिक्त पहुँच प्रदान करता है।
- पेट्रोलियम पाइपलाइन: वर्ष 2019 में भारत और नेपाल ने संयुक्त रूप से एक सीमा पार पेट्रोलियम उत्पाद पाइपलाइन का उद्घाटन किया था।
- पाइपलाइन भारत में मोतिहारी (बिहार) से पेट्रोलियम उत्पादों को नेपाल के अमलेखगंज तक ले जाती है।
- यह दक्षिण एशिया की पहली सीमा पार पेट्रोलियम उत्पाद पाइपलाइन है।